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ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 06 Oct, 2023
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

कॉपीराइट का उल्लंघन एवं पासिंग ऑफ

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (HOB) द्वारा दायर कॉपीराइट उल्लंघन के मुकदमे में इंस्टाग्राम अकाउंट पीपल ऑफ इंडिया (POI) को आहूत करके ध्यान आकर्षित किया।

  • यह विवाद उनके कहानी कहने के तरीकों में समानताओं से उपजा है, HOB का दावा है कि POI ने उनकी सामग्री की नकल की है।
  • यह मामला कॉपीराइट उल्लंघन, निषेधाज्ञा और पासिंग ऑफ सहित महत्त्वपूर्ण कानूनी अवधारणाओं पर ज़ोर देता है।

मुद्दे से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • कॉपीराइट:
    • कॉपीराइट का तात्पर्य साहित्यिक, नाटकीय, संगीतमय और कलात्मक कार्यों के रचनाकारों के साथ-साथ सिनेमैटोग्राफ फिल्मों एवं ध्वनि रिकॉर्डिंग के निर्माताओं को प्रदान की गई कानूनी सुरक्षा से है।
      • वर्ष 1957 के कॉपीराइट अधिनियम का उद्देश्य इन रचनात्मक कार्यों को उनके रचनाकारों की बौद्धिक संपदा के रूप में सुरक्षित रखना है।
      • पेटेंट के मामले के विपरीत, कॉपीराइट अभिव्यक्ति की रक्षा करता है न कि विचारों की।
      • इस अधिनियम के अलावा, कॉपीराइट को अन्य प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप लाने के लिये कॉपीराइट (संशोधन) नियम 2021 को प्रभाव में लाया गया है।
    • कॉपीराइट मालिकों को उल्लंघनकर्त्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है, जिसमें निषेधाज्ञा (Injunction), क्षति और खातों जैसे उपाय शामिल हैं।
  • निषेधाज्ञा: HOB बनाम POI के हालिया मामले में HOB ने अपनी कॉपीराइट विषय-वस्तु के उल्लंघन को रोकने हेतु न्यायालय से निषेधाज्ञा की मांग की।
    • निषेधाज्ञा एक न्यायालयी आदेश है जो सामान्यतः किसी को किसी विशेष कार्रवाई को रोकने का निर्देश देता है।
    • हालाँकि निषेधाज्ञा प्राप्त करना इस बात की गारंटी नहीं है कि दुरुपयोग के सभी मामलों को यथाशीघ्र हल कर दिया जाएगा क्योंकि इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • कॉपीराइट का उल्लंघन: यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कॉपीराइट किये गए कार्य का उपयोग प्राधिकरण के अनुमति के बिना किया जाता है, विशेषकर यदि कार्य का एक बड़ा हिस्सा पुन: दोहराया जाता है।
    • HOB के मामले में न्यायालय को HOB एवं POI के बीच "पर्याप्त अनुकरण/नकल" के साक्ष्य मिले हालाँकि जिसे "पर्याप्त" माना जाता है उसकी डिग्री या स्तर भिन्न हो सकता है।
      • यह अक्सर कॉपी की गई विषय-वस्तु की मात्रा के बजाय गुणवत्ता पर निर्भर करता है। यहाँ तक कि किसी अन्य कार्य से एक आकर्षक वाक्यांश की कॉपी करना भी उल्लंघन माना जा सकता है।
  • पासिंग ऑफ: कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड बनाम कैडिला फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड मामले, 2001 में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि पासिंग ऑफ अनुचित व्यापार प्रतिस्पर्द्धा का एक रूप है जिसके माध्यम से एक पक्ष किसी विशेष व्यापार या व्यवसाय में दूसरे द्वारा स्थापित प्रतिष्ठा से लाभ उठाने का प्रयास करता है।
    • पासिंग ऑफ में प्रतिद्वंद्वी व्यापारियों से जुड़ी वस्तुओं या सेवाओं की प्रकृति, चरित्र या प्रदर्शन के बारे में उपभोक्ताओं की गलत बयानी या धोखा शामिल है।
    • पासिंग ऑफ को साबित करने हेतु मूल मालिक की सद्भावना और प्रतिष्ठा को किसी प्रकार का धोखा या हानि होनी चाहिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. भारतीय पेटेंट अधिनियम के अनुसार, किसी बीज को बनाने की जैव प्रक्रिया का भारत में पेटेंट कराया जा सकता है।
  2. भारत में कोई बौद्धिक संपदा अपील बोर्ड नहीं है।
  3. पादप किस्में भारत में पेटेंट कराए जाने की पात्र नहीं हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

  • भारतीय पेटेंट अधिनियम की धारा 3(J), "पौधों व पशुओं के पूर्ण या विभाजित हिस्से में सूक्ष्मजीवों के अलावा बीज, किस्मों और प्रजातियों तथा अनिवार्य रूप से पौधों एवं पशुओं के उत्पादन या प्रजनन हेतु जैविक प्रक्रियाओं" को पेटेंट से बाहर करती है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • भारतीय व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 और माल के भौगोलिक उपदर्शन (रजिस्ट्रीकरण एवं संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत रजिस्ट्रार के निर्णय के खिलाफ अपील सुनने और हल करने के लिये भारत सरकार द्वारा 2003 में बौद्धिक संपदा अपील बोर्ड (IPAB) का गठन किया गया था। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • पादप विविधता संरक्षण पादप प्रजनक अधिकारों (PBR) के रूप में एक प्रजनक को पादप विविधता का कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। भारत में पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों का संरक्षण अधिनियम, 2001 (PPVFR) एक विशिष्ट प्रणाली है जिसका उद्देश्य पौधों की किस्मों की सुरक्षा तथा पौधों के प्रजनकों एवं किसानों के अधिकारों के लिये एक प्रभावी प्रणाली की स्थापना करना है। सुई जेनरिस प्रणाली पेटेंट प्रणाली का एक विकल्प है। अतः कथन 3 सही है। अतः विकल्प (C) सही उत्तर है।

मेन्स:

प्रश्न. वैश्वीकृत संसार में, बौद्धिक संपदा अधिकारों का महत्त्व हो जाता है और वे मुकद्दमेबाज़ी का एक स्रोत हो जाते हैं। कॉपीराइट, पेटेंट और व्यापार गुप्तियों के बीच मोटे तौर पर विभेदन कीजिये। (2014)


प्रारंभिक परीक्षा

प्लैटिपस

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

हालिया शोध ने पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 2019-20 ब्लैक समर झाड़ियों की आग के बाद जल में रहने वाले जीव, प्लैटिपस (Platypuses) से संबंधित एक परेशान करने वाली स्थिति पर प्रकाश डाला है।

  • अपने जलीय आवास के बावजूद, प्लैटिपस की आबादी आग के बाद के वातावरण में घट रही है। यह अध्ययन इन अद्वितीय प्राणियों के संरक्षण के निहितार्थों पर प्रकाश डालता है। अध्ययन में प्लैटिपस की उपस्थिति का पता लगाने के लिये पर्यावरण DNA (eDNA) का उपयोग किया गया था।

प्लैटिपस से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • परिचय:
    • इसके अलावा नर प्लैटिपस के टखनों पर एक ज़हरीला गाँठ/स्पर होता है, जो स्तनधारियों के बीच एक अनोखी विशेषता है, जिसका उपयोग वे मुख्य रूप से प्रजनन के मौसम के दौरान करते हैं।
    • हालाँकि यह घातक नहीं है, फिर भी यह ज़हर मनुष्यों में गंभीर दर्द और सूजन उत्पन्न  कर सकता है।
      • प्लैटिपस एक स्तनपायी जीव है जो केवल ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।इसका सुव्यवस्थित शरीर और चौड़ी, सपाट पूंछ घने जलरोधी फर से ढकी हुई है, जो उत्कृष्ट थर्मल इन्सुलेशन प्रदान करती है। उनके पास तैरने के लिये जालीयुक्त पाद होते हैं और नदियों तथा झरनों में भोजन खोजने के लिये उनकी चोंच में इलेक्ट्रोरिसेप्टर होते हैं।
      • इकिडना के साथ प्लैटिपस को मोनोट्रेम नामक स्तनधारियों के एक अलग क्रम में समूहीकृत किया जाता है, जो अन्य सभी स्तनधारियों से अलग होते हैं क्योंकि वे अंडे देते हैं।
  • पर्यावास और वितरण:
    • प्लैटिपस ऑस्ट्रेलियाई दृश्भूमियों में मीठे जल वाले वातावरण प्रणालियों में निवास करते हैं।
    • वे उष्णकटिबंधीय वर्षावन के निचले इलाकों, उत्तरी क्वींसलैंड के पठारों और यहाँ तक ​​कि तस्मानिया एवं ऑस्ट्रेलियाई आल्प्स जैसे ठंडे, अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में भी पाए जा सकते हैं।
  • मौसम और व्यवहार:
    • प्लैटिपस पूरे वर्ष, विशेषकर शाम और रात में सक्रिय रहना पसंद करते हैं।
    • प्लैटिपस अपना अधिकांश समय नदी के किनारे बिलों में या चट्टानी दरारों में बिताते हैं।
  • खाद्य व्यवहार:
    • प्लैटिपस मुख्य रूप से रात में विभिन्न प्रकार के जलीय अकशेरुकी जीवों को खाते हैं।
    • ये कीट, लार्वा, झींगा, स्विमिंग बीटल, जल-कीट, टैडपोल, कृमि और विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों को खाते हैं।
    • ये बड़े शिकार को उठाकर जल सतह पर ले आते हैं फिर इन्हें खाते हैं।
  • शिकारी और ख़तरे:
    • प्रमुख शिकारियों में मगरमच्छ, गोन्ना, कारपेट पायथन, चील और बड़ी मछलियाँ शामिल हैं।
    • लोमड़ी, कुत्ते और डिंगो जैसे स्थलीय शिकारी जंतु इनके लिये खतरे की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं।
    • एक्टोपारासाइट्स, टिक प्रजातियाँ और फंगल संक्रमण भी प्लैटिपस को प्रभावित कर सकते हैं।
  • संरक्षण की स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट: संकट के नज़दीक।

पर्यावरण DNA:

  • DNA, डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड का संक्षिप्त रूप, जीवों में विद्यमान वह वंशानुगत पदार्थ है जिसमें उनके निर्माण और जीवन के लिये जैविक निर्देश निहित होते हैं।
    • पर्यावरण DNA (eDNA) परमाण्विक या माइटोकॉन्ड्रियल DNA है जो किसी जीव द्वारा पर्यावरण में मुक्त किया जाता है।
    • eDNA के स्रोतों में स्रावित मल, श्लेष्मा व युग्मक, त्वचा और बाल शामिल हैं।
  • जलीय वातावरण में eDNA को विद्युत धारा और अन्य हाइड्रोलॉजिकल प्रक्रियाओं द्वारा तनु कर वितरित किया जाता है, लेकिन पर्यावरणीय परिस्थितियों के आधार पर यह केवल 7-21 दिनों तक रहता है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 अक्तूबर, 2023

सरकार ने विमानन क्षेत्र से हटाया IBC प्रतिबंध 

हाल ही में कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने विमान और उनके इंजनों से संबंधित सभी लेनदेन और समझौतों को दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC), 2016 की धारा 14 के तहत निषेध से छूट दी है, यह विमान पट्टेदारों (ऐसी कंपनियाँ जो अपने विमानों के बेड़े को एयरलाइंस को पट्टे पर देती हैं) को राहत प्रदान करती है।

  • विमान पट्टेदारों को तब चुनौतियों का सामना करना पड़ा जब राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने उन्हें गो-फर्स्ट (एक भारतीय एयरलाइन) से विमान वापस लेने से रोक दिया, जिसने दिवालियापन के लिये आवेदन किया था।
  • यह छूट केप टाउन कन्वेंशन (CTC) के अनुरूप है, जो एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जो पट्टेदारों को विमान वापस लेने के लिये समयबद्ध समाधान प्रदान करती है, इस प्रकार दिवालियापन के मामले सहित उनके जोखिमों को भी कम करती है।
    •  भारत भी CTC का हस्ताक्षरकर्त्ता है।

और पढ़े: बी.सी. सुधार: आय का वितरण

अमेज़न रिवर डॉल्फिन:

  • हाल ही में संभवतः गंभीर सूखे और गर्मी के कारण अमेज़न रिवर की सहायक नदी में 100 से अधिक डॉल्फिन मृत पाई गईं।
  • अमेज़न रिवर डॉल्फिन अपने विशिष्ट गुलाबी और भूरे रंग के लिये जानी जाती हैं। धीमा प्रजनन चक्र उनकी आबादी को विशेष रूप से खतरों के प्रति संवेदनशील बनाता है।
  • अमेज़न रिवर डॉल्फिन विशेष रूप से मीठे जल की डॉल्फिन हैं और दक्षिण अमेरिका की नदी प्रणालियों में रहने के लिये अनुकूल हैं।
    • अमेज़न रिवर डॉल्फिन की कई प्रजातियाँ हैं, जिनमें पिंक डॉल्फिन (Inia geoffrensis) और ग्रे डॉल्फिन (Sotalia fluviatilis) शामिल हैं।
  • अमेज़न रिवर डॉल्फिन मुख्य रूप से मछली का भक्षण करती है, अपने शिकार का पता लगाने के लिये इकोलोकेशन (Echolocation) का उपयोग करती हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) लाल सूची संरक्षण स्थिति: लुप्तप्राय

फिश मिंट: अद्भुत स्वास्थ्य लाभ वाली एक जड़ी-बूटी:

फिश मिंट जिसे हाउटुइनिया कॉर्डेटा(Houttuynia cordata ) या गिरगिट पौधे के रूप में भी जाना जाता है, दिखने में मछली जैसा नहीं है, लेकिन इसकी मछली जैसी विशिष्ट गंध और स्वाद से इसके असामान्य नाम की उत्पत्ति का पता चलता है।

  • दक्षिण पूर्व एशिया में मूल रूप से पाई जाने वाली यह जड़ी-बूटी नम मृदा में पनपती है और बाढ़ के प्रति प्रतिरोधी है।
  • भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है और इसका उपयोग सलाद, मछली व्यंजनों एवं पारंपरिक उपचारों में किया जाता है।
    • मेघालय में इसे जा-मर्दोह कहा जाता है। मणिपुर में इसे टोकनिंग-खोक कहा जाता है।
    • इसके अलावा, पारंपरिक चीनी और जापानी चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद और सिद्ध भी इसके औषधीय गुणों को स्वीकार करते हैं। 
  • हाल के अध्ययनों ने इसकी चिकित्सीय क्षमता को मज़बूत किया है, जिसमें अस्थमा के लक्षणों को कम करने, बुखार से प्रेरित अंग क्षति को दबाने, संक्रामक मौखिक स्थितियों से निपटने आदि की क्षमताएँ शामिल हैं।

चक्रीय प्रवासन (Circular Migration): 

सर्कुलर माइग्रेशन अर्थात् चक्रीय प्रवासन स्थानांतरण का एक आवर्ती पैटर्न है जिसके तहत व्यक्ति रोज़गार के अवसरों की उपलब्धता के आधार पर अपने मूल देश से गंतव्य देश के लिये प्रवास करते हैं।

  • सर्कुलर माइग्रेशन के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिये, कुछ मानदंडों को पूरा किया जाना होता है, जिसमें अस्थायी निवास, गंतव्य देश में एकाधिक प्रविष्टियाँ, स्थानांतरण की स्वतंत्रता, कानूनी अधिकार, प्रवासी अधिकारों की सुरक्षा और अस्थायी श्रम की मांग शामिल है। जब कई देश इसमें शामिल होते हैं तो यह अवधारणा और अधिक जटिल हो जाती है।
  • सर्कुलर माइग्रेशन को प्रवासन के लिये एक संतुलित दृष्टिकोण के रूप में देखा जाता है, जो गंतव्य और मूल देशों दोनों की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करता है। यह स्थायी जनसांख्यिकीय बदलाव के बिना कौशल, प्रेषण और श्रम के प्रसार में सहायता करता है।
  • यदि सर्कुलर माइग्रेशन अवसर प्रदान करता है तो साथ ही यह चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करता है, जिसमें मूल देशों के लिये प्रतिभा पलायन और गंतव्य देशों में सांस्कृतिक संघर्ष शामिल हैं।

और पढ़ें: प्रवासी मुद्दे और सुरक्षा उपाय


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