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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 07 Jul, 2023
  • 22 min read
प्रारंभिक परीक्षा

स्मार्ट बैंडेज

हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में पहनने योग्य, तार रहित और यांत्रिक रूप से लचीले/फ्लेक्सिबल "स्मार्ट बैंडेज" के विकास पर प्रकाश डाला गया है, जिसकी सहायता से पुराने घावों को तेज़ी से भरा जा सकता है।

स्मार्ट बैंडेज: 

  • परिचय: 
    • कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech) के शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित इस स्मार्ट बैंडेज में बायोसेंसर, ड्रग-लोडेड हाइड्रोजेल, इलेक्ट्रिकल स्टीमुलेशन मॉड्यूल और तार रहित संचार प्रणाली का उपयोग किया गया है।
    • यह एक मुलायम और फैलने योग्य (स्ट्रेचेबल) पॉलिमर से बना हुआ है जिसे त्वचा के साथ संपर्क बनाए रखने और चिपके रहने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • बैंडेज में बायोसेंसर लगा हुआ है जो घाव के बायोमार्कर की निगरानी करता है जिससे वास्तविक समय में घाव की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है। 
    • बैंडेज द्वारा एकत्र किया गया डेटा स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों द्वारा समीक्षा के लिये वायरलेस तकनीक के माध्यम से स्मार्टफोन या टैबलेट पर साझा किया जाता है।
  • कार्यप्रणाली: 
    • बायोसेंसर घाव की रासायनिक संरचना में परिवर्तन को ट्रैक करता है जिससे उपचार प्रक्रिया की सही जानकारी मिलती है। 
    • इसके अतिरिक्त बायोसेंसर pH स्तर और तापमान की भी निगरानी करता है जो संक्रमण एवं सूजन के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है।
    • बैंडेज में इलेक्ट्रोड लगे हुए हैं जो हाइड्रोजेल परत से दवा को नियंत्रित करते हैं तथा ऊतकों के पुनर्जनन में सहायता करते हैं।
    • डेटा के वायरलेस ट्रांसमिशन से भारी उपकरण और वायर्ड कनेक्शन की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, जिससे सुविधा एवं उपयोगिता बढ़ जाती है।
  • शोध के निष्कर्ष: 
    • इलेक्ट्रिकल स्टीमुलेशन ने त्वचा कोशिका अध्ययन में ऊतक पुनर्जनन को बढ़ाया।
    • बैंडेज ने मधुमेह वाले चूहों में संक्रमण, सूजन और चयापचय की स्थिति की सटीक निगरानी की। 
    • दवाओं और इलेक्ट्रिकल स्टीमुलेशन से उपचारित मधुमेह वाले चूहों के घाव तेज़ी से भर गए तथा निशान भी कम देखे गए।
  • सीमाएँ और भविष्य की दिशा: 
    • रासायनिक मिश्रण के कारण बायोसेंसर ने प्रतिक्रिया में देरी की थी।
    • बायोसेंसर सुरक्षा और मैन्युफैक्चरिंग स्केलिंग में सुधार की आवश्यकता है।
  • निहितार्थ और चुनौतियाँ:
    • पुराने घाव में प्रभावी उपचार की आवश्यकता होती है और यह स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर बोझ डालता है।
    • स्मार्ट बैंडेज, निरंतर निगरानी, लक्षित दवा वितरण और अस्पताल जाने की आवश्यकता को कम करता है।
    • निम्न सामाजिक-आर्थिक वर्ग के लोगों के लिये वहनीयता और पहुँच संबंधी चुनौतियाँ
    • सरकारी पहल और बीमा योजनाएँ व्यापक उपलब्धता को सुविधाजनक बना सकती हैं।
  • पुराने घाव वे होते हैं जो अपेक्षित समय-सीमा के अंतर्गत ठीक नहीं होते हैं और अव्यवस्थित उपचार प्रक्रिया प्रदर्शित करते हैं।
  • वे प्रायः मधुमेह, अपर्याप्त रक्त आपूर्ति, तंत्रिका क्षति या प्रतिरक्षा प्रणाली की शिथिलता जैसी अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों से संबद्ध होते हैं। पुराने घावों में मधुमेह अल्सर, दबाव अल्सर, शिरापरक अल्सर और ठीक न होने वाले सर्जिकल घाव शामिल हैं।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

