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ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ‘‘यद्यपि भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों एवं अमेरिकी संविधान के बिल ऑफ राइट्स दोनों ही स्वभाव में समान रूप से प्रगतिशील हैं तथापि उनके मध्य कई अंतर भी विद्यमान हैं।’’ टिप्पणी कीजिये। (150 शब्द)

    21 Jan, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भारतीय संविधान और अमेरिकी संविधान के समान स्वभाव को बताते हुए उत्तर की शुरुआत करें।
    • भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों एवं अमेरिकी संविधान के ‘बिल ऑफ राइट्स’ के बीच विद्यमान अंतरों को बताइये।
    • लोकतंत्र में मौलिक अधिकारों का महत्त्व बताते हुए निष्कर्ष लिखिये।

    विश्व के सबसे प्राचीन लोकतंत्र एवं विश्व के सबसे बडे़ लोकतंत्र नागरिक अधिकारों की प्रगतिशील अवधारणा के साथ समानता तथा स्वतंत्रता पर जोर देते हैं। इन मौलिक अधिकारों की गारंटी दोनों देशों के संविधान की मूल अवसंरचना है। संक्षेप में मौलिक अधिकार अमेरिकी संविधान के बिल ऑफ राइट्स के समान ही हैं किंतु इनमें कुछ भिन्नताएँ भी विद्यमान हैं।

    अमेरिका ने ‘बिल ऑफ राइट्स’ एवं भारत ने मौलिक अधिकारों’ का प्रावधान अपने-अपने संविधान में किया है। हालाँकि अमेरिकी संविधान ने जहाँ अतिरिक्त मानवाधिकार प्रदान किये हैं वहीं भारतीय संविधान में इनका स्पष्ट अभाव है।

    अमेरिकी संविधान में एक संशोधन द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता को मूर्त रूप दिया गया जबकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) में वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में ही इसे शामिल किया गया है।

    अमेरिकी नागरिकों को अपने जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा के लिये हथियार एवं बंदूक रखने का अधिकार है। इसलिये अमेरिका में बिना किसी कानूनी दाँव-पेंच के हथियार आसानी से खरीदे जा सकते हैं जबकि भारत में हथियार रखना मौलिक अधिकार नहीं है बल्कि यह संसद निर्मित कानून के तहत विनियमित होता है।

    अमेरिकी संविधान के पाँचवे संशोधन में इस बात की गारंटी दी गई है कि आपराधिक कृत्य के दोषी पर अभियोजन ‘ग्रेंड ज़्यूरी’ व्यवस्था के तहत चलाया जाएगा। ‘ग्रिंड ज़्यूरी’ का तात्पर्य सरकार द्वारा यादृच्छिक रूप से समुदाय के प्रतिनिधियों को आपराधिक प्रक्रिया के समाधान हेतु चुना जाने से है। इसमें 6 से 12 सदस्य शामिल होते हैं। यदि मामला विवादास्पद है तो इससे भी अधिक सदस्य बढ़ाए जा सकते हैं। दूसरी तरफ भारत में आपराधिक मुकदमों का निपटान केवल न्यायाधीशों द्वारा किया जाता है।

    संपत्ति का अधिकार अमेरिका में एक मौलिक अधिकार है जबकि भारत में नहीं।

    अमेरिका में किसी व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता को विधि की ‘उचित प्रक्रिया’ के बिना वंचित नहीं किया जा सकता जबकि भारत में व्यक्ति का जीवन एवं स्वतंत्रता को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार वंचित नहीं किया जा सकता है।

    संवैधानिक रूप से गारंटीकृत मौलिक अधिकार लोकतंत्र की आवश्यक पहचान में से एक है। ये अधिकार नागरिकों की आकांक्षाओं को सुनिश्चित करने में सक्षम हैं तथा नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक बंधन से मुक्त करते हैं। भारत और अमेरिका दो जीवंत एवं प्रेरक लोकतंत्र के रूप में अनुभव साझा करते हैं जो नागरिकों के सर्वोत्तम हित में है।

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