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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार- 2023

  • 06 Oct 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार- 2023, क्वांटम डॉट्स, क्वांटम तकनीक, नैनोमटेरियल्स, LED

मेन्स के लिये:

क्वांटम डॉट्स के अनुप्रयोग।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों? 

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ ने क्वांटम डॉट्स के अभूतपूर्व आविष्कार और संश्लेषण के लिये मौंगी जी बावेंडी, लुईस ई ब्रूस तथा एलेक्सी आई एकिमोव को रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।

क्वांटम डॉट्स का आविष्कार:

  • पृष्ठभूमि:
    • हालाँकि लगभग चालीस वर्ष पूर्व, वैज्ञानिकों ने पाया कि नैनोस्केल पर एक ही तत्त्व के  नैनोकण, आमतौर पर एक मीटर के 1 से 100 अरबवें आकार के, अपने बड़े समकक्षों से भिन्न व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, जो इस पारंपरिक धारणा का खंडन करते हैं।
    • परंपरागत रूप से यह अवधारणा व्याप्त थी कि शुद्ध तत्त्व के सभी हिस्सों में, जो किसी भी आकार के क्यों ना हों, इलेक्ट्रॉनों के समान वितरण के कारण उनके गुण सदैव समान होते हैं।
  • नोबेल पुरस्कार विजेताओं का योगदान:
    • एलेक्सी एकिमोव: वर्ष 1980 के आसपास एलेक्सी एकिमोव कॉपर क्लोराइड नैनोकणों में असामान्य व्यवहार का निरीक्षण करने वाले पहले व्यक्ति थे।
      • उन्होंने इन कणों के विशिष्ट गुणों का प्रदर्शन करते हुए इन नैनोकणों का सफलतापूर्वक निर्माण किया।
    • लुई ब्रूस: अमेरिकी वैज्ञानिक लुई ब्रूस ने कैडमियम सल्फाइड नैनोकणों से जुड़ी एक ऐसी ही खोज की।
      • एकिमोव की तरह, वह इन परिवर्तित गुणों के साथ नैनोकणों को बनाने में सक्षम थे।
    • मौंगी बावेंडी: मौंगी बावेंडी, जिन्होंने शुरुआत में लुई ब्रूस के साथ सहयोग किया, ने बाद में अद्वितीय विशेषताओं वाले नैनोकणों के उत्पादन की तकनीकों को सरल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
      • उनके कार्यों ने वांछित विकृत व्यवहार प्रदर्शित करने वाले नैनोकणों के कुशल और नियंत्रित निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।
  • नैनोकणों के विशिष्ट गुणों के कारक:
    • सूक्ष्म नैनोकणों का अपरंपरागत व्यवहार क्वांटम प्रभावों के उद्भव का परिणाम है।
    • नैनोकणों के एकल परमाणु की तुलना में काफी बड़ा होने के बावजूद, 1930 के दशक में एक महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि, जब कणों को नैनोस्केल में कम किया जाता है तो क्वांटम प्रभाव प्रदर्शित हो सकते हैं, सामने आई
      • इसका मुख्य कारण यह है कि ऐसी परिस्थितियों में परमाणुओं में निहित इलेक्ट्रॉन एक सीमित स्थान में मौज़ूद होते हैं।
        • आमतौर पर इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के बाहर अपेक्षाकृत विशाल क्षेत्र में गति करते हैं।
        • हालाँकि जैसे-जैसे कण का आकार तेज़ी से घटता है, इलेक्ट्रॉनों के लिये अवरोध उत्पन्न होता है, जिससे इन विशिष्ट क्वांटम प्रभावों की अभिव्यक्ति होती है।
    • इस गहन समझ, जैसा कि नोबेल पुरस्कार विजेताओं, एकिमोव तथा ब्रूस ने अपनी प्रयोगशालाओं में देखा और प्रदर्शित किया, के परिणामस्वरूप एक ही तत्त्व के उनके बड़े समकक्ष कणों की तुलना में अलग व्यवहार वाले नैनो-आकार के कणों का निर्माण हुआ। 
      • अद्वितीय गुणों वाले इन उल्लेखनीय नैनोकणों को क्वांटम डॉट्स के रूप में जाना जाने लगा।
  • क्वांटम डॉट्स की विशेषता: क्वांटम डॉट्स नैनोस्केल कण हैं, जिनका आकार आमतौर पर 1 से 100 नैनोमीटर तक होता है। इन छोटी संरचनाओं में अद्वितीय गुण होते हैं जो उनके आकार से निर्धारित होते हैं।
    • विशेष रूप से क्वांटम डॉट्स का आकार उनके द्वारा उत्सर्जित प्रकाश का रंग का निर्धारण करता है, छोटे डॉट्स नीला प्रकाश उत्सर्जित करते हैं और बड़े डॉट्स पीले व लाल रंग का प्रकाश उत्सर्जित करते हैं।

