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डेली न्यूज़

  • 01 Jan, 2019
  • 26 min read
भारतीय अर्थव्यवस्था

निर्यात संवर्द्धन परिषद

चर्चा में क्यों?


हाल ही में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises-M/o MSME) ने MSMEs के ​​विकास के लिये एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से निर्यात संवर्द्धन सेल की स्थापना की है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • MSMEs को निम्नलिखित लाभ होने की संभावना है-

♦ उत्पादों और सेवाओं के निर्यात हेतु MSMEs की तत्परता का मूल्यांकन।
♦ वैश्विक मूल्य श्रृंखला में MSMEs का एकीकरण।
♦ उन क्षेत्रों की पहचान जहाँ प्रभावी ढंग से और कुशलता से निर्यात करने में सक्षम बनने हेतु सुधार आवश्यक हैं।

  • वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCIS) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2017-18 के दौरान MSMEs क्षेत्र से निर्यात की वर्तमान स्थिति, MSMEs संबंधित उत्पादों का मूल्य 147,390.08 मिलियन डॉलर है और देश के कुल निर्यात में MSMEs संबंधित उत्पादों की हिस्सेदारी 48.56% है।
  • MSMES के निर्यात संबंधित सभी हस्तक्षेपों की कुशल और प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने हेतु मंत्रालय ने एक गवर्निंग काउंसिल बनाने का प्रस्ताव रखा है, जिसकी अध्यक्षता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव और सह-अध्यक्षता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के विकास आयुक्त (Development Commissioner) द्वारा की जाएगी।
  • इस काउंसिल में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और वाणिज्य मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम निर्यात संवर्धन परिषद, निर्यात विकास प्राधिकरण, कमोडिटी बोर्ड और अन्य निकायों के वरिष्ठ अधिकारी और सदस्य शामिल होंगे।

♦ 2020 तक 100 बिलियन डॉलर निर्यात का लक्ष्य पूरा करने हेतु एक कार्य योजना भी प्रस्तावित की जानी है।


स्रोत- पीआईबी(PIB)


आंतरिक सुरक्षा

नगालैंड में छह महीने बढ़ा AFSPA

चर्चा में क्यों?


हाल ही में गृह मंत्रालय ने सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 (Armed Forces Special Powers Act-AFSPA) की धारा 3 के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए समूचे नगालैंड को पुनः ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार के आदेशानुसार, 30 दिसंबर, 2018 से छह महीने की अवधि के लिये नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है।


महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • म्यामाँर की सीमा से सटा हुआ भारतीय राज्य नगालैंड को आंतरिक विद्रोह और आतंकी गतिविधियों के चलते पहले भी कई बार अशांत क्षेत्र घोषित किया जा चुका है।
  • गौरतलब है कि AFSPA सुरक्षा बलों को किसी भी जगह अभियान संचालित करने और बिना पूर्व सूचना के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
  • गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है, केंद्र सरकार का विचार है कि पूरा नगालैंड राज्य क्षेत्र अशांत और खतरनाक स्थिति में है और इसकी सहायता के लिये सशस्त्र बलों का इस्तेमाल किया जाना ज़रूरी है।
  • केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसे में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 की धारा तीन के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार घोषणा करती है कि पूरा नगालैंड राज्य को इस कानून के तहत 30 दिसंबर, 2018 से छह महीने की अवधि के लिये अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है।

AFSPA का इतिहास

  • सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) 1958 में एक अध्यादेश के माध्यम से लाया गया था तथा तीन माह के भीतर ही इसे कानूनी जामा पहना दिया गया था। 
  • 1958 और इसके बाद पूर्वोत्तर भारत: भारत में संविधान लागू होने के बाद से ही पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ रहे अलगाववाद, हिंसा और विदेशी आक्रमणों से प्रतिरक्षा के लिये मणिपुर और असम में 1958 में AFSPA लागू किया गया था। 
  • इसे 1972 में कुछ संशोधनों के बाद असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम और नगालैंड सहित समस्त पूर्वोत्तर भारत में लागू किया गया था।
  • त्रिपुरा में उग्रवादी हिंसा के चलते 16 फरवरी, 1997 को AFSPA लागू किया गया था, जिसे स्थिति सुधरने पर 18 साल बाद मई 2015 में हटा लिया गया था।

कब माना जाता है कोई क्षेत्र अशांत

  • AFSPA के तहत केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर किसी राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित कर वहाँ केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करती है। 
  • विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषायी, क्षेत्रीय समूहों, जातियों, समुदायों के बीच मतभेद या विवादों के चलते राज्य या केंद्र सरकार किसी क्षेत्र को अशांत घोषित करती है।
  • AFSPA अधिनियम की धारा 3 राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपालों को भारत के राजपत्र (गज़ट) पर एक आधिकारिक अधिसूचना जारी करने की शक्ति प्रदान करती है, जिसके पश्चात् केंद्र को असैन्य क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को भेजने का अधिकार मिल जाता है। 
  • अशांत क्षेत्र (विशेष न्यायालय) अधिनियम, 1976 के अनुसार, एक बार अशांत घोषित होने पर क्षेत्र में न्यूनतम तीन माह के लिये यथास्थिति बनाए रखनी होगी।
  • राज्य सरकारें यह सुझाव दे सकती हैं कि इस अधिनियम को लागू किया जाना चाहिये अथवा नहीं, परंतु इस अधिनियम की धारा-3 के तहत उनके सुझाव को संज्ञान में लेने अथवा न लेने की शक्ति राज्यपाल अथवा केंद्र के पास है।
  • गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, नगालैंड को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित रखने का निर्णय इसलिये लिया गया है क्योंकि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हत्या, लूट और उगाही जारी है।

नगालैंड में AFSPA

  • नगालैंड में AFSPA कई दशकों से लागू है। इस कानून को नगा उग्रवादी समूह NSCN-IM के महासचिव टी मुइवा और सरकार के वार्ताकार आरएन रवि के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 3 अगस्त, 2015 को एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भी नहीं हटाया गया।
  • रूपरेखा समझौता 18 वर्षों तक 80 दौर की वार्ताओं के बाद हुआ था, इसमें पहली सफलता 1997 में तब मिली थी जब नगालैंड में दशकों के उग्रवाद के बाद संघर्ष विराम समझौता हुआ था।

स्रोत- द हिंदू


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

नासा का अंतरिक्ष यान अल्टिमा थुले (Ultima thule) तक पहुँचा

चर्चा में क्यों?

  • नासा का न्यू होराइजन्स (New Horizons) अंतरिक्ष यान कुइपर बेल्ट (Kuiper Belt) में अल्टिमा थुले (TOO-lee) के बर्फीले ऑब्जेक्ट के सामने से उड़ान भरेगा।
  • अल्टिमा थुले (Ultima Thule) प्लूटो से 1.6 बिलियन किलोमीटर और पृथ्वी से 6.4 बिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • अंतरिक्ष यान अल्टिमा थुले के 3,500 किलोमीटर के दायरे में उड़ान भरेगा।

अल्टिमा थुले

  • इस कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट को 2014 में हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा खोजा गया था।
  • आधिकारिक तौर पर इसे 2014 MU69 के रूप में जाना जाता है और इसे अल्टिमा थुले उपनाम दिया गया है।
  • थुले का अर्थ है ज्ञात दुनिया से परे सबसे दूर स्थित स्थान।

महत्त्व

  • अल्टिमा थुले एक अंतरिक्ष यान द्वारा देखी गई अब तक की सबसे दूर की वस्तु होगी।
  • अल्टिमा थुले 4.5 बिलियन साल पहले सौर प्रणाली के उत्पत्ति के संबंध में सूचनाएँ एकत्र करेगा। किसी भी अंतरिक्ष यान ने इतनी आदिम यात्रा नहीं की है। इससे हमारे सौर मंडल की उत्पत्ति को समझने में मदद मिलेगी।
  • मिशन को चरम सीमा के अध्ययन में भी मदद मिलेगी।

न्यू होराइजन्स


यह अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍था नासा का एक अंतरिक्ष शोध यान है, जो सौर मंडल के बाहरी बौने ग्रह प्‍लूटो के अध्‍ययन के लिये छोड़ा गया था। इस यान का प्रक्षेपण 19 जनवरी, 2006 किया गया था।


स्रोत - द हिंदू


विविध

सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के लिये अपर्याप्त फंड

चर्चा में क्यों?


हाल ही में 6 राज्यों में कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य सरकारों द्वारा विद्यालयी शिक्षा हेतु बजट में वृद्धि किये जाने के बावजूद फंडों का आवंटन ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूलों की तरफ स्थायी शिक्षित अध्यापकों को आकर्षित किया जा सके।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस अध्ययन रिपोर्ट को Child Rights and You (CRY) एवं The Centre for Budget and Governance Accountability (CBGA) ने मिलकर तैयार किया है।
  • अप्रैल 2015 में शुरू हुए 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा अवधि के दौरान इसने छ: राज्यों, यथा- पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं महाराष्ट्र में स्कूली शिक्षा हेतु बजट का परीक्षण किया।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

  • अध्ययन में पाया गया है कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद राज्यों के राजस्व में समग्र वृद्धि हुई है।
  • यह केंद्रीय करों के विभाज्य पूल (Divisible Pool) में राज्यों की हिस्सेदारी में 32 से 42 प्रतिशत की वृद्धि का परिणाम थी।
  • इसी समय सामाजिक क्षेत्र में केंद्रीय योजनाओं के लिये राज्यों हेतु केंद्र सरकार के योगदान में कमी ने राज्यों को अपने कर राजस्व संग्रह में सुधार करने के लिये मजबूर किया।
  • यह अध्ययन विश्लेषित करता है कि इन छ: राज्यों में अतिरिक्त फंड की उपलब्धता को स्कूली शिक्षा को प्राथमिकता देने में उपयोग किया गया या नहीं।
  • अनुदान और राज्य के बजट दस्तावेज़ों की विस्तृत मांग के अनुसार 2015-17 और 2017-18 के बीच इन 6 राज्यों में से 3 राज्यों के कुल राज्य बजट में स्कूली शिक्षा के हिस्से में शुद्ध गिरावट देखी गई।
  • बिहार में यह गिरावट 3.1 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 1 प्रतिशत एवं पश्चिम बंगाल में 0.9 प्रतिशत देखने को मिली है।
  • दूसरी तरफ छत्तीसगढ़, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश में स्कूली शिक्षा के बजट के आकार में क्रमश: 0.4 प्रतिशत, 2.6 प्रतिशत और 3.2 प्रतिशत वृद्धि देखी गई।
  • उत्तर प्रदेश में स्कूली बजट में 98.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जबकि कुल बजट में वृद्धि 63.3 प्रतिशत थी।
  • पश्चिम बंगाल के स्कूली बजट में 49.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि उसके कुल बजट में 48.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। ये तथ्य दर्शाते हैं कि इन राज्यों में स्कूली शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
  • साथ ही हम पाते हैं कि सभी छ: राज्यों ने 2014-15 और 2016-17 के बीच शिक्षा के लिये प्रति बच्चे और प्रति छात्र खर्च की मात्रा में वृद्धि दर्ज कराई है।
  • ये छ: राज्य स्कूली शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के बावजूद शिक्षकों की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं।
  • मार्च 2017 तक पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में प्राथमिक स्तर पर कुल शिक्षकों की 19 प्रतिशत से 34 प्रतिशत सीटें रिक्त थीं। महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु क्रमश: 5.9 प्रतिशत एवं 2.6 प्रतिशत रिक्त सीटों के साथ थोड़ी बेहतर स्थिति में थे।
  • District Information System for Education से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, उच्च प्राथमिक स्तर पर विषय-विशेष के शिक्षकों की गंभीर कमी पाई गई है जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत ज़रूरी बताए गए हैं।
  • उच्च प्राथमिक स्तर पर देखने पर हम पाते हैं कि महाराष्ट्र में 77 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 46 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 40 प्रतिशत और बिहार में 37 प्रतिशत विषय-विशेष शिक्षकों की कमी है।
  • भारत में 1 लाख से ज़्यादा स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं एवं इन 6 राज्यों के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि ऐसे स्कूलों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
  • शिक्षकों की कमी द्वितीयक स्तर पर और गंभीर है- बिहार में 20,494, छत्तीसगढ़ में 8,278 और उत्तर प्रदेश में 12,008 शिक्षकों के पद खाली हैं।

विविध

राष्ट्रीय महत्व के स्मारक

संदर्भ


हाल ही में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की घोषणा की है।

घोषित स्मारक

  • राजस्थान के अलवर ज़िले में प्राचीन नीमराना की बावड़ी।
  • ओडिशा के बोलनगीर ज़िले के रानीपुर झारियाल में मंदिरों का समूह।
  • उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में विष्णु मंदिर।
  • नागपुर, महाराष्ट्र में उच्च न्यायालय भवन।
  • आगरा में दो मुगलकालीन स्मारक - आगा खान और हाथी खान की हवेली।

उच्च न्यायालय भवन

  • नागपुर उच्च न्यायालय भवन को इसकी सुंदर संरचना के कारण पत्थर में कविता (Poem in Stone) कहा जाता है।
  • हाईकोर्ट के बाहरी भाग की सबसे विशिष्ट विशेषता गुंबद, भव्य प्रवेश द्वार, दोनों टावर और राजसी सीढ़ी है।

aga kha

  • इसे वास्तुकार एच.ए.एन. मेड (H.A.N. Medd) द्वारा डिज़ाइन किया गया था। इसके स्तंभों में यूनानी प्रभाव की प्रमुखता को देखा जा सकता है।

नीमराना की बावड़ी

  • नीमराना स्टेपवेल का निर्माण 18वीं शताब्दी में ठाकुर जनक सिंह द्वारा किया गया था।
  • इसे स्थानीय भाषा में रानी की बावली के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस स्टेपवेल के निर्माण का प्राथमिक कारण उस दौरान क्षेत्र में आये अकाल के दौरान रोजगार का सृजन करना था।
  • यह राजस्थान के अलवर ज़िले में स्थित है।

रानीपुर-झारियाल- ओडिशा में मंदिरों का समूह

  • ओडिशा के बोलनगीर ज़िले में रानीपुर झारियाल के पास मंदिरों के एक समूह को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में घोषित किया गया है।

ranipur

  • रानीपुर झारियाल को शास्त्रों में "सोम तीर्थ" के रूप में जाना जाता है।
  • यह शैव धर्म, बौद्ध धर्म, वैष्णववाद और तंत्रवाद के धार्मिक विश्वासों का एक संयोजन है।
  • यह स्थल चौसठ (64) योगिनी मंदिरों या बिना छतों वाले मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है- जिन्हें हाईपेथ्रल मंदिरों के रूप में जाना जाता है।

स्रोत- द हिंदू


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (31 दिसंबर-1 जनवरी)

  • देश में साल के अंत तक 25 राज्यों में 100 फीसदी घरों का विद्युतीकरण पूरा; अब केवल असम, राजस्थान, मेघालय और छत्तीसगढ़ में लगभग 10.48 लाख घरों का विद्युतीकरण होना शेष;  देश में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण लक्ष्य प्राप्त करने के लिये केंद्र सरकार चला रही है प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) योजना; सौभाग्य योजना की अवधि 31 दिसंबर, 2018 से बढ़ाकर 31 मार्च 2019 की गई
  • लोकसभा ने 31 दिसंबर को पारित किया भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018; इस विधेयक में किये गए प्रावधानों से देश में चिकित्सा शिक्षा में सुधार आएगा और मेडिकल की पढाई को ज़्यादा बेहतर बनाया जा सकेगा; विधेयक में MCI के स्थान पर 21 डॉक्टरों वाली 25 सदस्यीय NMC लाने की व्यवस्था; दिसंबर 2017 में भी लोकसभा में पेश किया गया था यह विधेयक; सांसदों की मांग पर सरकार ने इसे संसद की स्थायी समिति को सौंपने का फैसला किया था
  • केंद्र सरकार ने वर्तमान में सूचना आयुक्त के पद पर कार्यरत सुधीर भार्गव को नया मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) नियुक्त किया; उनके साथ ही चार नए आयुक्तों को भी सूचना आयोग में नियुक्त किया गया; इनमें पूर्व IFS यशवर्धन कुमार सिन्हा, पूर्व IRS वनजा एन. सरना, पूर्व IAS नीरज कुमार गुप्ता और विधि मामलों के पूर्व सचिव सुरेश चंद्र शामिल हैं; केंद्रीय सूचना आयोग में फिलहाल तीन सूचना आयुक्त हैं और नई नियुक्ति के बाद इनकी संख्या सात हो जाएगी। आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त को मिलाकर 11 पद स्वीकृत हैं
  • पूरा नगालैंड 6 और महीनों के लिये अशांत घोषित; AFSPA यानी सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून, 1958 की धारा-3 के तहत मिली शक्तियों का केंद्र सरकार ने किया इस्तेमाल; इस कानून के तहत 30 दिसंबर 2018 से छह महीने की अवधि के लिये नगालैंड ‘अशांत क्षेत्र’ रहेगा; नगालैंड में दशकों से लागू है यह कानून; AFSPA सुरक्षा बलों को किसी भी जगह अभियान संचालित करने और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी को भी गिरफ्तार करने का देता है अधिकार
  • पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे पर सरकार ने बनाया आव्रजन केंद्र; विदेशी पर्यटक अब सीधे जा सकेंगे अंडमान-निकोबार; हाल ही में इस द्वीप के कुछ क्षेत्रों में विदेशियों को दी गई है जाने की अनुमति; केंद्र सरकार ने पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियम, 1950 के उप-नियम (b) के तहत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे को प्रवेश के लिये आधिकारिक आव्रजन चेक पोस्ट के रूप में दी है मान्यता
  • भारत और अफ्रीकी देश रक्षा सहयोग को विस्तार देने पर सहमत; भारत और अफ्रीकी देशों के बीच 18 से 27 मार्च तक पुणे में होगा संयुक्त सैन्य अभ्यास; इंडिया-अफ्रीका फील्ड ट्रेनिंग होगा इस अभ्यास का नाम; तंज़ानिया और केन्या सहित कई अफ्रीकी देश लेंगे इसमें हिस्सा; हाल ही में तंज़ानिया और केन्या के दौरे पर गए थे भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत
  • कम्बोडिया के नोम पेन्ह में आयोजित एशिया साउथ ईस्ट फिल्म फेस्टिवल में भारत की Finding Beauty in Garbage को मिला सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट डाक्यूमेंट्री अवार्ड; यह फिल्म असम के डिब्रूगढ़ शहर में बने कचरे के पहाड़ों के मुद्दे को सामने लाती है; उटाह (अमेरिका) में होने वाले Short & Sweet Film Festival के लिये भी चुनी गई है यह फिल्म
  • फरवरी 2019 में होने वाले एरो इंडिया के दौरान भारत में पहली बार आयोजित होगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ड्रोन ओलंपिक्स; ड्रोन बनाने वाली स्वदेशी और विदेशी कंपनियाँ लेंगी इसमें हिस्सा; इससे देश में ड्रोन स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा; भारतीय सेना को पता चलेंगी विदेशी ड्रोन की क्षमताएँ; दो अलग-अलग वर्गों में मुकाबले भी होंगे ड्रोन ओलंपिक्स में; इसमें चार किलो वज़नी ड्रोन और चार किलो से अधिक वज़नी ड्रोन हिस्सा लेंगे
  • भारत की महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना चुनी गईं ICC Woman Cricketer of the Year; उन्हें दिया गया राचेल हेयो फ्लिंट अवार्ड; स्मृति मंधाना यह पुरस्कार पाने पाली दूसरी महिला क्रिकेटर; 11 साल पहले झूलन गोस्वामी को मिला था यह अवार्ड
  • फिल्म निर्देशक मृणाल सेन का 30 दिसंबर को कोलकाता में निधन; प्रमुखतः बांग्ला फिल्मों के निर्देशक मृणाल सेन ने 1955 में अपनी पहली फीचर फिल्म 'रातभोर' बनाई; 'नील आकाशेर नीचे' ने उनको स्थानीय पहचान दी थी; 'बाइशे श्रावण' ने उनको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया; उनके निर्देशन में बनी भुवन शोम' ने भारतीय फिल्म जगत में 'नया सिनेमा' या 'समांतर सिनेमा' नाम का एक नया दौर शुरू किया, 1977 में उनके निर्देशन में बनी ‘मृगया’ में मिथुन चक्रवर्ती को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था; उन्हें 2005 में 'पद्म विभूषण' और 'दादा साहब फाल्के' पुरस्कार से नवाज़ा गया था
  • 1937 में अफगानिस्तान के काबुल में जन्मे, सिनेमा की कई विधाओं में दखल रखने वाले कादर खान का कनाडा में निधन; उन्हें बॉलीवुड का हरफनमौला कलाकार कहा जाता था; कादर खान ने लगभग 300 फिल्मों में काम किया और लगभग 200 फिल्मों की पटकथा भी लिखी; मेगास्टार अमिताभ बच्चन की फिल्मों के लिये डायलॉग लिखकर उन्हें चोटी पर पहुँचाने में कादर खान का बड़ा योगदान माना जाता है

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 1 जनवरी, 2019

वुमेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवार्ड


हाल ही में भारत की स्‍मृति मंधाना ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की साल की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी के रूप में रेचेल हेयोइ फ्लिंट पुरस्कार हासिल किया है।

  • स्मृति मंधाना को ‘वर्ष की महिला क्रिकेटर’ और ‘वर्ष की महिला वनडे प्लेयर’ बनने पर राचेल हेयो फ्लिंट पुरस्कार दिया गया है।
  • मंधाना तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी के बाद आईसीसी पुरस्कार पाने वाली दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। झूलन को 2007 में चुना गया था।

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