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रैपिड फायर

अभ्यास गरुड़ 25

  • 17 Nov 2025
  • 11 min read

स्रोत: पी.आई.बी

भारतीय वायु सेना (IAF) 16 से 27 नवंबर, 2025 तक फ्राँस के मोंट-डे-मार्सन में फ्राँस के वायु एवं अंतरिक्ष बल (FASF) के साथ द्विपक्षीय वायु अभ्यास 'गरुड़ 25' के आठवें संस्करण में भाग ले रही है।

  • परिचय: वर्ष 2003 में पहली बार आयोजित, गरुड़ किसी पश्चिमी देश के साथ भारत के सबसे लंबे समय तक चलने वाले हवाई अभ्यासों में से एक है। यह भारत-फ्राँस रणनीतिक साझेदारी (1998 में स्थापित) के तहत गहरे होते रक्षा और रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है।
    • यह अभ्यास भारत और फ्राँस में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है ताकि दोनों वायु सेनाओं के बीच परिचालनात्मक संपर्क, पारस्परिक प्रशिक्षण और बेहतर अंतर-संचालन को बढ़ावा दिया जा सके।
  • भागीदारी: भारतीय वायुसेना ने छह Su-30MKI लड़ाकू जेट विमानों को तैनात किया है, जिन्हें IL-78 रिफ्यूलर्स और C-17 ग्लोबमास्टर्स द्वारा सहायता प्रदान की गई है, ताकि वे जटिल कृत्रिम हवाई युद्ध मिशनों में फ्राँस की राफेल तथा अन्य बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के साथ कार्य कर सकें।   
  • फोकस क्षेत्र: यह हवा से हवा में युद्ध अभ्यास, वायु रक्षा मिशन, संयुक्त हमला संचालन और रणनीति, तकनीक एवं प्रक्रियाओं (TTP) के परिशोधन पर केंद्रित है।
  • महत्त्व: यह अभ्यास राफेल सौदे, भारत-प्रशांत सहयोग और संयुक्त अंतरिक्ष रक्षा अनुसंधान जैसे भारत-फ्राँस सहयोग को बढ़ावा देता है।
  • अन्य अभ्यास: वरुण (नौसेना) और शक्ति (थल सेना), डेज़र्ट नाइट (भारत, फ्राँस और ब्रिटेन)।

और पढ़ें: भारत-फ्राँस संबंध

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