दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    संक्षिप्त टिप्पणी कीजिये- 1. स्व-जागरुकता 2. आत्म-अभिप्रेरण

    13 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    1.स्व-जागरुकताः इसका अर्थ है अपनी भावनाओं, अनुभूतियों, स्वभाव, मूल्यों, उद्देश्यों, क्षमताओं, कमज़ोरियों आदि का स्पष्ट ज्ञान। साथ ही यह भी समझना कि स्वयं के व्यक्तित्व के पक्षों का दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ता है। हमारे बहुत से मनोभाव अत्यंत जटिल होते हैं तथा भावनात्मक रूप से बुद्धिमान व्यक्ति उन जटिल मनोभावों तथा उनमें शामिल अनुभूतियों को समझने और बाकी लोगों से खुद को अलग करने में सक्षम रहता है।

    गोलमैन के अनुसार व्यक्ति के निर्णय तभी सही होंगे जब वह अपने मूल व्यक्तित्व से परिचित होगा। जो व्यक्ति ठीक से यह समझ पाता है कि वास्तव में वह क्या चाहता है, उसके निर्णय सुलझे हुए होते हैं। दूसरी ओर जो व्यक्ति खुद को ठीक से समझ नहीं पाते, उनके अधिकांश निर्णय बाहरी दबावों या तात्कालिक प्रलोभनों पर आधारित रहते हैं और ऐसा हर निर्णय बाद में गलत साबित होता है।

    2. आत्म अभिप्रेरणः जब व्यक्ति का उद्देश्य काफी दूर हो तथा उसे बाहर से पर्याप्त अभिप्रेरणाएँ उपलब्ध न हो पा रही हों तो उसमें यह क्षमता होनी चाहिये कि वह स्वयं को निरंतर प्रेरित कर सके। यही आत्म अभिप्रेरण है। इसमें कुछ पक्ष शामिल हैं, जैसे—

    • बीच-बीच में मिलने वाले तात्कालिक लाभों के लालच को रोक पाना।
    • अगर उद्देश्य बहुत बड़ा तथा चुनौतीपूर्ण हो तो कई बार मन में ऐसा भाव आना स्वाभाविक है कि सफलता नहीं मिलेगी। निराशा के ऐसे क्षणों में हार मानने की बजाय उचित समाधान की योजना बनाना।
    • लंबे संघर्ष के दौरान होने वाली थकान व बोरियत से निरंतर जूझते रहना।

    आत्म-अभिप्रेरण के तरीके हैं—

    1. दिनचर्या को ऐसा बनाना कि उसमें मनोरंजन तथा अपनी रुचियों के लिये कुछ समय जरूर बचा रहे।
    2. ऐसे समूह में रहना जिसके उद्देश्य समान हों ताकि आपका उद्देश्य सही है इसकी अभिपुष्टि होती रहे।
    3. दूसरों की निराशा के क्षणों में उनके साथ खड़ा होना ताकि वे भी आपकी निराशा के क्षणों में आपके साथ खड़े हों।
    4. विफलता के डर की सहज अभिव्यक्ति के मार्ग खोजना ताकि वह मानसिक कुंठा न बन जाए, जैसे— किसी अंतरंग मित्र को बताना या कागज पर लिखकर फाड़ देना आदि।
    5. अपनी सफलता की संभावनाओं के प्रति सकारात्मक भाव बनाए रखना और आत्म अभिपुष्टि के लिये लिखने या मित्रें से कहने की आदत डालना। इसे Auto suggestive mode कहा जाता है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow