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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    'किसी भी देश के लिये जितनी महत्त्वपूर्ण उसकी स्थलीय सीमाएँ हैं उतनी ही महत्त्वपूर्ण जलीय सीमाएँ हैं।' कथन के संदर्भ में समुद्री सीमाओं के महत्त्व का विश्लेषण करें।

    06 Aug, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षा

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण: 

    • भूमिका

    • भारत के लिए समुद्री सुरक्षा क्यों आवश्यक

    • संक्षिप्त में चुनौतियों का उल्लेख

    • निष्कर्ष

    वर्तमान में भारत व उसके पड़ोसी देशों के मध्य स्थलीय सीमाओं को लेकर तनाव व्याप्त है। निश्चित रूप से इस प्रकार की घटना के बाद हमें अपनी सुरक्षा रणनीति का विश्लेषण करने की आवश्यकता है, और यहाँ ध्यान देने की आवश्यकता है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से जितनी महत्त्वपूर्ण हमारी स्थलीय सीमाएँ हैं उतनी ही महत्त्वपूर्ण जलीय सीमाएँ भी हैं।

    भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 90 प्रतिशत (मात्रा में) तथा 70 प्रतिशत (मूल्य के आधार पर) समुद्री मार्ग से संचालित होता है। अतः भारत की सुरक्षा रणनीति में समुद्री सुरक्षा एक महत्त्वपूर्ण अवयव है।

    भारत के लिए समुद्री सुरक्षा क्यों आवश्यक-

    भारत एक प्रायद्वीपीय देश है जो पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है। भारत अपनी जलीय सीमा पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्याँमार, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ साझा करता है।

    भारत के उत्‍तर में स्‍थित पाकिस्‍तान से सीमापार आतंकवाद की लगातार गतिविधियों, अधिक सैन्‍य क्षमता प्राप्‍ति और परंपरागत संघर्ष में परमाणु हथियारों का प्रयोग करने के घोषित उद्देश्‍य के कारण उतार-चढ़ाव वाले संबंध बने हुए हैं। वर्ष 2016 में पाकिस्तान ने समुद्र के रास्ते भारत में घुसपैठ कराने का नाकाम प्रयास किया था।भारत की विभिन्न देशों के साथ लंबी जलीय सीमा से कई प्रकार की सुरक्षा संबंधी चिंताएँ उत्पन्न होती है। इन चुनौतियों में समुद्री द्वीपों निर्जन स्थानों में हथियार एवं गोला बारूद रखना, राष्ट्रविरोधी तत्त्वों द्वारा उन स्थानों का प्रयोग देश में घुसपैठ करने एवं यहाँ से भागने के लिये करना, अपतटीय एवं समुद्री द्वीपों का प्रयोग आपराधिक क्रियाकलापों के लिये करना, समुद्री मार्गों से तस्करी करना आदि शामिल हैं।

    समुद्री तटों पर भौतिक अवरोधों के न होने तथा तटों के समीप महत्त्वपूर्ण औद्योगिक एवं रक्षा संबंधी अवसंरचनाओं की मौजूदगी से भी सीमापार अवैध गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की संभावना अधिक होती है।

    संगठित अपराध,आतंकवाद तथा चीन द्वारा भारतीय सीमा के समीप विकसित किये जा रहे बंदरगाह प्रमुख सामुद्रिक चुनौतियों में से एक हैं । समुद्री रास्तों से हथियारों, नशीले पदार्थों और मानवों तस्करी, संगठित अपराध के रूप में एक बड़ी सामुद्रिक सुरक्षा चुनौती है।

    निष्कर्षतः समुद्री सीमा की सुरक्षा, कारोबार के अहम समुद्री रास्तों, विशेष आर्थिक क्षेत्र और समुद्री संसाधनों का उचित इस्तेमाल होना ज़रूरी है। इसके लिये कानून को सही तरीके से लागू करना आवश्यक है। तमाम देशों के बीच सूचना के आदान-प्रदान को बेहतर बनाने और समुद्री सीमाओं के प्रबंधन को बेहतर करने की जरूरत है। भारत के वैश्विक उत्थान के लिये समुद्री सुरक्षा एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। भारत महासागरीय संसाधनों का लाभ अपने आर्थिक विकास के लिये तभी उठ सकता है, जब उसकी समुद्री सुरक्षा उच्चस्तरीय हो।

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