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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    एस.सी.ओ. के लक्ष्यों और उद्देश्यों का विश्लेषणात्मक परीक्षण कीजिये। भारत के लिये इसका क्या महत्त्व है? (250 शब्द) 

    17 May, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध

    उत्तर :

    शंघाई में स्थापित शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation–SCO) एक अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। यह एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता को बनाए रखना है। वर्ष 2017 में भारत तथा पाकिस्तान को इसके सदस्य का दर्जा मिला।

    SCO के लक्ष्य एवं उद्देश्य

    • सदस्य देशों के मध्य परस्पर विश्वास तथा सद्भाव को मज़बूत करना।
    • राजनीतिक, व्यापारिक एवं आर्थिक, अनुसंधान व प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति में प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देना।
    • शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, इत्यादि क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाना।
    • संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखना तथा सुनिश्चिता प्रदान करना।
    • एक लोकतांत्रिक, निष्पक्ष एवं तर्कसंगत नव-अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्था की स्थापना करना।

    हालाँकि, इस संगठन में शामिल देश मिलकर अलग-अलग एवं परस्पर विरोधी हितों का एक जटिल मेट्रिक्स बनाते हैं। उदाहरण के लिये, भारत-पाकिस्तान-रूस-चीन संबंध। वहीं चीन की नीतियाँ; जैसे- चेक-बुक पॉलिसी, वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी, मानवाधिकार उल्लंघन या हॉन्गकॉन्ग मुद्दा आदि SCO के लक्ष्य एवं उद्देश्यों को लेकर चीन की प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल उठाते हैं। जहाँ SCO के ज़रिये चीन ने आर्थिक सहयोग के नाम पर अपने BRI प्रोजेक्ट को विस्तार दिया है, तो वहीं पाकिस्तान और चीन के आतंकवादी एवं अलगाववादी संगठनों के समर्थन से क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS) की मूल भावना को धूमिल किया है। इसके अलावा कोविड-19 के दौरान SCO देशों के बीच सीमित विकासात्मक सहयोग जुड़ाव की कमी को दर्शाता है।

    भारत के लिये SCO का महत्त्व

    • SCO को दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन माना जाता है और इसमें शामिल होने से भारत का अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व बढ़ा है।
    • SCO की भारत की सदस्यता मध्य एशियाई देशों के खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों तक पहुँच प्रदान करके ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा दे सकती है।
    • भारत को मध्य एशिया के देशों से आर्थिक संबंधों का विस्तार करके सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, बैंकिंग, वित्तीय तथा फार्मा उद्योगों आदि हेतु एक विशाल बाज़ार प्राप्त हो सकता है।
    • भारत विस्तारित पड़ोस (मध्य एशिया) में सक्रिय भूमिका निभा सकता है तथा साथ ही यूरेशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम एवं चीन के साथ मिलकर अमेरिका को काउंटर करने का प्रयास भी कर सकता है।
    • SCO की क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना के माध्यम से भारत आतंकवाद, उग्रवाद और कटेरपंथ का मुकाबला करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
    • भारत को इसके माध्यम से क्षेत्रीय एकीकरण, सीमाओं के पार संपर्क एवं स्थिरता को बढ़ावा देने में सहायता मिल सकती है।

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