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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रश्न. दैनिक प्रशासन में सिटीजन चार्टर पर ज़ोर देने के बावजूद इसमें कई कमियाँ हैं। चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    22 Sep, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने दृष्टिकोण:

    • अपने उत्तर की शुरुआत सिटीजन चार्टर के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर कीजिये।
    • सिटीजन चार्टर की कमियों की विवेचना कीजिये।
    • सिटीजन चार्टर (सिटिजन चार्टर) में लाए जाने वाले सुधारों की चर्चा कीजिये।
    • आगे की राह बताते हुए अपना उत्तर समाप्त कीजिये।

    परिचय

    सिटिजन चार्टर एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें कोई संगठन अपनी सेवाओं के मानक, संगठन संबंधित सूचनाओं, पसंद और परामर्श, सेवाओं तक भेदभावरहित पहुँच, शिकायत निवारण और शिष्टाचार आदि के संबंध में अपने नागरिकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का व्यवस्थित वर्णन करता है। सिटिजन चार्टर में यह सुनिश्चित किया जाता है कि सार्वजनिक सेवाएँ नागरिक केन्द्रित हों।

    प्रमुख सिद्धांत

    इसका प्रमुख उद्देश्य लोक सेवा के संदर्भ में लोगों को सशक्त बनाना है जिसके मूलत: छ: सिद्धांत हैं-

    • गुणवत्ता: सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार।
    • मानक: प्रकाशित सेवा मानक।
    • चयन: चयन का अवसर तथा परामर्श।
    • मूल्य: करदाताओं के पैसे को महत्त्व देना।
    • जवाबदेहिता: व्यक्तियों एवं संगठन के प्रति।
    • पारदर्शिता: नियम/क्रियाविधि/स्कीम/शिकायत आदि के संदर्भ में पारदर्शिता सुनिश्चित करना

    प्रारूप

    भारत में सिटिजन चार्टर की कमियाँ

    • सहभागी तंत्र से रहित: ज्यादातर मामलों में, सिटिजन चार्टर को नए कर्मचारियों के साथ परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से तैयार नहीं किया जाता है जो अंततः इसे लागू करेंगे।
    • घटिया डिजाइन और सामग्री: सार्थक और संक्षिप्त सिटिजन चार्टर की कमी है और महत्वपूर्ण जानकारी का अभाव है, जो अंतिम उपयोगकर्ताओं को एजेंसियों को जवाबदेह ठहराने हेतु आवश्यक है।
    • सार्वजनिक जागरूकता की कमी : अंतिम उपयोगकर्ताओं का केवल एक छोटा प्रतिशत सिटिजन चार्टर में की गई प्रतिबद्धताओं से अवगत है क्योंकि वितरण वादे के मानकों के बारे में जनता को शिक्षित करने के प्रभावी प्रयास नहीं किये गए हैं।
    • चार्टर्स शायद ही कभी अपडेट किये जाते हैं: इसमें समय समय पर आवश्यक परिवर्तन नहीं किये जाते हैं।
    • कोई उचित परामर्श नहीं: सिटिजन चार्टर का मसौदा तैयार करते समय अंतिम उपयोगकर्ताओं, नागरिक समाज संगठनों और गैर सरकारी संगठनों से परामर्श नहीं लिया जाता है। चूँकि चूंकि एक सिटिजन चार्टर का प्राथमिक उद्देश्य सार्वजनिक सेवा वितरण को अधिक नागरिक केंद्रित बनाना है, इसलिये हितधारकों के साथ परामर्श आवश्यक है।
    • वितरण के मापने योग्य मानकों को शायद ही कभी परिभाषित किया जाता है: यह आकलन करना मुश्किल हो जाता है कि सेवा का वांछित स्तर हासिल किया गया है या नहीं।
    • रुचि की कमी: संगठनों द्वारा अपने सिटिजन चार्टर का पालन करने में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई जाती है क्योंकि संगठन के चूक होने पर नागरिक को क्षतिपूर्ति करने के लिये कोई नागरिक-अनुकूल तंत्र नहीं है।
    • सिटिजन चार्टर में एकरूपता: मूल संगठन के तहत सभी कार्यालयों के लिये एक समान सिटिजन चार्टर रखने की प्रवृत्ति है। अभी भी सभी मंत्रालयों/विभागों द्वारा सिटिजन चार्टर को नहीं अपनाया गया है। इसमें स्थानीय मुद्दों की अनदेखी की जाती है।

    सिटीजन चार्टर (सिटिजन चार्टर) में लाए जाने वाले सुधार

    • एक पैमाना सभी के लिये उपयुक्त नहीं है: सिटिजन चार्टर का निर्माण एक विकेन्द्रीकृत गतिविधि होनी चाहिये जिसमें प्रधान कार्यालय केवल व्यापक दिशानिर्देश प्रदान करता हो।
    • व्यापक परामर्श प्रक्रिया: संगठन के भीतर व्यापक परामर्श के बाद नागरिक समाज के साथ सार्थक संवाद के बाद सिटिजन चार्टर तैयार किया जाना चाहिये।
    • दृढ़ प्रतिबद्धताएँ की जानी चाहिये: सिटिजन चार्टर सटीक होनी चाहिये और जहाँ भी संभव हो, मात्रात्मक शर्तों में नागरिकों/उपभोक्ताओं के लिये सेवा वितरण मानकों की दृढ़ प्रतिबद्धता होनी चाहिये।
    • चूक के मामले में निवारण तंत्र: स्पष्ट रूप से उन राहतों को निर्धारित करें जो संगठन प्रदान करने के लिये बाध्य है यदि उसने वितरण के वादे के मानकों पर चूक की है।
    • सिटिजन चार्टर का आवधिक मूल्यांकन: किसी बाहरी एजेंसी के माध्यम से सिटिजन चार्टर का आवधिक मूल्यांकन कराया जाना चाहिये।
    • परिणामों के लिये अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना: उन मामलों में विशिष्ट जिम्मेदारी तय करें जहाँ जहां सिटिजन चार्टर का पालन करने में कोई चूक हो।
    • प्रक्रिया में नागरिक समाज को शामिल करे: चार्टर की सामग्री में सुधार तथा इसके पालन को सुनिश्चित करने के साथ-साथ नागरिकों को इस महत्वपूर्ण तंत्र के महत्व के बारे में शिक्षित करने में सहायता करना।

    आगे की राह

    • एक नागरिक चार्टर नागरिकों में सेवा वितरण मानकों की स्पष्ट समझ को बढ़ाकर जवाबदेही सुनिश्चित करता है, जिसमें समय-सारणी, सेवाओं के लिये उपयोगकर्ता शुल्क तथा शिकायत निवारण के विकल्प शामिल होते हैं।
    • सेवोत्तम मॉडल (एक सेवा वितरण उत्कृष्टता मॉडल) जैसे सर्वोत्तम अभ्यास मॉडल से सिटिजन चार्टर को अधिक नागरिक केंद्रित बनने में मदद मिल सकती है।

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