दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    दुर्लभ मृदा तत्त्व क्या हैं? भारत के संबंध में इनके रणनीतिक एवं पर्यावरणीय महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

    04 Jul, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • दुर्लभ मृदा तत्त्वों का परिचय दीजिये।
    • भारत के संबंध में इसके रणनीतिक एवं पर्यावरणीय महत्त्व को बताइये।
    • आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष दीजिये।

    दुर्लभ मृदा तत्त्व, आवर्त सारणी में लेंथेनाइड समूह के 15 तत्त्वों तथा स्कैंडियम एवं यटीरियम को मिलाकर कुल सत्रह धात्विक खनिजों का समूह है, जो कि पृथ्वी की ऊपरी सतह पर पाए जाते हैं। इन्हें दुर्लभ मृदा ऑक्साइड भी कहा जाता है। अपने नाम के विपरीत ये मृदा में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं, किंतु इनकी प्रसंस्करण की तकनीक अत्यधिक जटिल एवं दुर्लभ है। इन तत्त्वों का प्रयोग उच्च तकनीकी उत्पादों, जैसे- सेलुलर फोन, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड वाहन तथा फ्लैट स्व्रीन मॉनीटर और टी.वी. बनाने में किया जाता है। वर्तमान समय में इन तत्त्वों की मांग अत्यधिक निम्न है, जो कि धीरे-धीरे समय के साथ बढ़ती जा रही है।

    पर्यावरणीय महत्त्व: अपने चुंबकीय, ल्यूमिनेसेंट एवं वैद्युत-रासायनिक गुणों के कारण ये प्रौद्योगिकी को अल्प वज़नी, अल्प उत्सर्जन तथा अल्प ऊर्जा खपत के साथ उच्च प्रदर्शन करने में मदद करते हैं। इस प्रकार ये अधिक दक्षता, प्रदर्शन, गति एवं तापीय स्थिरता प्रदर्शित करते हैं। इनके विशिष्ट वैद्युत, धातु कर्म, उत्प्रेरक, परमाणु-चुंबकीय तथा ल्यूमिनेसेंट गुणों के कारण भविष्य की प्रौद्योगिकियों को उच्च-तापमान युक्त अतिचालकता, ईंधन हेतु हाइड्रोजन का सुरक्षित भंडारण, वैश्विक तापन तथा ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों का समाधान किया जाएगा।

    रणनीतिक महत्त्व: स्थायी चुंबकत्व युक्त दुर्लभ मृदा धातुओं का प्रयोग रक्षा उपकरणों के निर्माण, मिसाइलों के लिये स्मार्ट पथ प्रदर्शक प्रणाली को नियंत्रित करने, लड़ाकू विमानों के पुर्जों के निर्माण एवं हवाई पट्टियों के रखरखाव के लिये किया जाता है।

    वर्तमान जलवायु परिवर्तन के दौर में स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकियों की तरफ बढ़ते वैश्विक रुझानों के साथ-साथ दुर्लभ मृदा तत्त्वों की मांग में भी वृद्धि होगी। ऐसे में भारत सरकार इस दिशा में अभूतपूर्व प्रयास कर रही है। परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड की निगरानी में दुर्लभ मृदा तत्त्वों का सीमित खनन कर रही है तथा इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास पर बल दे ही है, जिससे भविष्य में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास होने की संभावना है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow