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ई-पासपोर्ट

  • 17 May 2025
  • 3 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP) 2.0 के तहत कई शहरों में ई-पासपोर्ट (इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट) जारी करना शुरू कर दिया है। इस पहल का उद्देश्य यात्रा दस्तावेज़ों को अधिक आधुनिक और सुरक्षित बनाना है।

  • पारंपरिक पासपोर्ट मान्य रहेंगे तथा ई-पासपोर्ट में परिवर्तन वैकल्पिक और चरणबद्ध होगा।

ई-पासपोर्ट: 

  • ई-पासपोर्ट: ई-पासपोर्ट एक कंबाइन्ड पेपर और इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट है, जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप और पासपोर्ट के इनले के रूप में एक एंटीना लगा होता है जिसमें पासपोर्ट धारक के व्यक्तिगत विवरण और बायोमेट्रिक जानकारी स्टोर रहती है।
    • ई-पासपोर्ट के फ्रंट कवर के नीचे एक छोटा सा गोल्डन कलर का चिन्ह (सिंबल) प्रिंटेड होता है, जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सकेगा।
  • लाभ:
    • बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत डेटा के सुरक्षित भंडारण के साथ त्वरित पहचान और सत्यापन।
    • सुरक्षित डिजिटल हस्ताक्षर प्रणाली नकली पासपोर्ट और धोखाधड़ी की गतिविधियों से सुरक्षित रखता है।
  • ई-पासपोर्ट में पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर (PKI) संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा करके तथा चिप पर व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक डेटा की प्रामाणिकता एवं अखंडता सुनिश्चित करके सुरक्षा आधार तैयार करती है।
    • PKI डेटा की उत्पत्ति को सत्यापित करने में मदद करता है और अनधिकृत छेड़छाड़ या नकल को रोकता है।

पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP) 2.0:

  • वर्ष 2024 से संचालित होने वाला PSP 2.0, वर्ष 2010 में शुरू किये गए मूल पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम का विस्तारित और उन्नत संस्करण है
  • PSP 2.0 एक तकनीक-संचालित डिजिटल परिवर्तन है जो पारदर्शी, विश्वसनीय और एकीकृत पासपोर्ट सेवाएँ सुनिश्चित करता है।
  • मार्च 2025 तक चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद आदि शहरों में ई-पासपोर्ट जारी किये जाएंगे, जिनमें से चेन्नई में 20,700 से अधिक ई-पासपोर्ट जारी किये जा चुके हैं

और पढ़ें: भारत का ई-पासपोर्ट: पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP) 

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