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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत का वास्तविक विकास ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण द्वारा ही संभव है एवं ग्रामीण विकास के लिये ज़रूरी है ग्रामीण युवाओं का सर्वांगीण विकास। इस लिहाज से ग्रामीण युवाओं के सशक्तिकरण में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है। इन तीनों में अंतर्संबंध स्थापित करते हुए बताएँ कि इस दिशा में सफलता हेतु और क्या प्रयास किये जाने की आवश्यकता है?

    09 Jan, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्याय

    उत्तर :

    भूमिका:


    भारत की युवा शक्ति के बारे में बताते हुए उत्तर प्रारंभ करें-

    भारत विश्व का सबसे युवा देश है क्योंकि आबादी में गतिशील युवाओं की सर्वाधिक संख्या यहाँ पाई जाती है। वर्तमान में युवा शक्ति और कार्यशील है। यह सुखद स्थिति है कि भारत की जनसांख्यिकीय स्थिति बेहद अनुकूल है।

    विषय-वस्तु


    विषय-वस्तु के पहले भाग में भारत के विकास में गाँव, युवा और सूचना प्रौद्योगिकी के बीच अंतर्संबंध और महत्त्व पर चर्चा करें-

    जनसांख्यिकीय लाभांश की यह स्थिति भारत के लिये अपने आप में महान अवसर समेटे हुए है। परंतु इसका पूरा लाभ प्राप्त करने के लिये ज़रूरी है कि देश की अर्थव्यवस्था कार्यबल की इस बढोत्तरी को संभालने में सक्षम हो। साथ ही अर्थव्यवस्था में रचनात्मक योगदान के लिये युवा वर्ग उचित शिक्षा, कौशल और समर्पण की भावना से युक्त हो। इसके लिये विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की युवाशक्ति के सर्वांगीण विकास हेतु पूरे देश को प्रतिबद्धता दिखानी होगी तभी वे राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण योगदान दे पाएंगे।

    ऐसा युवा सशक्तीकरण के सक्रिय और प्रभावी उपायों के द्वारा ही संभव है। इस दिशा में ग्रामीण युवाओं के लिये सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका निरंतर महत्त्वपूर्ण होती जा रही है। यह युवाओं को सशक्त और सक्षम बनाने, नए कौशल प्राप्त करने, रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध कराने, डिजिटल माध्यमों से जोड़ने तथा सरकारी एवं गैर-सरकारी सेवाओं से लाभान्वित होने का मौका देती है। यह देश के विकास की प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी का नया और शक्तिशाली मार्ग प्रशस्त करती है। इन माध्यमों के प्रयोग द्वारा युवा रचनात्मक और सकारात्मक गतिविधियों में अपनी ऊर्जा का प्रयोग कर सकते हैं।

    जहाँ भी सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग ज्ञान और कौशल के प्रसार के लिये किया गया वहाँ गरीबी, अपराध, हिंसा आदि नकारात्मक प्रवृत्तियों का युवाओं पर प्रभाव अपेक्षाकृत कम हुआ। भारत में डिजिटल वातावरण की उपलब्धता के कारण ग्रामीण युवा दुनिया में अधिक आत्मविश्वास के साथ खड़े हो सकते हैं। इन मामलों में प्रौद्योगिकी ने विभिन्न अवसरों तक सबकी समान पहुँच भी सुनिश्चित कराई है। इसके दूरगामी प्रभावों के रूप में हम देखते हैं कि युवाओं के मध्य जोखिम लेने की भावना का प्रसार हुआ है एवं परिणामस्वरूप ग्रामीण भारत में स्टार्टअप्स शुरू करने के प्रति रूचि पैदा हुई है।

    विषय-वस्तु के दूसरे भाग में इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा करेंगे-

    • राष्ट्रीय युवा नीति, 2014 : युवाओं को तकनीकी दृष्टि से सक्षम और कुशल बनाने के लिये राष्ट्रीय युवा नीति 2014 लायी गई थी।
    • गाँवों में स्टार्टअप्स: युवाओं के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिये कई नई योजनाएँ शुरू की गई- स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, व्यापार सुगमता, स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेंयोरशिप प्रोग्राम।
    • डिजिटल इंडिया: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन और ग्रामीण क्षेत्रों में कुशल रोज़गार का सृजन किया जा रहा है। ग्रमाीण इलाकों में संचार की बेहतर सुविधा, युवाओं के सशक्तीकरण में उत्प्रेरक का काम करेगा।
    • बीपीओ योजना: भारत बीपीओ संवर्धन योजना (IBPS) के तहत देश भर में बीपीओ केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इससे गाँवों और छोटे शहरों में ढाँचागत विकास और मानव संसाधनों की क्षमता निर्माण हो सकेगी।
    • आईसीटी पर राष्ट्रीय मिशन: इसके द्वारा किसी भी समय, किसी भी मोड में उच्च शिक्षा संस्थानों में सभी शिक्षार्थियों की शिक्षण और सीखने संबंधी ज़रूरतों को पूरा किया जा सकेगा।
    • उत्तर-पूर्व बीपीओ प्रोत्साहन योजना: युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर पैदा करने और आईटी उद्योग के विकास के लिये उत्तर-पूर्व क्षेत्र में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत नार्थ ईस्ट बीपीओ प्रमोशन स्कीम को मंजूरी दी गई है।
    • प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान: इसका उद्देश्य बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं को उद्योग संबंधित कौशल प्रशिक्षण में सक्षम बनाना है। इससे उन्हें बेहतर आजीविका हासिल होने में मदद मिलेगी।
    • जनजातीय युवा विनिमय कार्यक्रम: इसके द्वारा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित आदिवासी बेल्ट से युवाओं के उन्नयन के प्रयास हो रहे हैं, जिनमें तकनीकी भी तय की गई भूमिका है।

    निष्कर्ष


    अंत में संक्षिप्त, संतुलित और सारगर्भित निष्कर्ष लिखे-

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