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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

ग्लोबल गेटवे प्लान: ईयू

  • 02 Dec 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ग्लोबल गेटवे प्लान, ग्रुप ऑफ सेवन

मेन्स के लिये:

चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के बारे में

चर्चा में क्यों?   

हाल ही में यूरोपीय आयोग ने ग्लोबल गेटवे (Global Gateway) नामक एक योजना की घोषणा की है, जो  वर्ष 2027 तक दुनिया भर में सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांँचे में निवेश हेतु  300 अरब यूरो (EURO 300 billion) जुटाने से संबंधित है। 

  • हालांँकि योजना में चीन का जिक्र नहीं है, लेकिन इसे चीन की बेल्ट एंड रोड रणनीति (China’s Belt and Road strategy) की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • ग्लोबल गेटवे प्लान के बारे में:
    • विकासात्मक आयाम: ग्लोबल गेटवे, यूरोपीय संघ, यूरोप देशों के दृष्टिकोण के साथ तत्काल ज़रूरतों के लिये प्रतिक्रिया की पेशकश करेगा जिसमें शामिल है:
      • टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाले डिजिटल, जलवायु, ऊर्जा और परिवहन बुनियादी ढांँचे का विकास करना।
      • दुनिया भर में स्वास्थ्य, शिक्षा और अनुसंधान प्रणालियों को मज़बूत करना।
    • अनुदान: परियोजना के वित्तपोषण के लिये यूरोपीय संघ अपने यूरोपीय कोष का उपयोग सतत् विकास प्लस हेतु करेगा।
      • इसके तहत 40 अरब यूरो उपलब्ध कराए जाते हैं और बाहरी सहायता कार्यक्रमों से 18 अरब यूरो तक के अनुदान की पेशकश की जाएगी।
      • लक्ष्य को  प्राप्त करने के लिये योजना को अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और निजी क्षेत्र से वित्तपोषण की आवश्यकता होगी।
      • ऋण संकट के जोखिम को सीमित करने हेतु उचित और अनुकूल शर्तों के तहत वित्तपोषण किया जाएगा।
    • B3W प्रोजेक्ट की शाखा: EU रणनीति बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (Build Back Better World- B3W) पहल की एक शाखा है।
      • B3W जून 2021 में सबसे अमीर ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) लोकतंत्रों द्वारा घोषित एक अंतर्राष्ट्रीय  बुनियादी ढांँचा निवेश पहल है।
      •  G7 (Group of Seven) देशों ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road initiative- BRI) परियोजना का मुकाबला करने के लिये 47वें के G7 शिखर सम्मेलन में 'बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड’ (Build Back Better World- B3W) पहल का प्रस्ताव रखा।
  • चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के बारे में:
    • परिचय: इस परियोजना की परिकल्पना वर्ष 2013 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने की थी। BRI पहल चीन द्वारा प्रस्तावित एक महत्त्वाकांक्षी आधारभूत ढाँचा विकास एवं संपर्क परियोजना है जिसका लक्ष्य चीन को सड़क, रेल एवं जलमार्गों के माध्यम से यूरोप, अफ्रीका और एशिया से जोड़ना है।
      • यह कनेक्टिविटी पर केंद्रित चीन की एक रणनीति है, जिसके माध्यम से सड़कों, रेल, बंदरगाह, पाइपलाइनों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को ज़मीन एवं समुद्र के माध्यम से एशिया, यूरोप  एवं अफ्रीका से जोड़ने की परिकल्पना की गई है।
      • वर्ष 2013 से 2020 के मध्य तक चीन का कुल निवेश लगभग 750 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
      • चीन का तर्क है कि वह संयुक्त परियोजनाओं को लाभ पहुँचाने वाले ऋण प्रदान करते हुए अपने भागीदारों की संप्रभुता का सम्मान करता है, जबकि आलोचकों का कहना है कि बीजिंग की संविदात्मक शर्तें मानव, श्रम और पर्यावरण अधिकारों का हनन करती हैं।
    • BRI की आलोचना: निम्नलिखित कारणों से पश्चिमी दुनिया द्वारा BRI परियोजना की काफी आलोचना की गई है:
      • चीन की ऋण जाल नीति: बीआरआई को चीन की ऋण जाल नीति के एक भाग के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें चीन जान-बूझकर किसी अन्य देश को कर्जदार बनाने तथा  आर्थिक या राजनीतिक रियायतें प्राप्त करने के इरादे से अत्यधिक ऋण देता है।
        • पश्चिमी देश इसे चीन के लिये गरीब देशों को प्रभावित करने के एक उपकरण के रूप में देखते हैं।
        • वे उभरती अर्थव्यवस्थाओं को बहुत अधिक कर्ज लेने के लिये उकसाने हेतु चीन की आलोचना करते हैं और आरोप लगाते हैं कि चीन की निविदा प्रक्रिया भ्रष्टाचार से ग्रस्त है।
      • नया उपनिवेशवाद: उन्होंने इस पहल को नए उपनिवेशवाद या 21वीं सदी की ‘मार्शल योजना’ के रूप में नामित किया है।
      • उत्पाद की दोहरी प्रकृति: साथ ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), श्रीलंका में कोलंबो पोर्ट सिटी परियोजना का निर्माण जैसी परियोजनाएँ न केवल प्रकृति में वाणिज्यिक हैं बल्कि रणनीतिक प्रभाव वाली भी हैं।
    • भारत का पक्ष

स्रोत: द हिंदू

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