जेनिन शरणार्थी शिविर में इज़रायली सैन्य अभियान

हाल ही में इज़रायल ने कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में जेनिन शरणार्थी शिविर में एक सैन्य अभियान शुरू किया, जो दूसरे फिलिस्तीनी विद्रोह (2000-2005) के दौरान किये गए व्यापक पैमाने के अभियानों जैसा था।

  • इस ऑपरेशन का उद्देश्य हथियारों को नष्ट करना और ज़ब्त करना तथा विशिष्ट आतंकवादी समूहों को लक्षित करना था। इसमें लगभग 2,000 सैनिक शामिल थे और हमलों के लिये सैन्य ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।
  • जेनिन शिविर ऐतिहासिक रूप से इज़रायल के कब्ज़े के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष का गढ़ और हिंसा का केंद्र बिंदु रहा है।

जेनिन शरणार्थी शिविर से संबंधित मुख्य बिंदु:

  • जेनिन शरणार्थी शिविर एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर है जो उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन क्षेत्र में स्थित है।
  • वर्ष 1953 में स्थापित यह शिविर वर्ष 1948 के अरब-इज़रायल युद्ध के दौरान विस्थापित हुए फिलिस्तीनी शरणार्थियों को समायोजित करने हेतु बनाया गया था जिसे नकबा (अरबी में "तबाही") के रूप में भी जाना जाता है।
  • यह शिविर वर्षों से फिलिस्तीनी आतंकवादियों और इज़रायली सेना के बीच निरंतर संगर्ष का स्थल भी रहा है।
    • दूसरे फिलिस्तीनी विद्रोह, जिसे अल-अक्सा इंतिफादा (वर्ष 2000-2005) के नाम से भी जाना जाता है, के दौरान इस शिविर ने तब विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया था जब यह इज़रायली कब्ज़े के विरुद्ध सशस्त्र प्रतिरोध का गढ़ बन गया था।
  • जेनिन शरणार्थी शिविर फिलिस्तीनी शरणार्थी मुद्दे तथा मौजूदा इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष का प्रतीक बना हुआ है। 

इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष से संबंधित अन्य महत्त्वपूर्ण स्थान: 

  • अल-अक्सा मस्जिद: 
    • यह इस्लाम में आस्था रखने वालों के लिये सबसे पवित्र संरचनाओं में से एक है जिसे मुस्लिमों द्वारा हरम अल-शरीफ या पवित्र पूजा स्थल (Noble Sanctuary) तथा यहूदियों द्वारा टेम्पल माउंट (Temple Mount) के रूप में जाना जाता है।  
    • यह स्थल प्राचीन शहर यरुशलम का हिस्सा है जिसे ईसाइयों, यहूदियों और मुसलमानों के लिये पवित्र माना जाता है।
  • शेख जर्राह:
    • शेख जर्राह पूर्वी येरुशलम में पुराने शहर के उत्तर में स्थित एक पड़ोसी क्षेत्र है।
      • वर्ष 1948 में जब इज़रायल की स्थापना हुई, तब लाखों फिलिस्तीनियों को उनके घरों से बाहर निकाल दिया गया।
    • उन फिलिस्तीनी परिवारों में से अट्ठाईस परिवार पूर्वी येरुशलम में शेख जर्राह में जाकर बस गए। 
  • वेस्ट बैंक: 
    • वेस्ट बैंक पश्चिम एशिया में स्थलों से घिरा क्षेत्र है। इसमें पश्चिमी मृत सागर का एक बड़ा भाग भी शामिल है।
    • अरब-इज़रायल युद्ध (1948) के बाद इस पर जॉर्डन ने कब्ज़ा कर लिया था लेकिन वर्ष 1967 के छह दिवसीय युद्ध के दौरान इज़रायल ने इसे वापस लिया और तब से इस पर इज़राईल का नियंत्रण है।
      • वेस्ट बैंक इज़राईल और जॉर्डन के बीच स्थित है।
  • गाज़ा पट्टी: 
    • गाज़ा पट्टी इज़रायल और मिस्र के बीच स्थित है। इज़रायल  ने वर्ष 1967 के बाद गाज़ा पट्टी पर कब्ज़ा कर लिया, लेकिन ओस्लो शांति प्रक्रिया के दौरान अधिकांश क्षेत्र में गाज़ा शहर और दैनंदिन प्रशासन पर नियंत्रण हटा लिया गया।
    • वर्ष 2005 में इज़रायल  ने एकतरफा तरीके से यहूदी बस्तियों को क्षेत्र से हटा दिया, हालाँकि इसने अंतर्राष्ट्रीय पहुँच को नियंत्रित करना जारी रखा है।
  • गोलान हाइट्स: 
    • गोलान हाइट्स एक रणनीतिक पठार है जिसे इज़रायल ने वर्ष 1967 के युद्ध में सीरिया से छीनकर अपने अधीन कर लिया था। इज़रायल ने वर्ष 1981 में इस क्षेत्र को  प्रभावी रूप से अपने अधीन कर लिया।
    • वर्ष 2017 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर जेरुसलम और गोलान हाइट्स को इज़रायल का हिस्सा माना।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न.  निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः (2023) 

