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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    नीति आयोग द्वारा जारी ‘अभिनव भारत @75 के लिये कार्यनीति’ जिसमें 2022-23 हेतु उद्देश्यों को परिभाषित किया गया है, के चार खंडों वाहक, अवसंरचना, समावेशन और गवर्नेंस पर प्रकाश डालें।

    08 Jan, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    भूमिका:


    2022 तक नए भारत के निर्माण के बारे में बताते हुए उत्तर प्रारंभ करें-

    नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी ‘स्ट्रैटेजी फॉर न्यू इंडिया @75’ नामक रिपोर्ट का उद्देश्य भारत की आज़ादी की प्लैटिनम जुबली पर यानी 2022 तक एक ऐसे समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करना है जिसमें अर्थव्यवस्था में आमूल परिवर्तन लाया जा सके, प्रशासन अधिक दक्ष, पारदर्शी एवं जवाबदेह बने तथा लोगों तक वस्तुओं तथा सेवाओं की पहुँच सुगम हो सके।

    विषय-वस्तु


    विषय-वस्तु के मुख्य भाग में 2022-23 हेतु तय किये गए उद्देश्यों को बताएँ-

    नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी ‘अभिनव भारत @75 के लिये कार्यनीति’ नीति निर्माण एवं क्रियान्वयन के केंद्र में नवाचार, तकनीक, उद्यम एवं सक्षम प्रबंधन को साथ लाने का एक प्रयास है। जनभागीदारी के बिना आर्थिक रूपांतरण संभव नहीं है, इसलिये विकास को जन आंदोलन का रूप देना ज़रूरी है। नीति आयोग की यह रिपोर्ट तीन प्रमुख रणनीतियों पर आधारित है, यथा- जन सहभागीदारी, सभी क्षेत्रों में सभी प्रांतों एवं राज्यों के मध्य संतुलित विकास तथा सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के निष्पादन में अंतराल को पाटना। इसमें वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था के 41 महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है जिसमें भारत के विकास की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। ये 41 क्षेत्र 4 खंडों-संचालक, अवसंरचना, समावेशन और गवर्नेंस में विभाजित हैं-

    1. संचालक: संचालक पर आधारित पहला खंड आर्थिक निष्पादन के साधनों, विकास और रोज़गार, किसानों की आमदनी दोगुनी करने, विज्ञान प्रौद्योगिकी और एन आविष्कारों के लिये उन्नत परिस्थितियाँ बनाने तथा पर्यटन जैसे उभरते क्षेत्रों को बढावा देने संबंधी विषयों पर केंद्रित है।

    विकास: वर्ष 2018-23 के दौरान लगभग 8 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर प्राप्त करने के लिये अर्थव्यवस्था में गति लाना ताकि 2022-23 तक यह लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच जाए। साथ ही निवेश दर को GDP के वर्तमान 29% से बढ़ाकर 2022-23 तक 36% करना।

    रोज़गार एवं श्रम सुधार: रोजगार के अधिकतम साधनों का सृजन सुनिश्चित करने के लिये सभी केंद्रीय श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करना एवं महिला श्रम सहभागिता को 2022-23 तक कम-से-कम 30% तक करना।

    तकनीकी एवं नवाचार: भारत को वैश्विक नवाचार सूचकांक में 2022-23 तक शीर्ष 50 देशों की सूची में लाना।

    उद्योग: विनिर्माण क्षेत्र की वर्तमान विकास दर को 2022 तक दोगुना करना।

    कृषि: ई-राष्ट्रीय कृषि मंडियों का विस्तार करना, शून्य बजट प्राकृतिक खेती की तकनीकों पर बल देना। 2022-23 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिये अवसर की विविधता एवं गुणवत्तापूर्ण रोज़गार के अवसर प्रदान करना।

    खनन: खनन अन्वेषण और लाइसेसिंग नीति का पुनर्निर्माण करने के लिये ‘एक्सप्लोर इन इंडिया’ मिशन आरंभ करना।

    2. अवसंरचना: यह खंड विकास के भौतिक आधारों का उल्लेख करता है। यह भारतीय व्यवसायों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाने और नागरिकों के जीवन की सुगमता सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।

    ऊर्जा: सभी के लिये वहनीय, विश्वसनीय तथा आधुनिक ऊर्जा उपलब्ध करना एवं 2022 तक 175 गीगाबाइट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता प्राप्त करना।

    परिवहन: 2022-23 तक एक ऐसे रेल नेटवर्क का विकास करना जो कुशल, विश्वसनीय, सुरक्षित एवं किफायती हो। पहले से मंज़ूर किये जा चुके रेल विकास प्राधिकरण (RDA) की स्थापना में तेज़ी लाना जो रेलवे के लिये एकीकृत, पारदर्शी और गतिशील मूल्य व्यवस्था के संबंध में निर्णय लेने का कार्य करेगा।

    डिजिटल कनेक्टिविटी: आर्थिक विकास में डिजिटल कनेक्टिविटी के महत्त्व को देखते हुए 2022-23 तक डिजिटल डिवाइड को खत्म करना।

    3. समावेशन: यह भारतीय नागरिकों की क्षमताओं में वृद्धि हेतु निवेश से संबंधित है। इसमें तीन विषय स्वास्थ्य, शिक्षा और परंपरागत रूप से हाशिये पर मौजूद आबादी के वर्गों को मुख्यधारा में लाने से संबंधित है।

    स्वास्थ्य: देश भर में 150,000 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों की स्थापना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान प्रारंभ करने सहित आयुष्मान भारत कार्यक्रम का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।

    शिक्षा: 2020 तक कम-से-कम 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना के ज़रिये ज़मीनी स्तर पर नई नवोन्मेषी व्यवस्था सृजित करते हुए स्कूली शिक्षा प्रणाली एवं कौशल गुणवत्ता में सुधार करना। प्रत्येक बच्चे की शिक्षा के निष्कर्षों पर नज़र रखने के लिये इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय शैक्षिक रजिस्टर की संकल्पना की गई है।

    4. गवर्नेंस: यह खंड बताता है कि विकास के बेहतर निष्कर्ष प्राप्त करने के लिये गवर्नेंस के ढाँचों को किस प्रकार सुव्यवस्थित कर प्रक्रियाओं को अनुकूल बनाया जा सकता है।

    • दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों को लागू करना एवं मध्यस्थता की प्रक्रिया को किफायती एवं त्वरित बनाना।
    • स्वच्छ भारत मिशन के दायरे का विस्तार करना।

    निष्कर्ष


    अंत में संक्षिप्त, संतुलित और सारगर्भित निष्कर्ष लिखे-

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