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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Sep, 2019
  • 13 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 12 सितंबर, 2019

विज़िटर्स अवार्ड 2019

VISITOR’S AWARDS, 2019

9 सितंबर, 2019 को राष्‍ट्रपति सचिवालय द्वारा विज़िटर्स अवार्ड 2019 के विजेताओं की घोषणा की गई।

  • इस वर्ष ये अवार्ड मानविकी (Humanities), कला (Arts) और सामाजिक विज्ञान (Social Sciences), भौतिक विज्ञान (Physical Sciences), जीव विज्ञान (Biological Sciences) एवं प्रौद्योगिकी विकास (Technology Development) में अनुसंधान के लिये प्रदान किये जाएंगे।

मानविकी, कला और सामाजिक विज्ञान: इस क्षेत्र में अनुसंधान के लिये पुद्दुचेरी विश्‍वविद्यालय के एप्‍लाइड साइकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर शिबनाथ देब को अवार्ड प्रदान किया जाएगा। उन्‍हें यह अवार्ड बाल संरक्षण विशेष रूप से बाल शोषण और उपेक्षा, छात्रों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य और HIV/AIDS के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये दिया जा रहा है।

भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान: इस क्षेत्र में अनुसंधान के लिये यह अवार्ड जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय के भौतिक विज्ञान स्‍कूल के प्रोफेसर संजय पुरी को दिया जाएगा। जीव विज्ञान में अनुसंधान के लिये यह अवार्ड अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के अंतर-विषयी जैव-प्रौद्योगिकी इकाई के प्रोफेसर असद उल्‍ला खान को भारत में एंटी माइक्रोबियल रेजिस्‍टेंस (AMR) और AMR के फैलने एवं नियंत्रण की कार्यप्रणाली के लिये तथा जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय के नैनोसाइंस के विशेष केंद्र में कार्यरत डॉ. प्रतिमा को संयुक्‍त रूप से प्रदान किया जाएगा। डॉ. प्रतिमा ने नैनो-बायोसेंसर (Nano Biosensor) और नैनो-बायोइन्‍ट्रेक्‍शन (Nano Biointeraction) में उल्‍लेखनीय अनुसंधान किया है।

प्रौद्योगिकी विकास: इसके लिये त्रिपुरा विश्‍वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉ. शॉन रे चौधुरी को अवार्ड प्रदान किया जाएगा। डॉ. चौधुरी को यह अवार्ड बायोफर्टिलाइज़र में डेयरी अपशिष्‍ट जल के रूपांतरण के लिये माइक्रोबियल बॉयोफिल्‍म रिएक्‍टर (Microbial Biofilm Reactor) विकसित करने के लिये दिया जा रहा है।

पृष्ठभूमि

केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों में स्‍वस्‍थ प्रतियोगिताओं और उन्‍हें पूरे विश्‍व की श्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं को अपनाने के लिये प्रेरित करने हेतु वर्ष 2014 में ये अवार्ड स्‍थापित किये गए थे। तब से प्रत्येक वर्ष विभिन्‍न श्रेणियों में ये अवार्ड प्रदान किये जाते हैं।


‘लोकतंत्र के स्वर’ एवं ‘द रिपब्लिकन एथिक’

‘Loktantra Ke Swar’ and ‘The Republican Ethic’

हाल ही में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने ‘लोकतंत्र के स्वर’ (खंड-2) तथा ‘ द रिपब्लिकन एथिक’ (खंड-2) पुस्तकों का विमोचन किया। दोनों पुस्तकें राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के कार्यकाल के दूसरे वर्ष (जुलाई, 2018 से जुलाई, 2019) में दिये गए 95 भाषणों का संकलन है।

Loktantra ke svar

  • इन पुस्तकों को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने प्रकाशित किया है।
  • राष्ट्रपति के भाषण को आठ श्रेणियों में बाँटा गया है।
    • एड्रेसिंग द नेशन
    • विंडोज़ टू द वर्ल्ड
    • एडुकेटिंग इंडियाः इक्यूपिंग इंडिया
    • धर्म ऑफ पब्लिक सर्विस
    • ऑनरिंग अवर सेंटीनल्स
    • स्पीरिट ऑफ कान्स्टिटूशन एंड लॉ
    • एकनॉलेजिंग एक्सेलेंस तथा महात्मा गांधीः मोरल एकजेम्पलर
    • गाइडिंग लाइट

मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल

(Man Portable Antitank Guided Missile-MPATGM)

11 सितंबर, 2019 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation-DRDO) ने देश में ही विकसित कम वज़न की, दागो और भूल जाओ की तकनीक वाली मैन पोर्टेबल (मनुष्यों द्वारा उठाई जा सकने वाली) एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (Man Portable Antitank Guided Missile-MPATGM) का आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में सफल परीक्षण किया।

MPATGM

  • मिसाइल को एक मैन पोर्टेबल ट्राइपॉड लॉन्चर से दागा गया। परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य हासिल किये गए।
  • यह MPATGM का तीसरा सफल परीक्षण है।
  • उन्नत उड़ान खूबियों के साथ यह मिसाइल अत्याधुनिक इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर (Infrared Imaging Seeker) से लैस है।
  • इस परीक्षण ने सेना के लिये तीसरी पीढ़ी की स्वदेशी मैन पोर्टबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हासिल करने का रास्ता बना दिया है।