नोट: 

  • क्वांटम प्रभाव: क्वांटम सबसे छोटे पैमाने पर पदार्थ और ऊर्जा के मौलिक व्यवहार को संदर्भित करता है, जहाँ सैद्धांतिक भौतिकी अब लागू नहीं होती है।
    • क्वांटम प्रभाव क्वांटम स्तर पर होने वाली घटनाएँ हैं, जहाँ इलेक्ट्रॉन जैसे कण सुपरपोज़िशन और एनटैंगलमेंट जैसे व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, जो सैद्धांतिक भौतिकी से अलग हैं।
  • क्वांटम प्रौद्योगिकी: क्वांटम प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने की क्षमता के साथ क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम सेंसर सहित नवीन उपकरण एवं अनुप्रयोग हेतु क्वांटम यांत्रिकी के अद्वितीय गुणों का उपयोग करती है।

क्वांटम डॉट्स के अनुप्रयोग:

  • डिस्प्ले टेक्नोलॉजी: क्वांटम डॉट्स स्पष्ट एवं चमकीले प्रकाश उत्सर्जित करके LED लैंप और टेलीविज़न स्क्रीन जैसे डिस्प्ले की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं।
  • मेडिकल इमेजिंग: ये सर्जरी के दौरान ट्यूमर के ऊतकों को प्रदीप्त कर सकते हैं, जिससे शल्य चिकित्सकों को ट्यूमर के सटीक निष्कासन में सहायता मिलती है।
    • इनका नैनोस्केल आकार इन्हें छोटे सेंसर में उपयोग के लिये आदर्श बनाता है।
  • फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स: क्वांटम डॉट्स तकनीक इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है जिससे भविष्य में नवीन और अनुकूलनीय उपकरणों के विनिर्माण की संभावनाएँ हैं।
  • स्लिमर सोलर सेल: क्वांटम डॉट्स से अधिक कुशल और कॉम्पैक्ट सौर सेल बन सकते हैं, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा संबंधी समाधान संभव हो सकेगा।
  • एन्क्रिप्टेड क्वांटम संचार: क्वांटम डॉट्स सुरक्षित क्वांटम संचार प्रौद्योगिकियों को विकसित करने, संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा करने में भूमिका निभा सकते हैं।

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अन्य हालिया नोबेल पुरस्कार विजेता:

  • 2022:
    • कैरोलिन आर. बर्टोज्ज़ी, मोर्टन मेल्डल तथा के. बैरी शार्पलेस "क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास हेतु"
  • 2021:
    • बेंजामिन लिस्ट और डेविड मैकमिलन को "असममित ऑर्गेनोकैटेलिसिस के विकास हेतु"
  • वर्ष 2020:
    • इमैनुएल चार्पेंटियर और जेनिफर ए. डौडना  को "जीनोम संपादन की एक विधि के विकास के लिये"
  • वर्ष 2019:
    • जॉन बी. गुडएनफ, एम. स्टेनली व्हिटिंगम और अकीरा योशिनो "लिथियम-आयन बैटरी के विकास के लिये"
  • वर्ष 2018:
    • फ्रांसिस एच. अर्नोल्ड को "एंजाइमों के निर्देशित विकास के लिये"
    • जॉर्ज पी. स्मिथ और सर ग्रेगरी पी. विंटर को "पेप्टाइड्स और एंटीबॉडी के फेज़ प्रदर्शन के लिये"

नोबेल पुरस्कार 2023 की अन्य घोषणाओं का संदर्भ: भौतिकी, फिजियोलॉजी  या चिकित्सा

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