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ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    सरकारी प्रयासों के बावजूद भारत का दूर संचार क्षेत्र विभिन्न चुनौतियों से जूझ रहा है इस क्षेत्र की चुनौतियों की चर्चा करते हुए समाधान के बिंदुओं पर प्रकाश डालें।

    23 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भूमिका।

    • संक्षिप्त में सरकारी प्रयासों का उल्लेख करें।

    • दूरसंचार क्षेत्र विभिन्न चुनौतियाँ क्या है?

    • समाधान के बिंदुओं पर प्रकाश डालें।

    • निष्कर्ष।

    आँकड़ों के अनुसार जून 2019 तक भारत 1,186.63 मिलियन ग्राहक आधार के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाज़ार है और इसमें पिछले डेढ़ दशक में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। भारत की मोबाइल या उपकरण अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकती है। भारतीय दूरसंचार क्षेत्र की तीव्र वृद्धि में मज़बूत उपभोक्ता आधार के साथ-साथ सरकार की उदार और सुधारवादी नीतियों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।

    BSNL तथा MTNL को पुनर्जीवित करने के लिये सरकार ने इनके विलय करने और फिर विलय की गई इकाई को धन प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा दूरसंचार उद्योग को वित्तीय संकट की स्थिति से बाहर लाने के लिये सरकार द्वारा ब्याज संग्रह हेतु इन्हें पर्याप्त समय दिये जाने पर भी विचार किया जा रहा है। साथ ही सरकार इनके जुर्माने तथा ब्याज को माफ करने या इसे कम करने पर भी विचार कर रही है ।

    दूरसंचार क्षेत्र की चुनौतियाँ:

    • अनुचित प्रतिस्पर्द्धा: अधिक उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिये दूरसंचार कंपनियां एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्द्धा के चलते कम टैरिफ की पेशकश कर रही हैं, जो ज़्यादा राजस्व उत्पन्न नहीं करती हैं। साथ ही यह 'कोई प्रतिस्पर्द्धा नहीं की स्थिति' या किसी 'एक कंपनी के एकाधिकार की स्थिति' उत्पन्न कर सकती है।
    • आधारभूत संरचना: दूरसंचार क्षेत्र को 5G स्पेक्ट्रम प्राप्त करना है तथा इसके लिये इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्सपेंशन, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन आदि में निवेश करना पड़ेगा, इसलिये यह अतिरिक्त बोझ इंडस्ट्री के लिये बड़ा झटका है।
    • टैरिफ की वर्तमान प्रणाली: प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटर घाटे तथा वित्तीय संकट की स्थिति की रिपोर्ट कर रहे हैं। इससे ज्ञात होता है कि वर्तमान टैरिफ प्रणाली दूरसंचार के लिये आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।

    समाधान के बिंदु

    • दूरसंचार उद्योग: दूरसंचार उद्योग को टैरिफ दरों को विश्व में सबसे सस्ता बनाने के प्रयास के स्थान पर इन्हें निरंतर उच्च बनाए रखना चाहिये।
    • निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा: यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि कोई गुटबंदी न हो तथा कोई आंतरिक कटौती (दूसरों के मुकाबले में अपेक्षाकृत कम दाम पर बेचना) न हो। कंपनियों के मध्य निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
    • परिणाम उन्मुख निवेश: सरकार के आदेश के बाद इस क्षेत्र हेतु आने वाली सभी राशि केवल दूरसंचार क्षेत्र में निवेश की जानी चाहिये ताकि उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करने की आवश्यकता न पड़े और राजस्व स्थिर हो।
    • भारत को उत्पादों के स्थान पर प्रौद्योगिकी में निवेश करना चाहिये।
    • दूरसंचार क्षेत्र को टैरिफ शुल्क बढ़ाने के अलावा शिक्षा, चिकित्सा तथा मनोरंजन क्षेत्रों के सेवा प्रदाताओं के साथ जुड़कर मूल्यवर्द्धन करने की आवश्यकता है।
    • दूरसंचार क्षेत्र की समस्या एक उभरती हुई समस्या है जिसका समाधान उपभोक्ताओं की उपलब्धता तथा उनके भुगतान करने की उनकी क्षमता को विकसित करना है।

    निष्कर्षतः दूरसंचार क्षेत्र के अंतर्गत ही बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं जो भारत में वैश्विक स्तर की प्रौद्योगिकी, नवाचार तथा रोज़गार बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।इस उद्योग को धारणीय बनाने और अनुचित व्यापार प्रथाओं एवं अनुचित प्रतियोगिताओं को रोकने के लिये स्वयं इस उद्योग, उपभोक्ताओं तथा सरकार को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा। यह हमारी विकसित होती अर्थव्यवस्था का एक बहुत मज़बूत घटक है तथा विभिन्न संबद्ध क्षेत्रों के साथ व्यवस्था में गहराई से निहित है। संपत्ति अनुकूलन तथा राजस्व उत्पत्ति के लिये नवीन एवं बेहतर तरीके खोजे जाने चाहिये।

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