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ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारतीय सिनेमा की भूमिका को बताते हुए भारत की सॉफ्ट पॉवर में इसके योगदान को स्पष्ट कीजिये। भारत की सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक आकांक्षाओं के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    04 Apr, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भारतीय सिनेमा का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • भारत की सॉफ्ट पॉवर बढ़ाने में इसकी भूमिका और भारत की सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक आकांक्षाओं के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    • भारतीय सिनेमा (जिसे बॉलीवुड भी कहा जाता है) भारत और विश्व स्तर पर एक महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक घटक है। भारतीय सिनेमा न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि भारतीय समाज, संस्कृति और मूल्यों का प्रतिबिंब भी है।
    • भारतीय सिनेमा की छवि और लोकप्रियता ने इसे भारत की सॉफ्ट पॉवर का एक अनिवार्य घटक बना दिया है जिसने देश की वैश्विक छवि और सांस्कृतिक कूटनीति में योगदान दिया है।

    मुख्य भाग:

    • भारतीय सिनेमा भारतीय संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है जिससे भारतीय पहचान को आकार मिलने के साथ देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं पर भी प्रभाव पड़ रहा है। भारत की सॉफ्ट पॉवर में भारतीय सिनेमा का योगदान बहुत अधिक रहा है जो इसे सांस्कृतिक कूटनीति का एक अनिवार्य उपकरण बनाता है।
    • सॉफ्ट पॉवर बढ़ाने में भूमिका:
      • सॉफ्ट पॉवर की अवधारणा को जोसेफ नी द्वारा दिया गया है जिसका आशय अहिंसक माध्यम से अन्य देशों को प्रभावित करने की किसी देश की क्षमता से है। भारत की सॉफ्ट पॉवर इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, योग, आयुर्वेद, संगीत, नृत्य और व्यंजनों पर आधारित है। भारतीय सिनेमा ने वैश्विक स्तर पर भारत की सॉफ्ट पॉवर में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
        • भारतीय फिल्में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, चीन और रूस सहित कई देशों में लोकप्रिय हैं। इन्हें विश्व स्तर पर लाखों लोग देखते हैं जिससे भारतीय संस्कृति, मूल्यों और जीवन शैली का प्रसार होता है।
      • भारतीय सिनेमा ने विश्व स्तर पर भारत की सकारात्मक छवि विकसित करने में मदद की है। इसने भारत को सांस्कृतिक समृद्धि, विविधता और समृद्ध परंपरा के रूप में प्रदर्शित किया है। भारतीय सिनेमा ने प्रेम और सामाजिक सद्भाव जैसे भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में भी मदद की है। भारतीय फिल्मों के विषय में सभी संस्कृतियों के लोगों को शामिल किया जाता है जिससे इनकी लोकप्रियता बढ़ती है।
      • कहानी प्रस्तुत करने की विशिष्ठ तकनीक और शैली: इससे इसकी वैश्विक स्वीकार्यता को बढ़ावा मिला है।
        • भारतीय सिनेमा को इसके जीवंत संगीत, नृत्य और रंगीन परिधानों के लिये जाना जाता है जिससे दर्शकों को मनोरंजक अनुभव मिलता है।
        • भारतीय सिनेमा की शैलियों में एक्शन, ड्रामा, रोमांस, कॉमेडी और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में शामिल हैं जो इसे एक विविध और समावेशी उद्यम बनाती हैं।
        • भारतीय सिनेमा के विषय और कहानियाँ भारतीय संस्कृति और समाज में निहित हैं जिससे भारतीय जीवन और मूल्यों का प्रसार होता है।
      • वैश्विक स्वीकार्यता और सांस्कृतिक प्रभाव: भारतीय सिनेमा की वैश्विक स्वीकार्यता इसकी कहानी प्रस्तुत करने की विशिष्ठ तकनीक और शैलियों में निहित है। भारतीय सिनेमा का वैश्विक प्रभाव विश्व स्तर पर भारतीय फिल्मों और कलाकारों की लोकप्रियता के रूप में देखा जा सकता है।
        • भारतीय सिनेमा ने सांस्कृतिक सीमाओं से परे विश्व स्तर पर अपना एक अलग स्थान बनाया है।
        • वैश्विक सांस्कृतिक प्रवृत्तियों को आकार देने में भारतीय सिनेमा के प्रभाव को विश्व स्तर पर भारतीय फैशन, संगीत और नृत्य की बढ़ती लोकप्रियता के रूप में देखा जा सकता है।
    • भारत की सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक आकांक्षाओं के संदर्भ में भारतीय सिनेमा की प्रासंगिकता: भारत की सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक आकांक्षाओं के संदर्भ में भारतीय सिनेमा की प्रासंगिकता को कम करके नहीं आंका जा सकता है।
      • भारतीय संस्कृति और मूल्यों को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के रूप में भारत की सॉफ्ट पॉवर में इसका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
      • भारतीय सिनेमा सांस्कृतिक समझ और राजनयिक संबंधों को बढ़ावा देने के रूप में भारत और विश्व के बीच एक सेतु रहा है।
      • भारतीय सिनेमा ने विश्व स्तर पर भारत की सकारात्मक छवि विकसित करने, भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
      • इसके अलावा भारतीय सिनेमा का भारतीय अर्थव्यवस्था में भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। बॉलीवुड, दुनिया के सबसे बड़े फिल्म उद्योगों में से एक है जिसमें काफी राजस्व प्राप्त होता है। फिल्म उद्योग से लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है जिसमें अभिनेता, निर्माता, निर्देशक से लेकर तकनीशियन और अन्य सदस्य शामिल होते हैं।

    निष्कर्ष:

    • भारत की सॉफ्ट पॉवर और वैश्विक छवि के निर्धारण में भारतीय सिनेमा के योगदान को कम करके नहीं आंका जा सकता है। भारतीय सिनेमा की कहानी प्रस्तुत करने की विशिष्ठ तकनीक और शैलियों ने इसकी वैश्विक स्वीकार्यता और सांस्कृतिक प्रभाव बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
      • भारतीय सिनेमा ने भारतीय पहचान को आकार देने और भारत की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत की सॉफ्ट पॉवर और वैश्विक छवि को बढ़ावा देने और इसके निरंतर विकास का समर्थन करने में भारतीय सिनेमा के महत्त्व को पहचानना आवश्यक है।

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