मेगा फूड पार्क

(Mega Food Park)

06 सितंबर, 2019 को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने तेलंगाना के निज़ामाबाद ज़िले में लक्कमपल्ली नामक स्थान पर मेगा फूड पार्क का उद्घाटन किया।

  • यह तेलंगाना राज्य का पहला मेगा फ़ूड पार्क है।
  • इस मेगा फूड पार्क का प्रमोटर मेसर्स स्मार्ट एग्रो फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड है।
  • इस मेगा फूड पार्क की स्थापना 78 एकड़ भू-क्षेत्र में की गई है।
  • इसकी लागत 108.95 करोड़ रुपए है।
  • इस फूड पार्क के निकट गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और डीप फ्रीज भंडार बनाए गए हैं।

लाभ

  • स्मार्ट एग्रो मेगा फूड पार्क से निजामाबाद ज़िले तथा पड़ोसी निर्मल, जगतियाल, राजन्नासिरसिल्ला कामरेड्डी ज़िले और महाराष्ट्र के नांदेड़ ज़िले के लोगों को लाभ मिलेगा।
  • इस मेगा फूड पार्क का कुल राजस्व 14 हज़ार करोड़ रुपए होगा।
  • पार्क प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50 हज़ार युवाओं को रोज़गार देगा तथा एक लाख किसान इस सुविधा से लाभान्वित होंगे।
  • मेगा फूड पार्कों से वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
  • ध्यातव्य है कि मेगा फूड पार्क योजना के तहत सरकार प्रति परियोजना 50 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • देश के पहले मेगा फूड पार्क (श्रीनी मेगा फूड पार्क) की स्थापना आंध्र प्रदेश के चित्तूर नामक स्थान पर की गई थी।

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, 2020

THE’s World University Rankings 2020

हाल ही में टाइम्स हायर एजुकेशन (TIMES Higher Education-THE) ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, 2020 का संस्करण जारी किया है।

  • टाइम्स हायर एजुकेशन ने अपने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 16वें संस्करण (THE’s World University Rankings 2020) में 92 देशों के 1,300 से अधिक विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया।
  • इस वर्ष 56 भारतीय संस्थानों (पिछले वर्ष 49) ने इस तालिका में अपना स्थान बनाया, इसके चलते भारत सूची में पाँचवां और एशिया में तीसरा (जापान और चीन के बाद) सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश बन गया।
  • ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने लगातार चौथे वर्ष शीर्ष स्थान बरकरार रखा।
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (Indian Institute of Science-IISc) बंगलूरू ने भारतीय विश्वविद्यालयों की सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया, हालाँकि 2019 के संस्करण (251-300 समूह) की तुलना में 2020 (301-350) में इसकी रैंकिंग में गिरावट आई है। यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ के साथ इस स्थिति को साझा कर रहा है, जिसने इस सूची में पहली बार प्रवेश किया है।
  • वर्ष 2012 के बाद यह पहली बार है, जब किसी भारतीय विश्वविद्यालय ने शीर्ष 300 में प्रवेश नहीं किया है।

अभ्यास हिम विजय

Exercise HimVijay

भारतीय थल सेना अक्तूबर 2019 की शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश और असम में पहले एकीकृत युद्ध समूह (Integrated Battle Groups) के साथ एक प्रमुख अभ्यास हिम विजय ‘HimVijay’ का आयोजन करेगी।

  • पर्वतीय सैन्य इकाई/माउंटेन कॉर्प्स को अधिक प्रभावी बनाने के लिये इसमें एक यूनिट एकीकृत युद्ध समूह (IBGs) की बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य युद्धाभ्यास को अधिक प्रभावी बनाना है।
  • भारतीय वायु सेना (IAF) सैनिकों और उपकरणों के साथ-साथ अंतर-घाटी हस्तांतरण के लिये इस अभ्यास में भाग लेगी।

एकीकृत युद्ध समूह

(Integrated Battle Groups)

  • IBGs सेना द्वारा शुरू किये गए समग्र बल में परिवर्तन का हिस्सा हैं।
  • IBG, ब्रिगेड के आकार की एक दक्ष और आत्मनिर्भर युद्ध व्यवस्था है जो युद्ध की स्थिति में शत्रु के विरुद्ध त्वरित आक्रमण करने में सक्षम है।
  • प्रत्येक IBG का गठन संभावित खतरों, भू-भाग और कार्यो (Threat, Terrain and Task-T’s) के निर्धारण के आधार पर किया जाएगा और इन्हीं तीन आधारों पर IBG को संसाधनों का आवंटन भी किया जाएगा।
  • IBG कार्यवाही करने हेतु अपनी अवस्थति के आधार पर 12 से 48 घंटों के भीतर संगठित होने में सक्षम होंगे।

17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स

(17 Mountain Strike Corps)

  • वर्ष 2013 में सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति ने कॉर्प्स के निर्माण को मंज़ूरी दी थी।
  • यह भारतीय सेना का पहला माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स है जिसे त्वरित प्रतिक्रिया बल के साथ-साथ LAC (Line of Actual Control) के साथ चीन के खिलाफ आक्रामक बल के रूप में तैयार किया गया है।
  • इसका मुख्यालय पूर्वी कमान के अंतर्गत पश्चिम बंगाल के पनागढ़ में स्थित है।
  • इसे ब्रह्मास्त्र वाहिनी के रूप में भी जाना जाता है।

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