इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    क्या कारण है कि पूर्वोत्तर भारत में विकास की गति अपेक्षाकृत धीमी रही है? वर्तमान में पूर्वोत्तर भारत को विकास के इंजन के रूप में देखने तथा इस दिशा मे सरकार द्वारा किये जाने वाले के प्रयासों पर प्रकाश डालिये।

    25 Sep, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण-

    • भूमिका

    • पूर्वोत्तर भारत में विकास की गति धीमी क्यों है?

    • पूर्वोत्तर में संभावनाएं

    • सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास

    हाल ही में प्रधानमंत्री में ‘मणिपुर जल आपूर्ति परियोजना’ की आधारशिला रखते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत में देश के विकास का नेतृत्व करने की क्षमता है। पूर्वोत्तर भारत के राज्य पूर्वी एशिया से देश के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों का प्रवेश द्वारा रहे हैं और यह भविष्य में पूर्वी एशिया के साथ व्यापार, यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

    ऐसा देखा गया है कि स्वतंत्रोत्तर भारत में अन्य राज्यों के विकास की अपेक्षा पूर्वोत्तर राज्यों में विकास की गति धीमी रही है जिसके निम्नलिखित प्रमुख कारण हैं-

    भौगोलिक स्थिति: पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) के विभाजन के पश्चात जल मार्ग बाधित होने से अगरतला और कोलकाता के बीच की दूरी 550 किमी (लगभग) से बढ़कर लगभग 1600 किमी. हो गई। देश की स्वतंत्रता के बाद पूर्वी बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) के विभाजन के कारण शेष भारत से पूर्वोत्तर राज्यों का संपर्क टूट गया, जो इस क्षेत्र के आर्थिक, राजनीतिक और स्थानीय पहचान से जुड़े संकट का एक बड़ा कारण माना जाता है।

    सांस्कृतिक विविधता: ध्यातव्य है कि देश के इस भाग में बहुत से अलग-अलग जन जातीय समुदाय निवास करते हैं, इनमें से अधिकांश समुदायों की भाषा, बोली और संस्कृति भी भिन्न है।

    ये समुदाय अपनी संस्कृति और पहचान को लेकर बहुत ही संवेदनशील है, जो इस क्षेत्र के सामुदायिक तनाव का एक बड़ा कारण भी रहा है।ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान इस क्षेत्र को अलग-थलग रखे जाने और देश के विभाजन से इस क्षेत्र के समुदायों के बीच असुरक्षा की भावना को बल मिला जिसने इन समुदायों के बीच मतभेदों को और अधिक बढ़ा दिया।

    इसके अलावा अपर्याप्त अवसंरचना और निवेश कमी तथा सरकार द्वारा घोषित परियोजनाओं का समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन न होना इस क्षेत्र के विकास की प्रमुख बाधाओं में से एक है।

    संभावनाएं-

    • पूर्वोत्तर भारत के राज्य प्राकृतिक संसाधनों के मामले में बेहद संपन्न हैं। देश का यह हिस्सा सबसे घने वन्य-क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में उपलब्ध खनिज तेल और गैस के भंडार तथा नदियों का मज़बूत तंत्र ऊर्जा की दृष्टि से इस अत्यंत महत्त्वपूर्ण बनता है।
    • साक्षरता, समाज में महिलाओं की भागीदारी के मामले में भी पूर्वोत्तर के राज्यों का प्रदर्शन देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर रहा है।
    • केंद्र सरकार द्वारा एक्ट ईस्ट की नीति के तहत तीन ‘C’ (Commerce, Culture and Connectivity) अर्थात वाणिज्य, संस्कृति और संपर्क को मज़बूत करने पर विशेष बल दिया गया है।
    • यह क्षेत्र पूर्वी भारत के पारंपरिक घरेलू बाज़ार के साथ पूर्व में स्थित बांग्लादेश और नेपाल जैसे सीमावर्ती देशों के बाज़ारों तक पहुँच के कारण रणनीतिक महत्त्व रखता है। भौगोलिक दृष्टि से यह क्षेत्र दक्षिण पूर्वी एशिया के बाज़ारों तक भारत की पहुँच के लिये एक प्रवेश द्वार का कार्य कर सकता है

    विकास हेतु किये जाने वाले सरकारी प्रयास-

    • वर्ष 1996 में केंद्र सरकार द्वारा के माध्यम से पूर्वोत्तर के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया।
    • इसके तहत यह निर्धारित किया गया कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के बजट का कम-से-कम 10% पूर्वोत्तर राज्यों के विकास हेतु सुरक्षित किया जाएगा।
    • स्थानीय किसानों और कलाकारों को सहयोग प्रदान करने के लिये ‘राष्ट्रीय बाँस मिशन’ के तहत बाँस की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास।
    • वर्ष 2018 में असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने के लिये ब्रह्मपुत्र नदी पर देश के सबसे लंबे सड़क और रेल पुल (‘बोगीबील पुल’)का उद्घाटन किया गया।
    • सड़क परिवहन तंत्र को मज़बूत करने के लिये ‘नॉर्थ-ईस्ट रोड सेक्टर डेवलपमेंट स्कीम’ तथा ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत सड़कों का निर्माण।
    • अगरतला और बांग्लादेश के अखौरा के बीच रेलवे लाइन को वर्ष 2021 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

    उपरोक्त के अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों में वायु मार्ग परिवहन को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है, वर्तमान में इस क्षेत्र में 13 हवाईअड्डे सक्रिय हैं सरकार द्वारा लगभग 3 हज़ार करोड़ की लागत से इनके नवीनीकरण का कार्य किया जा रहा है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow