रैपिड फायर
संशोधित PLFS
स्रोत: द हिंदू
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) को पुनः संरचित करते हुए इसे ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित किया है।
- संशोधित PLFS पूरे भारत स्तर पर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिये श्रम बल भागीदारी दर, श्रमिक जनसंख्या अनुपात तथा बेरोज़गारी दर के मासिक आकलन प्रदान करेगा, जो कि वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) फ्रेमवर्क का उपयोग करके किया जाएगा।
- ये संकेतक केवल शहरी क्षेत्रों के लिये ही तिमाही आधार पर जारी किये गये हैं।
- तिमाही अनुमान ग्रामीण क्षेत्रों और प्रमुख राज्यों को शामिल करेंगे ताकि बेहतर विवरण तथा समय पर जानकारी मिल सके। सामान्य स्थिति (ps+ss) और वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) का उपयोग करते हुए वार्षिक अनुमान व्यापक कवरेज सुनिश्चित करेंगे।
- सामान्य स्थिति (ps+ss) और वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) ऐसे फ्रेमवर्क हैं जो किसी व्यक्ति की गतिविधि की स्थिति को क्रमशः एक वर्ष तथा सात दिन की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित करते हैं।
- PLFS (2017) को भारत में रोज़गार और बेरोज़गारी की स्थिति को मापने के लिये सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) द्वारा आयोजित किया जाता है।
और पढ़ें: आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2024
रैपिड फायर
मरम्मत योग्यता सूचकांक
स्रोत: द हिंदू
उपभोक्ता मामले विभाग (DoCA) ने उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों और उपकरणों के लिये मरम्मत योग्यता सूचकांक (Repairability Index - RI) पर एक रूपरेखा संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसका उद्देश्य उत्पादों को उनकी मरम्मत की सरलता के आधार पर अंक प्रदान करना है। यह पहल राइट-टू-रिपेयर आंदोलन के अनुरूप है।
- उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को उनकी मरम्मत योग्यता के आधार पर अंक दिये जाएंगे, जिसमें स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता, मरम्मत की लागत, सॉफ्टवेयर अपडेट और मरम्मत संबंधी जानकारी जैसे कारकों को शामिल किया जाएगा।
- यह स्थिति योजनाबद्ध अप्रचलन और धातुओं की बढ़ती कीमतों तथा बाज़ार प्रतिस्पर्द्धा के बीच सामग्री और गुणवत्ता में कटौती (लीनर इंजीनियरिंग विकल्प) के कारण उत्पन्न हुई है।
- योजनाबद्ध अप्रचलन का उद्देश्य उत्पादों के अल्पकालिक जीवन चक्र बनाना होता है ताकि बार-बार बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके, जबकि लीनर इंजीनियरिंग न्यूनतम सामग्री का उपयोग करके दक्षता बढ़ाने, अपशिष्ट घटाने और कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करने पर केंद्रित होती है।
- राइट-टू-रिपेयर उपभोक्ताओं और व्यवसायों को सशक्त बनाता है कि वे निर्माता की सीमाओं के बिना अपने उपकरणों की मरम्मत स्वयं कर सकें। यह आवश्यक उपकरणों, स्पेयर पार्ट्स और दस्तावेज़ों तक पहुँच सुनिश्चित करता है।
- DoCA ने निधि खरे की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया, जिसके परिणामस्वरूप राइट टू रिपेयर पोर्टल इंडिया की स्थापना हुई। यह पोर्टल उपभोक्ताओं को उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव संबंधी जानकारी तक आसान पहुँच प्रदान करता है।
और पढ़ें: मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों के लिये मरम्मत योग्यता सूचकांक
रैपिड फायर
क्वांटम डॉट्स और 2D मेटल्स
स्रोत: द हिंदू
क्वांटम डॉट्स और 2D धातुओं ने नैनोमैटेरियल्स में क्रांति ला दी है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स, निदान तथा सतत् प्रौद्योगिकियों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
- क्वांटम डॉट्स ऐसे सेमीकंडक्टर्स होते हैं जो कुछ नैनोमीटर चौड़े होते हैं और क्वांटम संकेतन के कारण अनोखी विशेषताएँ प्रदर्शित करते हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनों को सभी आयामों में सीमित किया जाता है।
- क्वांटम संकेतन के कारण इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा अवस्थाएँ बदल जाती हैं, जो शून्य-आयामी पदार्थों जैसे क्वांटम डॉट्स के व्यवहार के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती हैं।
- क्वांटम डॉट्स के उपयोगों में LED, चिकित्सा निदान, सोलर पैनल और सेमीकंडक्टर निर्माण शामिल हैं, जिसके लिये उन्हें वर्ष 2023 का रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला।
- 2D मेटल्स को बनाने के प्रयासों में चुनौतियाँ आईं क्योंकि धातुएँ स्वाभाविक रूप से 3D बॉडिंग को प्राथमिकता देती हैं, जिससे परमाणु स्तर पर पतली और स्थिर 2D मेटल शीट्स बनाना कठिन हो गया।
- 2D मेटल्स, धातुओं के अत्यंत पतले (केवल 1 या 2 परमाणु मोटाई वाले) शीट होते हैं, जहाँ इलेक्ट्रॉन केवल दो आयामों (लंबाई और चौड़ाई) में गति कर सकते हैं। जबकि बल्क मेटल्स से भिन्न है, जहाँ इलेक्ट्रॉन तीन आयामों (लंबाई, चौड़ाई, ऊँचाई) में स्वतंत्र रूप से गति करते हैं।
- 2D मेटल्स के उपयोगों में अतिसंवेदनशील सेंसर शामिल हैं, जिनका प्रयोग चिकित्सा से लेकर सैन्य क्षेत्र तक किया जाता है।
- 2D बिस्मथ और टिन टोपोलॉजिकल इंसुलेटर के रूप में कार्य करते हैं, जहाँ विद्युत धारा केवल उनके किनारों पर प्रवाहित होती है तथा किनारों पर चुम्बकत्व के कारण भविष्य में तीव्र गति के कंप्यूटरों की संभावना होगी।
- 2D मैटेरियल्स, जैसे कि ग्राफीन, इलेक्ट्रॉनों को दो आयामों में गतिशील होने की अनुमति देते हैं, जिससे वे बिना द्रव्यमान वाले कणों जैसा व्यवहार करते हैं और विचित्र गुण प्रदर्शित करते हैं।
और पढ़ें: रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार 2023