कथन-I: इज़रायल ने कुछ अरब राज्यों के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये हैं।

कथन-II: ‘अरब शांति पहल’ सऊदी अरब की मध्यस्थता से इज़रायल और अरब लीग के बीच हस्ताक्षरित हुई। 

उपर्युक्त कथनों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?

(a) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है।
(b) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है।
(c) कथन-I सही है किंतु कथन-II गलत है।
(d) कथन-I गलत है किंतु कथन-II सही है।

उत्तर : (C) 


प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित पद "टू स्टेट सोल्यूशन" किसकी गतिविधियों के संदर्भ में आता है। (2018) 

(a) चीन
(b) इज़रायल
(c) इराक
(d) यमन

उत्तर: (B) 


प्रश्न. योम किप्पुर युद्ध किन पक्षों/देशों के बीच लड़ा गया था? (2008) 

(a) तुर्किये और ग्रीस
(b) सर्ब और क्रोट्स
(c) मिस्र और सीरिया के नेतृत्त्व में इज़रायल और अरब देश
(d) ईरान और इराक 

उत्तर: (c)  

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

CMV और ToMV वायरस

महाराष्ट्र में टमाटर उत्पादकों का मानना है कि टमाटर की फसल में गिरावट का कारण ककड़ी मोज़ेक वायरस (CMV) है, जबकि कर्नाटक और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में उत्पादक अपनी फसल के नुकसान के लिये टमाटर मोज़ेक वायरस (ToMV) को ज़िम्मेदार ठहराते हैं।

  • पिछले तीन वर्षों के दौरान टमाटर उत्‍पादकों ने इन दो वायरसों से अधिक संक्रमण की शिकायत की है जिससे फसलों को आंशिक नुकसान हुआ है।

ToMV और CMV: 

ToMV: 

  • परिचय:  
    • ToMV विर्गाविरिडे परिवार से संबंधित है और  मोज़ेक वायरस (TMV) से निकटता से संबंधित है। यह टमाटर, तंबाकू, मिर्च और कुछ सजावटी पौधों को संक्रमित करता है।
    • इसकी पहचान सबसे पहले वर्ष 1935 में टमाटर में की गई थी।
  • संचरण:  
    • ToMV मुख्य रूप से संक्रमित बीजों, पौधों, कृषि उपकरणों और मानव संपर्क से फैलता है।
    • यह कुछ कीट वाहकों, जैसे थ्रिप्स और व्हाइटफ्लाइज़ द्वारा भी प्रसारित किया जा सकता है।
  • फसलों पर प्रभाव: 
    • ToMV के कारण पत्तियों पर हरे धब्बे और पीलापन आ जाता है, जो प्राय: फफोले या फर्न जैसे पैटर्न के रूप में दिखाई देते हैं।
    • त्तियाँ नीचे या ऊपर की ओर मुड़ सकती हैं और विकृत हो सकती हैं।
    • पौधे छोटे और बौने हो जाते हैं और उनके फलों को भी प्रभावित करते है।
  • नियंत्रण के उपाय: 
    • नर्सरी में जैव-सुरक्षा मानकों और अनिवार्य बीज उपचार लागू करने पर बल दिया जाना चाहिये।
    • किसानों को रोपण से पहले पौधों का निरीक्षण करना चाहिये और किसी भी संक्रमित सामग्री का त्याग कर देना चाहिये।

