इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रश्न. परिवार न केवल हमारी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये एक सामाजिक संस्था है बल्कि यह नागरिकता की पहली पाठशाला भी है। समझाइये। (150 शब्द)

    06 Jan, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • परिवार प्रणाली के परिचय के साथ उत्तर शुरू कीजिये और इस बात पर विस्तार से चर्चा कीजिये कि परिवार हमारे दैनिक कार्यों को कैसे पूरा करता है।
    • एक अच्छे नागरिक होने के मूल्यों की चर्चा कीजिये।
    • परिवार नागरिकता के पहले स्कूल के रूप में कैसे कार्य करता है? स्पष्ट कीजिये ।
    • अंत में उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिवार सामाजिक प्रणाली के तहत एक मौलिक संस्था है जो हमारे के व्यक्तित्व के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। परिवार समाजीकरण की प्रक्रिया और मूल्य प्रणाली के गठन के लिये भी महत्त्वपूर्ण है। परिवार, किसी व्यक्ति को ज़िम्मेदार और नैतिक बनाकर, एक राष्ट्र की सामाजिक और नैतिक संरचना को मज़बूत बनाता है।

    परिवार का प्राथमिक कार्य बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करना है, जैसे- भोजन, आश्रय, शिक्षा, स्वास्थ्य और भावनात्मक समर्थन आदि लेकिन एक परिवार की भूमिका केवल इन कार्यों तक सीमित नहीं है, वास्तव में, यह नागरिकता का पहला स्कूल भी है।

    • एक अच्छे नागरिक के कई बुनियादी मूल्य हैं, जैसे- देशभक्ति, अखंडता, ईमानदारी, सहिष्णुता, बंधुत्व, समाज के कमज़ोर वर्गों के प्रति दया आदि। हमारे संविधान के भाग IV A में, हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों और राष्ट्रीय नायकों का सम्मान करने, महिलाओं का सम्मान करने, वैज्ञानिक स्वभाव रखने, हमारे पर्यावरण और राष्ट्रीय स्मारकों को संरक्षित करने जैसे नागरिकों के मौलिक कर्त्तव्य भी शामिल हैं। परिवार किसी व्यक्ति में इन मूल्यों को विकसित करने वाली पहली सामाजिक संस्था है।
    • परिवार इन कार्यों को विभिन्न तरीकों, जैसे- वार्त्तालाप-गतिविधि, पुरस्कार और दंड प्रक्रिया आदि द्वारा करता है। एक बच्चा अपने परिवार के सदस्यों के कार्यों की नकल करने की कोशिश करता है। यदि उसके पिता यातायात नियमों का पालन करते हैं, तो वह भी अपने पिता की तरह बनने की कोशिश करेगा। अपने परिवार को ईमानदार और साहसी देखने के बाद एक बच्चा मूल्य के रूप में ‘साहस’ को प्राप्त कर सकता है। यह निरंतर संबंध और परिवार के सदस्यों की मौजूदा मूल्य प्रणाली एक बच्चे के मूल्यों को आकार देती है और तदनुसार समाज और राष्ट्र के प्रति बच्चे का रवैया बनता है।
    • दादा-दादी और बड़े-बुज़ुर्ग कहानी सुनाकर, अपने बच्चों में ईमानदारी, करुणा जैसे विभिन्न नैतिक मूल्यों को विकसित करते हैं। हालाँकि, एक परिवार नकारात्मक परिणामों के साथ भी मूल्यों को प्रदान कर सकता है। दबाव और भ्रष्टाचार के माहौल में बड़ा होने वाला बच्चा ईमानदारी के मूल्य को गिरते हुए देख सकता है और उसमें आत्मविश्वास की कमी हो सकती है।

    हमारी मूल्य प्रणाली कई कारणों से चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसे आपराधिक और भ्रष्टाचार गतिविधियों के साथ-साथ समाज में लोगों के सामान्य व्यवहार को देखकर समझा जा सकता है। इसमें से कुछ को परिवार प्रणाली को कमज़ोर करने हेतु ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। इस प्रकार, परिवार प्रणाली को मज़बूत करके, हम अपने देश के नैतिक ताने-बाने को फिर से जीवंत कर सकते हैं जिससे नैतिक और ज़िम्मेदार नागरिक पैदा होंगे। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक बच्चे की स्कूली शिक्षा में पहले शिक्षक के रूप में माता-पिता की भूमिका को स्वीकार करते हैं, जो एक महान राष्ट्र की आधारशिला के रूप में कार्य करते हैं। वे कहते हैं- ‘‘अगर किसी देश को भ्रष्टाचार मुक्त होना है और सुंदर विचारों का देश बनना है, तो मुझे दृढ़तापूर्वक यह लगता है कि तीन प्रमुख सामाजिक सदस्य हैं जो एक अंतर ला सकते हैं, वे हैं- पिता, माता और शिक्षक।’’

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2