शासन व्यवस्था
NEP 2020: विद्यालय के स्तर पर नवाचार को प्रोत्साहन
- 08 Dec 2025
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प्रिलिम्स के लिये: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020), पीएम ई-विद्या, दीक्षा, लैंगिक समावेशन कोष, राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र (परख), स्कूल नवाचार दूत प्रशिक्षण कार्यक्रम (SIATP), IPR, अटल न्यू इंडिया चैलेंज (ANIC)।
मेन्स के लिये: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP, 2020) और भारत में शिक्षा प्रणाली को बदलने में इसकी भूमिका, शिक्षा प्रणाली को बदलने के लिये भारत की प्रमुख पहल और इसके प्रभाव।
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक परिवर्तन के कारण सुर्खियाँ बटोर रही है। सरकार की पहल रटकर याद करने की ज्ञानार्जन की मूल पद्धति से हटकर पूछताछ-आधारित, अनुभवात्मक शिक्षा की ओर बढ़ रही है, जिससे छात्रों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
NEP 2020 भारत में विद्यालय के स्तर को किस प्रकार बदल रहा है?
- बहुविषयक शिक्षा: छात्रों के पास लचीले, बहुविषयक विकल्प होते हैं (जैसे, संगीत के साथ भौतिकी) और वे कक्षा 6 से ही व्यावसायिक प्रशिक्षण शुरू कर सकते हैं।
- विभिन्न स्तरों पर कला, प्रौद्योगिकी और कौशल-आधारित शिक्षा का एकीकरण।
- मूल्यांकन में सुधार: रटने की बजाय मूल क्षमताओं के आकलन पर जोर दिया गया है। 360-डिग्री समग्र प्रगति कार्ड अब संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावनात्मक विकास की समग्र निगरानी करता है।
- डिजिटल एकीकरण: पीएम ई-विद्या और दीक्षा जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म 25 करोड़ से अधिक छात्रों को वर्चुअल लैब, शिक्षक प्रशिक्षण और ऑनलाइन शिक्षा तक पहुँच प्रदान करते हैं।
- समतामूलक और समावेशी शिक्षा: लैंगिक समावेशन कोष और विशेष शिक्षा क्षेत्र वंचित समूहों व क्षेत्रों को लक्षित सहायता प्रदान करेंगे। साथ ही, दिव्यांग बच्चों के लिये समर्पित संसाधन केंद्रों, सहायक प्रौद्योगिकियों और समावेशी शिक्षा को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 क्या है?
- NEP 2020 का उद्देश्य सभी शैक्षिक स्तरों पर गुणवत्ता, समानता, पहुँच और सामर्थ्य से संबंधित चुनौतियों से निपटना है।
- यह वर्ष 1986 की 34 वर्ष पुरानी NEP का स्थान लेती है, डॉ. के. कस्तूरीरंगन समिति (2019) की सिफारिशों पर आधारित है।
- NEP 2020 संरचना: 5+3+3+4 संरचना प्रस्तुत की गई है, जिसमें आधारभूत वर्ष (आयु 3-8) 100% खेल-आधारित है।
- प्रदर्शन मूल्यांकन: अब प्रत्येक पाठ्यपुस्तक, प्रश्नपत्र और कक्षा गतिविधि में केवल रटने की बजाय अनुप्रयोग और नवाचार के आकलन पर जोर दिया जाएगा।
- राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र (PARAKH) की निगरानी में आयोजित बोर्ड परीक्षाएँ अब वर्ष में दो बार दी जा सकेंगी।
मुख्य लक्ष्य:
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मुख्य क्षेत्र |
लक्ष्य / उद्देश्य |
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सार्वभौमिक विद्यालय नामांकन |
वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा (प्री-स्कूल से माध्यमिक) में 100% सकल नामांकन अनुपात (GER) प्राप्त करना। |
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विद्यालय से बाहर बच्चे |
2 करोड़ विद्यालय से बाहर बच्चों को पुनः मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ना। |
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उच्च शिक्षा तक पहुँच |
वर्ष 2035 तक 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़कर उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) को लगभग 27% से बढ़ाकर 50% तक पहुँचाना। |
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शिक्षक योग्यता |
2030 तक सभी विद्यालय शिक्षकों के लिये 4-वर्षीय एकीकृत B.Ed. डिग्री को अनिवार्य न्यूनतम योग्यता के रूप में लागू करना। |
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संस्थागत स्वायत्तता |
15 वर्षों के भीतर कॉलेज संबद्धता प्रणाली को समाप्त करना तथा सभी कॉलेजों को ग्रेडेड स्वायत्तता प्रदान करना। |
महत्त्वपूर्ण पहल:
शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन के लिये भारत की प्रमुख पहल क्या हैं?
- अटल नवाचार मिशन (AIM): AIM, नीति आयोग द्वारा वर्ष 2016 में स्कूलों, कॉलेजों और स्टार्टअप्स में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। इसके प्रमुख घटक हैं:
- अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL): स्कूलों में स्थापित नवाचार प्रयोगशालाएँ, जहाँ 3D प्रिंटर, रोबोटिक्स किट और सेंसर जैसे आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। इनसे अब तक 1.1 करोड़ से अधिक छात्र जुड़ चुके हैं।
- अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (AIC): 3,500 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करते हुए, मार्गदर्शन, सीड फंडिंग और बुनियादी ढाँचे के साथ स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करना।
- अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र (ACIC): वंचित और पिछड़े क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार को बढ़ावा देना।
- अटल न्यू इंडिया चुनौतियाँ (ANIC): राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़े प्रौद्योगिकी-आधारित समाधानों को वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करना।
- SIC और SIATP: रचनात्मकता, डिज़ाइन सोच और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये स्कूलों में स्कूल इनोवेशन काउंसिल (SIC) की स्थापना की गई है। गतिविधियों में नेतृत्व वार्ता, कार्यशालाएँ, क्षेत्र भ्रमण और डेमो दिवस शामिल हैं।
- स्कूल इनोवेशन एम्बेसडर प्रशिक्षण कार्यक्रम (SIATP) शिक्षकों को डिज़ाइन थिंकिंग, IPR, उद्यमिता और परियोजना मार्गदर्शन में प्रशिक्षित करता है।
- 72 घंटे से अधिक का गहन प्रशिक्षण, शिक्षकों को छात्रों को मार्गदर्शन देने और नवाचार-आधारित शिक्षाशास्त्र को लागू करने में सक्षम बनाता है।
- स्कूल इनोवेशन एम्बेसडर प्रशिक्षण कार्यक्रम (SIATP) शिक्षकों को डिज़ाइन थिंकिंग, IPR, उद्यमिता और परियोजना मार्गदर्शन में प्रशिक्षित करता है।
- इंस्पायर पुरस्कार - मानक: छात्रों को सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु विज्ञान और प्रौद्योगिकी समाधान प्रस्तावित करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
- शीर्ष नवाचारों को मार्गदर्शन, प्रोटोटाइप और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त होते हैं, जिससे प्रारंभिक स्तर की उद्यमशीलता और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा मिलता है।
- स्कूल इनोवेशन मैराथन: छात्र विकसित भारत–2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान पर कार्य करेंगे। इसके अंतर्गत डिज़ाइन थिंकिंग, रोबोटिक्स और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पर कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाएँगी।
- विकसित भारत बिल्डथॉन 2025: वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी जैसे विषयों पर कक्षा 6-12 के छात्रों के लिये राष्ट्रव्यापी हैकथॉन।
- इसका समापन 1 करोड़ रुपये के कुल पुरस्कार पूल से 1,000 से अधिक विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये जाने के साथ होगा।
शिक्षा नीति में नवाचार ने भारत में विद्यालय स्तर पर शिक्षा को किस प्रकार परिवर्तित किया है?