CMV: 

  • परिचय :  
    • CMV, ब्रोमोविरिडे (Bromoviridae) परिवार से संबंधित है और सबसे व्यापक पादप विषाणुओं में से एक है। इसकी व्यापक मेज़बान श्रृंखला है, जो खीरे, तरबूज, बैंगन, टमाटर, गाजर, सलाद, अजवाइन, कद्दू और कुछ सजावटी पौधों को प्रभावित करती है।
      • इसे पहली बार वर्ष 1934 में खीरे के रूप में पहचाना गया था।
  • हस्तांतरण:  
    • CMV मुख्य रूप से एफिड्स (aphids) के माध्यम से फैलता है, जो रस-चूसने वाले कीड़े हैं जो कम समय में  वायरस के संपर्क में आ सकते हैं तथा उन्हें प्रसारित कर सकते हैं।
      • इसे बीज, यांत्रिक टीकाकरण और ग्राफ्टिंग (Grafting) द्वारा भी प्रसारित किया जा सकता है।
  • फसल पर प्रभाव:  
    • पौधे के उपरी और निचले भाग की पत्तियों का विकृत होना
    • खीरे में पीले और हरे धब्बों का पैटर्न
    • फलों के निर्माण, आकार और उत्पादन पर प्रभाव। 
  • नियंत्रण करने के उपाय:  
    • त्वरित-प्रभाव दिखाने वाले कीटनाशकों अथवा खनिज तेलों का उपयोग करके एफिड्स को रोकने पर ध्यान देना।
    • एफिड प्रवासन और वायरस को अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोकने के लिये सावधानी बरतना। 
  • समानता:  
    • दोनों वायरस में एक एकल-स्ट्रैंडेड RNA जीनोम होता है जो एक रॉड के आकार के प्रोटीन परत से घिरा होता है। दोनों वायरस घावों अथवा प्राकृतिक छिद्रों के माध्यम से पौधों की कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं और साइटोप्लाज़्म की प्रतियाँ बनाते हैं
      • फिर वे फ्लोएम के माध्यम से पूरे पौधे में व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ते हैं।
    • यदि समय रहते इसका हल नहीं निकाला गया तो दोनों वायरस लगभग पूरी फसल  को नुकसान पहुँचा सकते हैं।

नोट:  

  • फ्लोएम संवहनी पौधों में पाया जाने वाला एक जटिल ऊतक है जो पूरे पौधे में कार्बनिक पोषक तत्त्वों मुख्य रूप से शर्करा के परिवहन के लिये ज़िम्मेदार है। 
  • साइटोप्लाज़्म जेल जैसा पदार्थ है जो कोशिकाओं के आंतरिक भाग को भरता है। यह जल, लवण, प्रोटीन और अन्य अणुओं से बना एक अर्द्ध तरल माध्यम है।
  • RNA एक आनुवंशिक पदार्थ है जो राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) से बना होता है। यह सिंगल-स्ट्रैंडेड न्यूक्लियोटाइड अनुक्रमों के रूप में आनुवंशिक जानकारी रखता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 जुलाई, 2023

