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असंगठित श्रमिकों के लिये सामाजिक सुरक्षा बढ़ाना

  • 04 Aug 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, ई-श्रम पोर्टल, असंगठित क्षेत्र

मेन्स के लिये:

भारत में असंगठित श्रमिक और संबंधित पहल

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में केंद्रीय श्रम और रोज़गार राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में असंगठित श्रमिकों हेतु सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में हुई महत्त्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला।

  • असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 के अनुरूप सरकार ने जीवन और विकलांगता कवरेज, स्वास्थ्य लाभ, मातृत्व सहायता तथा वृद्धावस्था सुरक्षा को कवर करते हुए कई कल्याणकारी कार्यक्रम तैयार किये हैं।
  • भारत में असंगठित श्रमिक कुल कार्यबल का लगभग 93% या लगभग 43.7 करोड़ हैं।
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 का उद्देश्य संगठित/असंगठित (या किसी अन्य) क्षेत्रों को विनियमित करना और विभिन्न संगठनों के सभी कर्मचारियों तथा श्रमिकों को बीमारी, मातृत्व, विकलांगता आदि के दौरान सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करना है।

असंगठित श्रमिकों हेतु सामाजिक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहल:

  • जीवन एवं दिव्यांगता कवर:
    • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): यह मात्र 436/ रुपए/प्रतिवर्ष के मामूली प्रीमियम भुगतान के साथ बीमित व्यक्तियों के लिये 2 लाख रुपए का लाइफ कवर (चाहे मृत्यु का कोई भी कारण हो) प्रदान करती है।
    • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): यह 18 से 70 वर्ष की आयु के लोगों (जिनका किसी बैंक/डाकघर में अकाउंट है) के लिये उपलब्ध है। मात्र 20 रुपए/प्रतिवर्ष के मामूली प्रीमियम भगतान के साथ यह आकस्मिक मृत्यु अथवा विकलांगता की स्थिति में 1 से 2 लाख रुपए तक का कवर प्रदान करती है।
      • देश भर में PMJJBY और PMSBY के तहत नामांकित लाभार्थियों की संख्या क्रमशः 16.92 करोड़ और 36.17 करोड़ से अधिक है। 
  • स्वास्थ्य एवं मातृत्व लाभ:
    • आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY): यह माध्यमिक और तृतीयक देखभाल हेतु भर्ती के लिये प्रति परिवार 5.00 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज सुनिश्चित करती है।
      • जुलाई 2023 तक देश भर में लगभग 24.19 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की पुष्टि की गई है।
  • वृद्ध जनों की सुरक्षा:
    • प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SMY): इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी, इसके तहत 60 वर्ष अथवा उससे अधिक आयु के श्रमिकों (जिनकी मासिक आय 15000 रुपए या इससे कम हो) के लिये 3000/- रुपए प्रतिमाह की पेंशन राशि प्रदान की जाती है।
      • इसमें लाभार्थी और केंद्र सरकार दोनों का 50% मासिक योगदान होता है।
      • इसके तहत देश भर में लगभग 49.47 लाख लाभार्थियों को नामांकित किया गया है।
  • ई-श्रम पोर्टल:
    • यह श्रम और रोज़गार मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया था।
    • इसका उद्देश्य असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करना है।
    • ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत (नाम, व्यवसाय, पता, शिक्षा, कौशल और पारिवारिक जानकारी का विवरण) श्रमिकों की संख्या लगभग 28.97 करोड़ है। 
  • असंगठित श्रमिकों के लिये अतिरिक्त योजनाएँ:

असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008:

  • यह अधिनियम असंगठित श्रमिकों को उन लोगों के रूप में परिभाषित करता है जो बिना किसी नियमित रोज़गार या सामाजिक सुरक्षा लाभ के अनौपचारिक क्षेत्र या घरों में काम करते हैं।
  • यह अधिनियम केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों को असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा लाभ, जैसे- जीवन एवं विकलांगता सुविधा, स्वास्थ्य तथा मातृत्व लाभ, वृद्धावस्था सुरक्षा, शिक्षा, आवास आदि प्रदान करने के लिये योजनाएँ बनाने का अधिकार देता है।
  • यह अधिनियम असंगठित श्रमिकों के लिये एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड और राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के गठन का भी प्रावधान करता है, जो योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु सलाह देने के साथ उनकी निगरानी करेगा।
  • इस अधिनियम में ज़िला प्रशासन द्वारा असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण और उन्हें पहचान पत्र जारी करने का प्रावधान है।
  • इस अधिनियम में सूचना प्रदान करने और योजनाओं तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने हेतु श्रमिक सुविधा केंद्रों की स्थापना का भी प्रावधान है।

सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020:

  • इस संहिता का उद्देश्य संगठित/असंगठित (या किसी अन्य) क्षेत्रों को विनियमित करना और विभिन्न संगठनों के सभी कर्मचारियों एवं श्रमिकों को बीमारी, मातृत्व, विकलांगता आदि के दौरान सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करना है।
  • इस संहिता को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना के माध्यम से आकार-सीमा (size-threshold) के अधीन प्रतिष्ठानों पर लागू किया जा सकता है।
  • इसके तहत असंगठित श्रमिकों, गिग श्रमिकों और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिये जाएंगे।
  • इसमें असंगठित श्रमिकों, गिग श्रमिकों और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिये पंजीकरण का प्रावधान किया गया है।
  • इन श्रेणियों के श्रमिकों के लिये योजनाओं एवं उनकी निगरानी के लिये एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की स्थापना की जाएगी।
  • गिग श्रमिकों और प्लेटफॉर्म श्रमिकों से संबंधित योजनाओं में प्रयोग होने वाली पूंजी/धन में केंद्र और राज्य सरकारों के अतिरिक्त एग्रीगेटर्स भी योगदान दे सकते हैं।
  • हालाँकि कुछ अपराधों के लिये इसमें न्यूनतम दंड का प्रावधान है, जिसमें निरीक्षकों के कार्य में बाधा डालना और गैर-कानूनी तरीके से भुगतान में कटौती करना शामिल है।
  • महामारी के दौरान केंद्र सरकार, नियोक्ता और कर्मचारियों के भुगतान [कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) तथा भविष्य निधि (PF) के तहत] को तीन महीने के लिये स्थगित या कम कर सकती है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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