इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    स्वतंत्रता के पश्चात् से भारत में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक एवं पर्यावरणीय आंदोलनों में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

    27 Jun, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी की पृष्ठभूमि को बताते हुए इसकी स्वतंत्रता पश्चात् निरंतरता को बताएँ।
    • उन प्रमुख सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं पर्यावरणीय आंदोलनों को बताइये, जिनमें महिलाओं की भागीदारी अहम रही।
    • संतुलित निष्कर्ष दीजिये।

    भारत में स्वतंत्रता आंदोलन के गांधीवादी चरण के दौरान हड़तालों एवं धरनों में महिलाओं ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा स्वतंत्रता के पश्चात् भी भारतीय महिलाओं ने कई सामाजिक, राजनीतिक एवं पर्यावरणीय आंदोलनों में अहम योगदान दिया तथा समाज में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने में प्रमुख भूमिका निभाई।

    स्वतंत्रता के पश्चात् प्रमुख आंदोलनों में महिलाओं की भूमिका को निम्नवत् देखा जा सकता है-

    राजनीतिक आंदोलनों में: भारतीय संविधान के अनुच्छेद-326 के तहत महिलाओं को सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से राजनीतिक समानता प्रदान की गई है, जिसका भरपूर प्रयोग भारतीय महिलाओं ने किया है। यद्यपि राजनीति में महिलाओं का योगदान सीमित रहा, किंतु महँगाई विरोधी आंदोलन, जेपी आंदोलन, आदिवासी एवं कृषक आंदोलनों में भारतीय महिलाओं ने अहम योगदान दिया।

    सामाजिक आंदोलनों में: भारतीय पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं का स्थान पदानुव्रम में निम्न स्तर पर आता है। इसके बावजूद सामाजिक आंदोलनों में इनकी भूमिका प्रमुख रही। लैंगिक भेदभाव, हिंसा, शराब, बलात्कार एवं पितृसत्ता के खिलाफ आंदोलनों में भारतीय महिलाओं ने अहम योगदान दिया। सहेली, स्वरोज़गार महिला संघ (SEWA), नगा मदर्स एसोशिएशन आदि महिला संगठनों ने सामाजिक आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई।

    पर्यावरणीय आंदोलन में: भारत में पर्यावरण संरक्षण संबंधी आंदोलनों में महिलाओं की अहम भागीदारी है। भारत में चिपको, नर्मदा बचाओ, टिहरी बांध पुनर्वास आंदोलन, मैती आंदोलन एवं नवद्या जैसे महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय आंदोलनों में महिलाओं की भूमिका प्रशंसनीय है।

    वस्तुत: यदि देखा जाए तो भारत में राजनीति एवं आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति उनकी जनसंख्या के अनुपात में अत्यधिक न्यून है, इसके बावजूद भी भारत के प्रमुख सामाजिक, राजनीतिक एवं पर्यावरणीय आंदोलनों में इनकी भूमिका अत्यधिक सराहनीय है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2