भारत-सिंगापुर के बीच कार्मिक प्रबंधन व लोक प्रशासन समझौते का विस्तार  

भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग तथा सिंगापुर गणराज्य के लोक सेवा प्रभाग ने एक प्रोटोकॉल दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किये हैं, जो वर्ष 2028 तक पाँच और वर्षों के लिये कार्मिक प्रबंधन व लोक प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग पर 2018 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) का विस्तार करता है। इस विस्तारित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों देशों के लोक सेवा अधिकारियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर उनके बीच साझेदारी को बढ़ाना है। सहयोग के क्षेत्रों में प्रशासनिक सुधार व सार्वजनिक क्षेत्र परिवर्तन, सार्वजनिक सेवा वितरण, नेतृत्व एवं प्रतिभा विकास, ई-गवर्नेंस, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण शामिल हैं।

और पढ़ें…भारत-सिंगापुर संबंध

आर्कटिक में मीथेन-समृद्ध भू-जल धाराएँ 

नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन आर्कटिक में ग्लेशियरों के विस्थापन का कारण बन रहा है जिससे मीथेन युक्त भूजल धाराएँ सामने आ रही हैं। आर्कटिक में नॉर्वेजियन द्वीपसमूह स्वालबार्ड में पाए जाने वाली ये धाराएँ वार्षिक 2,000 टन से अधिक मीथेन का उत्सर्जन कर रही हैं जो नॉर्वे के तेल एवं गैस उद्योग उत्सर्जन के 10% के बराबर है। जल में पूरे वर्ष पाई जाने वाली उच्च मीथेन सांद्रता ग्लेशियरों के नीचे मौजूद मीथेन की उपस्थिति को इंगित करती है। ये धाराएँ वैश्विक मीथेन बजट का हिस्सा नहीं हैं। वैश्विक मीथेन बजट उस मीथेन की मात्रा का अनुमान लगाता है जो उत्सर्जन स्रोतों से उत्पन्न तथा वातावरण में अवशोषित की गई है। भूजल धाराएँ प्राकृतिक घटना है जहाँ जल भूमिगत जलभृत से पृथ्वी की सतह पर निकलता है। ये सामान्यतः तब होता है जब जलभृत के भीतर दबाव बनता है जिससे जल चट्टानों में दरारों या छिद्रों से बहने लगता है।

और पढ़ें… मीथेन उत्सर्जन, वर्ष 2030 तक मीथेन उत्सर्जन को समाप्त करना

ज़पोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र: चेर्नोबिल दुर्घटना की तुलना में कम जोखिम 

यूक्रेन में ज़पोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (NPP), जो वर्तमान में रूसी नियंत्रण में है, चल रहे संघर्ष के कारण सुरक्षा खतरों का सामना कर रहा है। हालाँकि बेलोना फाउंडेशन की एक वर्तमान रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि ज़पोरिज़िया NPP में जोखिम और संभावित परिणाम चेर्नोबिल दुर्घटना जितने गंभीर होने की उम्मीद नहीं है। ज़पोरिज़िया यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। यह संपूर्ण यूक्रेनी NPP द्वारा उत्पादित कुल विद्युत का लगभग 40% हिस्से का उत्पादन करता है और यूक्रेन के वार्षिक विद्युत उत्पादन का पाँचवाँ हिस्सा है।

और पढ़ें…  ज़पोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र

मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से गांधी सागर अभयारण्य में चीतों का स्थानांतरण

भारत में चीतों की आबादी के संरक्षण और विस्तार को सुनिश्चित करने के प्रयास में अधिकारियों ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) से कुछ अफ्रीकी चीतों को उसी राज्य के गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित करने की योजना की घोषणा की है। KNP के वन्यजीव वार्डन ने कहा कि स्थानांतरण चीता एक्शन प्लान का कठोरता से पालन में किया जाएगा, जिसमें चीतों के लिये उपयुक्त आवासों की पहचान करना शामिल है। इस वर्ष की शुरुआत में 45 दिनों की अवधि के भीतर तीन चीतों की मौत के बाद चीतों को स्थानांतरित करने का निर्णय व्यापक भौगोलिक सीमा में चीतों को वितरित करने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद आया है।

और पढ़ें… अफ्रीकी चीतों, चीता एक्शन प्लान 


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