फ्रीडम सेल | 50% डिस्काउंट | 10 से 14 अगस्त तक  कॉल करें
ध्यान दें:





डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-फिलीपींस संबंध रणनीतिक साझेदारी तक उन्नत

  • 07 Aug 2025
  • 69 min read

प्रिलिम्स के लिये: पारस्परिक कानूनी सहायता संधि, ब्रह्मोस मिसाइल, सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र, आसियान

मेन्स के लिये: भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और दक्षिण-पूर्व एशिया में इसकी रणनीतिक पहुँच, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका, भारत-आसियान संबंध

स्रोत: TH

चर्चा में क्यों? 

वर्ष 2025 में फिलीपींस के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान भारत और फिलीपींस ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया।

  • इस यात्रा ने वर्ष 1952 की मैत्री संधि को पुनः पुष्टि दी और रक्षा, व्यापार, समुद्री सुरक्षा, प्रौद्योगिकी तथा जन-से-जन संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया।

फिलीपींस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के मुख्य परिणाम क्या हैं?

  • रणनीतिक साझेदारी की घोषणा: भारत और फिलीपींस ने औपचारिक रूप से रणनीतिक साझेदारी स्थापित की है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ किया गया है।
  • कार्य योजना (2025–2029): इस साझेदारी को दिशा देने के लिये एक विस्तृत कार्य योजना अपनाई गई है, जिसका फोकस रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, समुद्री सहयोग, संपर्क और जलवायु परिवर्तन जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर है।
  • दूतावास और कानूनी सहयोग: फिलीपींस ने भारतीय पर्यटकों को वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति दी है। भारत ने फिलीपीनी नागरिकों को अगस्त 2025 से एक वर्ष के लिये मुफ्त ई-टूरिस्ट वीज़ा प्रदान किया है।
  • दोनों देशों ने आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता संधि (MLAT) और दंडित व्यक्तियों के हस्तांतरण की संधि को अंतिम रूप दिया।
    • आपराधिक मामलों में MLATs द्विपक्षीय संधियाँ होती हैं, जिन्हें देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सहायता प्रदान करने के लिये किया जाता है।
    • दंडित व्यक्तियों के हस्तांतरण की संधि के तहत, फिलीपींस में भारतीय कैदी (और इसके विपरीत) अपनी शेष सजा अपने परिवारों के निकट अपने देश में काट सकेंगे, जिससे उनके सामाजिक पुनर्वास में सहायता मिलेगी।
  • बुनियादी ढांचा और निवेश सहयोग: फिलीपींस ने भारत को बड़े बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में भागीदारी के लिये आमंत्रित किया है तथा भारत ने समन्वित विकास के लिये गति शक्ति प्लेटफ़ॉर्म साझा करने की पेशकश की है।
    • भारत फिलीपींस को उसके स्वयं के सॉवरेन डेटा क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना में समर्थन देगा और समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिये देश को सूचना संलयन केंद्र – हिंद महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया है।

भारत–फिलीपींस संबंधों का समय के साथ विकास

  • राजनीतिक और राजनयिक जुड़ाव: भारत और फिलीपींस ने वर्ष 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित किये थे। फिलीपींस, वर्ष 2024–27 के लिये आसियान-भारत संवाद समन्वयक (Dialogue Coordinator) है, जो क्षेत्रीय सहयोग में विश्वास और समन्वय को दर्शाता है।
  • आर्थिक और व्यापार सहयोग: आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के समर्थन से द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर वृद्धि हुई है, वर्ष 2020–21 में 2.03 अरब डॉलर से बढ़कर 2023–24 में 3.53 अरब डॉलर हो गया है, जिसमें भारत का व्यापार अधिशेष बना हुआ है।
    • भारत फिलीपींस को दवाएँ, इंजीनियरिंग उत्पाद, चावल और ऑटो पार्ट्स निर्यात करता है, जबकि भारत सेमीकंडक्टर्स, ताँबा और खाद्य से जुड़ी सामग्रियाँ आयात करता है।
    • भारत, फिलीपींस को दवाओं का प्रमुख आपूर्तिकर्त्ता है, जो उसके कुल फार्मा आयात का लगभग 12% योगदान देता है।
  • रक्षा: वर्ष 2006 में एक रक्षा समझौता ज्ञापन के परिणामस्वरूप संयुक्त रक्षा सहयोग समिति का गठन हुआ।
    • वर्ष 2022 में, भारत ने फिलीपीन नौसेना को ब्रह्मोस मिसाइलों की आपूर्ति के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये, जो दक्षिण पूर्व एशिया के लिये भारत का पहला बड़ा रक्षा निर्यात होगा।
    • जुलाई 2025 में, भारत और फिलीपींस ने विवादित दक्षिण चीन सागर में अपना पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया।
  • फिलीपींस ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन किया है तथा गैर-स्थायी सदस्यता के प्रयासों में भी भारत का साथ दिया है। भारत ने बदले में फिलीपींस के 2027–28 के लिए समर्थन की घोषणा की है।

भारत-फिलीपींस संबंधों का क्या महत्त्व है?

  • सामरिक संरेखण: फिलीपींस दक्षिण चीन सागर के चौराहे पर स्थित है, जो भारत-प्रशांत सुरक्षा और वैश्विक व्यापार मार्गों के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।
    • भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिये पारस्परिक और समग्र उन्नति (महासागर) विजन के हिस्से के रूप में, फिलीपींस एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को बनाए रखने के लिये एक प्रमुख भागीदार है।
    • भारत और फिलीपींस, दोनों ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लोकतंत्र, दक्षिण चीन सागर में चीन की कार्रवाइयों को लेकर चिंतित हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन, 1982 का समर्थन तथा चीन के नाइन-डैश लाइन के दावों के विरुद्ध फिलीपींस का समर्थन करता है।
  • आसियान संबंध: फिलीपींस आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) का एक प्रभावशाली सदस्य है। द्विपक्षीय संबंधों में गहराई आने से दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत की उपस्थिति मज़बूत होती है।
  • आर्थिक क्षमता: भारत एक बड़ा बाज़ार, आईटी, फार्मा, फिनटेक में निवेश के अवसर और बुनियादी ढाँचे और ऊर्जा में साझेदारी प्रदान करता है।
    • भारत फिलीपींस के लिये एक पायलट सॉवरेन डेटा क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर का समर्थन कर रहा है, जिससे उसकी डिजिटल स्वायत्तता और साइबर क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा।
  • विशेष तकनीक और उत्पाद: फिलीपींस समुद्री शैवाल (सीवीड) की खेती में अपनी विशेषज्ञता के लिये जाना जाता है, जिसे भारत भविष्य में पोषण संबंधी उद्देश्यों के लिये अपनाने की योजना बना रहा है।

भारत-फिलीपींस संबंधों में चुनौतियाँ क्या हैं?

  • चीन की संवेदनशीलताएँ और क्षेत्रीय तनाव: चीन के विरोध के बीच, दक्षिण चीन सागर में भारत और फिलीपींस के बीच नौसैनिक संबंध। 
    • बीजिंग ऐसे प्रयासों को प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के रूप में देखता है, जिससे भू-राजनीतिक तनाव की आशंका बढ़ जाती है और यह फिलीपींस की भारत, अमेरिका और चीन के बीच संतुलन साधने की नीति की परीक्षा बन सकता है।
  • सीमित आर्थिक एकीकरण: भारत-फिलीपींस व्यापार में वृद्धि हो रही है, किंतु यह अब भी अपेक्षाकृत कमज़ोर बना हुआ है। इसका कारण प्राथमिक व्यापार समझौते (Preferential Trade Agreement) की धीमी वार्ताएँ, कम निवेश और कमज़ोर कनेक्टिविटी है।
  • सहयोग में कार्यान्वयन संबंधी कमियाँ: डिजिटल और समुद्री क्षेत्रों में समझौतों के बावजूद, प्रगति धीमी हो सकती है क्योंकि इसमें संस्थागत क्षमताओं की कमी, प्राथमिकताओं में अंतर और क्षेत्रीय अस्थिरता जैसी बाधाएँ मौजूद हैं।

भारत-फिलीपींस संबंधों को मज़बूत करने के लिये क्या किया जा सकता है?

  • रक्षा क्षमता निर्माण को प्राथमिकता देना: भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) के तहत सहयोग को विस्तार देना चाहिये और फिलीपींस की आवश्यकताओं के अनुरूप नौसैनिक उपकरणों के संयुक्त विकास को आगे बढ़ाना चाहिये, ताकि दीर्घकालिक रणनीतिक पारस्परिक निर्भरता को प्रोत्साहित किया जा सके।
  • PTA वार्ताओं में तेज़ी लाना: फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजिटल सेवाओं और प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए PTA को शीघ्र अंतिम रूप देना वास्तविक आर्थिक गहराई को प्राप्त करने में सहायक हो सकता है।
  • जन-सामान्य के बीच संपर्क का विस्तार करना: भारत को विशेष रूप से STEM एवं चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में अधिक विश्वविद्यालय छात्रवृत्तियाँ प्रदान करनी चाहिये, जहाँ भारत की सॉफ्ट पावर की विशेष पहचान है।

फिलीपींस

  • दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक द्वीपसमूह, फिलीपींस में 7,641 द्वीप हैं जिनकी सीमाएँ फिलीपीनी सागर (पूर्व), दक्षिण चीन सागर (पश्चिम) और सेलेब्स सागर (दक्षिण) से लगती हैं।
    • लूज़ोन और मिंडानाओ इसके दो सबसे बड़े द्वीप हैं, तथा मनीला इसकी राजधानी है।
    • माउंट एपो (2,954 मीटर), जो मिंडानाओ में स्थित है, देश की सबसे ऊँची चोटी है और एक सक्रिय ज्वालामुखी भी है।
  • फिलीपींस प्रशांत रिंग ऑफ फायर में स्थित है। यहाँ उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है और यह देश विश्व के प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट्स में से एक है।

निष्कर्ष

भारत-फिलीपींस संबंध तभी प्रगाढ़ होंगे जब भारत को चीन या अमेरिका के विकल्प के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे देश के रूप में देखा जाएगा जो प्रासंगिक, विश्वसनीय और सम्मानजनक समाधान प्रदान करता है। इस दृष्टिकोण में परिवर्तन के लिये केंद्रित दृष्टि, तीव्र गति और निरंतर सक्रिय सहभागिता आवश्यक है।

दृष्टि मेन्स परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न. भारत और फिलीपींस ने हाल ही में अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक उन्नत किया है। भारत की की हिंद-प्रशांत रणनीति के संदर्भ में इस कदम के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। 

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. ऑस्ट्रेलिया  
  2. कनाडा  
  3. चीन  
  4. भारत  
  5. जापान  
  6. यू.एस.ए.

उपर्युत्त में से कौन-कौन आसियान (ASEAN) के ‘मुत्त व्यापार भागीदारों’ में से हैं?

(a) 1, 2, 4 और 5    
(b) 3, 4, 5 और 6
(c) 1, 3, 4 और 5   
(d) 2, 3, 4 और 6

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. शीतयुद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के संदर्भ में भारत की पूर्वोन्मुखी नीति के आर्थिक और सामरिक आयामों का मूल्यांकन कीजिये। (2016)

close
Share Page
images-2
images-2