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प्रश्न :
प्रश्न. बड़े पैमाने पर औद्योगिक रसायनों का उत्पादन करने वाले एक समूह द्वारा एक दूसरी इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया। पर्यावरण पर होने वाले इसके नकारात्मक प्रभाव के कारण कई राज्यों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। लेकिन एक राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और सभी विरोधों को दरकिनार करते हुए शहर के करीब इस इकाई की स्थापना की अनुमति दे दी। इसके अलावा 10 साल पहले स्थापित की गई एक इकाई वर्तमान तक पूरी क्षमता के साथ संचालित थी। इस क्षेत्र में होने वाला औद्योगिक प्रदूषण भूमि, जल और फसलों को प्रभावित कर रहा था। यह मनुष्यों और जानवरों के लिये गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ भी पैदा कर रहा था। इसके कारण इस इकाई को बंद करने की मांग को लेकर विभिन्न आंदोलन होने लगे। हाल ही में हुए एक आंदोलन में हजारों लोगों ने भाग लिया, जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई और इसमें प्रभावी पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता भी पड़ी। जनता के आक्रोश के बाद, राज्य सरकार ने इस कारखाने को बंद करने का आदेश दिया। कारखाने के बंद होने से न केवल कारखाने में काम करने वाले श्रमिक बेरोज़गार हो गए बल्कि सहायक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिक भी बेरोज़गार हुए। इसने उन उद्योगों को भी बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया जो इसके द्वारा निर्मित रसायनों पर निर्भर थे।
इन मुद्दों को हल करने के लिये एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में आप किस प्रकार इसका समाधान करेंगे?
11 Nov, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- उपर्युक्त मामले में शामिल नैतिक मुद्दे का संक्षेप में परिचय दीजिये ।
- इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारकों के साथ नैतिक दुविधाओं के बारे में चर्चा कीजिये ।
- एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में इस संबंध में अपने द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के बारे में चर्चा कीजिये ।
- अंत में इस समस्या के समाधान हेतु आगे की राह बताइये।
परिचय:
- इस मामले में लोक स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा बनाम लोगों की आजीविका के बीच संघर्ष का मुद्दा शामिल है। इस संदर्भ में पर्यावरणीय नैतिकता और विकासात्मक नैतिकता के बीच उचित संतुलन की आवश्यकता है।
मुख्य भाग :
- इस मामले में शामिल विभिन्न हितधारक:
- एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में स्वयं मैं, जो इस मामले को सुलझाने के लिये भी ज़िम्मेदार हूँ,
- इस क्षेत्र में रहने वाले लोग,
- बंद होने वाली फैक्ट्री के कर्मचारी,
- सहायक इकाइयाँ,
- राज्य सरकार, जिसने औद्योगिक इकाई स्थापित करने की अनुमति दी है,
- इस क्षेत्र के विधायक/सांसद
- इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दे:
- भावनात्मक समझ: इससे वरिष्ठ अधिकारी को उपरोक्त मामले से उत्पन्न होने वाली कठिन परिस्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।
- सहानुभूति: इससे व्यक्तिगत और सामूहिक रुप से दूसरों की ज़रूरतों और भावनाओं को समझने के साथ दूसरों के दृष्टिकोण से विषय-वस्तु को समझने में सक्षम हो पाते हैं।
- इसमें शामिल नैतिक द्वंद:
- पर्यावरणीय उत्तरदायित्व बनाम विकास:इस मामले में औद्योगिक इकाई की स्थापना के कारण विकास और प्रकृति क्षरण के बीच संघर्ष विद्यमान है।
इस मामले में कार्रवाई के चरण:
- इस संबंध में मेरी कार्रवाई का चरण निम्नलिखित होगा:
- पहली बात, अगर मैं जनता के आक्रोश के कारण औद्योगिक इकाई को बंद करने का आदेश देता हूँ तो यह अदूरदर्शी समाधान होगा। क्योंकि इससे इस समस्या के किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित होने के साथ इसका स्थायी समाधान होने के बजाय लोगों के स्वास्थ्य को जोखिम होगा।
- दूसरी बात, मेरी वैकल्पिक योजना ऐसे समाधान की तलाश करने की होगी जो बेहतर पर्यावरणीय परिस्थितियों में कारखाने को चालू रखने के साथ लोगों की नौकरियों को बनाए रखने में सक्षम हो।
- मैं सबसे पहले कारखाने का दौरा करने के साथ विश्लेषण करूँगा कि वे कौन से मुद्दे थे जिनकी वजह से कारखाना बंद हुआ है। मैं यह भी जानने का प्रयास करूँगा कि क्या कारखाने को ऐसे उन्नत उपकरणों के साथ संशोधित किया जा सकता है जिससे आस-पास के पर्यावरण को नुकसान ना पहुँचे।
- यदि इस प्रकार के संशोधन के लिये स्थितियाँ अनुकूल होंगी तो मैं विशेषज्ञों के एक समूह के माध्यम से स्वीकार्य परिस्थितियों में कारखाने के विकास के लिये समाधान ढूंढने का प्रयास करूँगा
- किये गए संशोधन के बेहतर निष्पादन और पर्यावरण क्षरण में कमी आने के आलोक में मुझे इस परियोजना को आगे संचालित रखने के लिये इस पर लोगों की स्वीकृति लेनी होगी। इसके बाद मैं उन्हें सबूत उपलब्ध कराऊंगा ताकि वे प्रशासन पर भरोसा कर सकें।
- कारखाना प्रशासन को पर्यावरण मानकों के अनुसार इसमें परिवर्तन करने की आवश्यकता के बारे में अवगत कराऊँगा। यदि कारखाने के पास धन का अभाव होगा तो मैं उसे अनुमोदित संशोधन को लागू करने के लिये अल्पावधिक ऋण उपलब्ध कराने पर विचार करूँगा
- जब इसमें किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं किया जा सकता हो, तो मैं इस संदर्भ में वैकल्पिक योजनाओं पर विचार करूँगा, ताकि लोगों को इससे परेशानी न हो। इसका समाधान कम प्रदूषण करने वाले एक अन्य उद्योग की स्थापना के माध्यम से किया जा सकता है।
- यदि ऐसा कोई उद्योग स्थापित नहीं होता है तो मुझे ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे नौकरी खोने वाले लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्राप्त हो सके। ऐसा उन्हें उनकी आवश्यकताओं के अनुसार अन्य उद्योगों में स्थानांतरित करके और लघु सहकारी उद्योग या लघु व्यवसाय स्थापित करने के लिये ऋण प्रदान करके स्वरोज़गार के अवसरों को प्रदान कर किया जा सकता है।
- अंत में, मैं यह पता लगाने की कोशिश करूँगा कि क्या दस साल पहले कारखाने की स्थापना की अनुमति देते समय पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया गया था या राज्य के पर्यावरणीय प्रभाव आकलन मानदंडों में कोई खामियां हैं जिनका कंपनी द्वारा फायदा उठाया गया था। साथ ही यह पता लगाने की भी कोशिश करूँगा कि अन्य कंपनियाँ इन मानदंडों का उल्लंघन करने के साथ पर्यावरण को प्रदूषित तो नहीं कर रही हैं।
निष्कर्ष:
इस प्रकार मैं अंततः दूसरे विकल्प का चयन करूँगा जिसमें लोगों के रोज़गार के साथ पर्यावरण प्रदूषण पर भी ध्यान दिया जा सकेगा। यदि इससे दोनों मुद्दों का समाधान हो जाता है तो मैं इसे एक सफल विकल्प मानूंगा।
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