- आलोचनात्मक सोच का संवर्द्धन: ATL, SIC और INSPIRE पुरस्कार–MANAK जैसे कार्यक्रम छात्रों में व्यावहारिक समस्या समाधान, डिज़ाइन थिंकिंग तथा STEM कौशल को विकसित और सशक्त बनाते हैं।
- उद्यमशीलता को बढ़ावा देना: ATL स्टूडेंट इनोवेटर प्रोग्राम (SIP), अटल इनक्यूबेशन सेंटर (AIC) और अटल न्यू इंडिया चैलेंज (ANIC) के माध्यम से छात्रों को विचार निर्माण से लेकर प्रोटोटाइप विकास और स्टार्टअप स्थापना तक का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है।
- राष्ट्रीय स्तर पर नवाचारों का विस्तार: हैकथॉन, इनोवेशन मैराथन और बिल्डथॉन राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे स्कूल स्तर पर विकसित विचार प्रभावी समाधानों में परिवर्तित हो सकते हैं।
- राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संरेखण: ये पहल आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत), सतत् विकास और वर्ष 2047 की चुनौतियों के लिये तैयारी को सुदृढ़ करती हैं, जिससे भारत वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में उभरता है।
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दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को विषय-वस्तु (कंटेंट) आधारित मॉडल से दक्षता (कम्पिटेंसी) आधारित मॉडल में परिवर्तित करना है। इस शैक्षिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने वाली प्रमुख पहलों की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिये तथा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में उनके संभावित प्रभावों का परीक्षण कीजिये। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. NEP 2020 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
NEP 2020 का उद्देश्य रटंत विद्या की जगह आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और अनुभवात्मक अधिगम को बढ़ावा देना है तथा सभी स्कूली स्तरों पर STEM और व्यावसायिक कौशल को सुदृढ़ करना है।
2. अटल टिंकरिंग लैब्स (ATLs) क्या हैं?
ATL स्कूलों में स्थापित मेकरस्पेस हैं, जहाँ 3D प्रिंटर, रोबोटिक्स किट जैसे उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं, ताकि छात्रों में नवाचार, डिज़ाइन थिंकिंग और व्यावहारिक STEM कौशल विकसित किये जा सकें।
3. INSPIRE पुरस्कार – MANAK योजना क्या है?
यह योजना छात्रों को सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित विचार प्रस्तुत करने के लिये प्रोत्साहित करती है तथा प्रारंभिक चरण के उद्यमशीलता को बढ़ावा देने हेतु मार्गदर्शन, प्रोटोटाइप निर्माण और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्रदान करती है।
सारांश
- NEP 2020 खेल-आधारित, अनुभवात्मक और नवाचार-केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा देती है, जिससे रटंत सीखने की जगह आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता को प्राथमिकता दी जाती है।
- अटल इनोवेशन मिशन (AIM) और ATLs STEM, उद्यमशीलता और डिज़ाइन थिंकिंग को विकसित करते हैं, जिनमें 1.1 करोड़ से अधिक छात्र शामिल हैं।
- SICs, SIATP, INSPIRE Awards और राष्ट्रीय हैकथॉन जैसी योजनाएँ नवाचार को बढ़ावा देती हैं, छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करती हैं और आत्मनिर्भरता को सशक्त बनाती हैं।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे PM e-VIDYA और DIKSHA पूरे देश में शिक्षा की पहुँच, सततता और समावेशी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं, जिससे भारत की बदलती शिक्षा प्रणाली सभी के लिये सुलभ और समावेशी बनती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
मेन्स:
प्रश्न. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 धारणीय विकास लक्ष्य-4 (2030) के साथ अनुरूपता में है। उसका ध्येय भारत में शिक्षा प्रणाली की पुनःसंरचना और पुनःस्थापना है। इस कथन का समालोचनात्मक निरीक्षण कीजिये। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिये) (2020)

