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डेली न्यूज़

  • 02 Jan, 2019
  • 26 min read
शासन व्यवस्था

इलाहाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव को केंद्र ने दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?


उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाले कुंभ मेले की शुरुआत से कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्रिमंडल ने लगभग 2 महीने पहले ही इसका नाम बदलने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी।

रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा यह स्पष्ट किये जाने के बाद कि उनके रिकॉर्ड में इस नाम का कोई अन्य कस्बा या गाँव नहीं है, गृह मंत्रालय ने नाम बदलने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।

गृह मंत्रालय द्वारा नाम परिवर्तन को मंज़ूरी

Allahabad to Prayagraj

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय संबंधित एजेंसियों के साथ परामर्श के बाद मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार नाम परिवर्तन के प्रस्तावों पर विचार करता है।
  • यह रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के बाद किसी भी स्थान का नाम बदलने के लिये स्वीकृति देता है।
  • उपरोक्त मंत्रालय तथा विभागों द्वारा इस बात की पुष्टि करना आवश्यक है कि उनके रिकॉर्ड में ऐसा कोई शहर, कस्बा या गाँव नहीं है जिसका नाम प्रस्तावित नाम के समान हो।
  • गाँव, कस्बे या शहर का नाम बदलने के लिये एक शासनादेश (executive order) की आवश्यकता होती है, जबकि राज्य का नाम बदलने के लिये संसद में साधारण बहुमत के साथ संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था

वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) दिसंबर, 2018

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report-FSR) का अठारहवाँ प्रकाशन जारी किया।

  • वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) एक अर्द्धवार्षिक प्रकाशन है जो भारत की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता का समग्र मूल्यांकन प्रस्तुत करती है।
  • FSR वित्तीय स्थिरता के लिये जोखिम, साथ ही वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (Financial Stability and Development Council-FSDC) की उप-समिति के समग्र आकलन को दर्शाती है।
  • यह रिपोर्ट वित्तीय क्षेत्र के विकास और विनियमन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा करती है।

प्रणालीगत जोखिमों का समग्र आकलन (Overall Assessment of Systemic Risks)

  • भले ही वैश्विक आर्थिक वातावरण और वित्तीय क्षेत्र में उभरती प्रवृत्ति चुनौतियों का सामना कर रही हो, भारत की वित्तीय प्रणाली स्थिर बनी हुई है और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के संकेत दिखाई देते हैं।

वैश्विक और घरेलू समष्टि-वित्तीय जोखिम (Global and Domestic Macro-financial Risks)

  • 2018 और 2019 के लिये वैश्विक विकास दृष्टिकोण स्थिर बना हुआ है, हालाँकि अंतर्निहित नकारात्मक जोखिम में वृद्धि हुई है।
  • उन्नत अर्थव्यवस्थाओं, संरक्षणवादी व्यापार नीतियों और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव में वित्तीय प्रतिबंधों को सख्त करके उभरने वाली अर्थव्यवस्थाओं के लिये जोखिम और अधिक बढ़ गया है।
  • उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (Advanced Economies-AEs) में क्रमिक मौद्रिक नीति के सामान्यीकरण के साथ वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अनिश्चितता भी उभरते बाज़ारों (emerging markets-EMs) के पूंजी प्रवाह को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है और यह EM ब्याज दरों तथा कॉर्पोरेट के प्रसार पर अतिरिक्त दबाव को बढ़ा सकती है।
  • घरेलू मोर्चे पर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Gomestic Product-GDP) की वृद्धि ने 2018-19 की दूसरी तिमाही में मामूली सुधार दिखाया जबकि मुद्रास्फीति (Inflation) अंतर्विष्ट (Contained) है।
  • घरेलू वित्तीय बाज़ारों (Domestic Financial Markets) में, ऋण मध्यस्थता (Credit Intermediate) में संरचनात्मक बदलाव और बैंकों और गैर-बैंकों के बीच विकसित अंतर्संबंध अधिक सतर्कता का आह्वान करते हैं।

वित्तीय संस्थाएं: कार्यनिष्पादन और जोखिम (Financial Institutions: Performance and risks)

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (Scheduled Commercial Banks-SCBs) की क्रेडिट वृद्धि ने मार्च 2018 और सितंबर 2018 के बीच सुधार दर्शाया है, जो बड़े पैमाने पर निजी क्षेत्र के बैंकों (Private sector Banks-PVBs) द्वारा संचालित हैं।
  • बैंकों की आस्ति गुणवत्ता (asset quality) में SCB की सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (Gross Non-performing Assets-GNPA) के अनुपात में मार्च 2018 में 11.5 प्रतिशत से सितंबर 2018 में 10.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ सुधार देखा गया।
  • आधारभूत परिदृश्य के तहत GNPA का अनुपात सितंबर 2018 के 10.8 प्रतिशत से घटकर मार्च 2019 में 10.3 प्रतिशत हो सकता है।
  • सितंबर 2017 से सितंबर 2018 की अवधि में वित्तीय नेटवर्क संरचना का विश्लेषण एक सिकुड़ते हुए अंतर-बैंकिंग बाज़ार और धन जुटाने के लिये आस्ति प्रबंधन कंपनियों-म्युचुअल फंडों (Asset Management Companies-Mutual Funds-AMC-MFs) तथा ऋण देने के लिये NBFC/हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (Housing Finance Company) के साथ बढ़ते बैंक लिंकेज की ओर संकेत करता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक

  • भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई।
  • रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थापित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया।
  • यद्यपि प्रारंभ में यह निजी स्वामित्व वाला था, 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।
  • वर्तमान में इसके गवर्नर शक्तिकांत दास हैं जिन्होंने उर्जित पटेल का स्थान लिया है।

कार्य


भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रस्तावना में बैंक के मूल कार्य इस प्रकार वर्णित किये गए हैं:

  • भारत में मौद्रिक स्थिरता की स्थिति प्राप्त करने की दृष्टि से बैंक-नोटों के निर्गम को विनियमित करना तथा प्रारक्षित निधि (Reserves) को बनाए रखना।
  • सामान्य रूप से देश के हित में मुद्रा और ऋण प्रणाली संचालित करना।
  • अत्यधिक जटिल अर्थव्यवस्था की चुनौती से निपटने के लिये आधुनिक मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क तैयार करना।
  • वृद्धि के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना।

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद 

  • वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (Financial Stability and Development Council - FSDC) का गठन दिसंबर 2010 में किया गया था।
  • परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की जाती है।
  • इसके सदस्यों में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय, SEBI के अध्यक्ष, IRDA के अध्यक्ष, PFRDA के अध्यक्ष को शामिल किया जाता है।

यह क्या कार्य करता है?

  • परिषद का कार्य वित्तीय स्थिरता, वित्तीय क्षेत्र के विकास, अंतर-नियामक समन्वय, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेशन तथा बड़ी वित्तीय कंपनियों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था से जुड़े छोटे-छोटे मुद्दों का विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण करना है।
  • इसके अतिरिक्त इस परिषद को अपनी गतिविधियों के लिये अलग से कोई कोष आवंटित नहीं किया जाता है।

स्रोत : रिज़र्व बैंक वेबसाइट


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यूनेस्को से अलग हुए अमेरिका और इजराइल

चर्चा में क्यों?


हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल आधिकारिक तौर पर यूएन (UN) के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को (UNESCO) से बाहर निकल गए। ट्रंप प्रशासन ने अक्तूबर 2017 में यूनेस्को पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए इससे बाहर निकलने की घोषणा की थी, जिसके कुछ दिन बाद ही इज़राइली प्रधानमंत्री बेंज़ामिन नेतान्याहू ने भी इज़राइल के यूनेस्को से बाहर होने का निर्णय लिया था।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वैश्विक शांति के लिये UN द्वारा स्थापित इस संस्था में अमेरिका भी सहयोगी देश था।
  • अमेरिका इससे पहले भी 1984 में यूनेस्को से बाहर निकल गया था लेकिन 2003 में पुनः इसमें शामिल हो गया।
  • यूनेस्को द्वारा फिलिस्तीन को स्थायी सदस्यता देने के विरोध में अमेरिका के राष्ट्रपति ने पुनः इससे बाहर निकलने का निर्णय लिया।
  • यूनेस्को द्वारा 2011 में फिलिस्तीन को UN की स्थायी सदस्यता प्रदान की गई थी।
  • यूनेस्को ने यहूदियों की धरोहर पर फिलिस्तीन के अधिकार को भी पुष्ट किया जिससे दोनों देश यूनेस्को से नाराज थे।
  • दोनों देशों द्वारा 2011 से ही यूनेस्को की फंडिंग रोक दी गई थी, स्पष्ट है कि, इस निर्णय से इस संस्था पर कोई खास असर नही पड़ेगा।
  • अमेरिका ने यूनेस्को पर बढ़ते आर्थिक दबाव के संबंध में चिंता व्यक्त की थी और इसमें मूलभूत बदलाव के लिये प्रस्ताव भी दिया था।

यूनेस्को

  • यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization)' का संक्षिप्त रूप है। यह संयुक्त राष्ट्र का ही एक भाग है।
  • मुख्यालय-पेरिस (फ्राँस)
  • गठन - 16 नवंबर, 1945
  • कार्य - शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना।
  • उद्देश्य - इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस


भारतीय राजनीति

पंचायत चुनाओं हेतु न्यूनतम शिक्षा मानदंड

चर्चा में क्यों?


हाल ही में राजस्थान की नवनिर्वाचित कॉन्ग्रेस सरकार ने पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनाव लड़ने हेतु आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के मानदंड को खत्म करने का फैसला लिया है। भारत जैसे देश में ऐसे फैसले का विशेष रूप से स्वागत किया जा रहा है क्योंकि विश्व की कुल निरक्षर आबादी का 35% हिस्सा भारत में है।

क्या थे मानदंड?

  • पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनाव लड़ने हेतु आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के मानदंड पिछली सरकार द्वारा पेश किये गए थे। इन मानदंडों के अनुसार-

♦ ज़िला परिषद या पंचायत चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता माध्यमिक स्तर की (दसवीं कक्षा) होनी चाहिये।
♦ सरपंच का चुनाव लड़ने के लिये सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार को आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिये।
♦ जबकि सरपंच का चुनाव लड़ने के लिये एससी/एसटी श्रेणी के उम्मीदवार को पाँचवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिये।

क्या रही है बहस?

  • 1928 में साइमन कमीशन को दिये गए ज्ञापन में भारतीय संविधान के जनक बी.आर. अंबेडकर ने कहा था, “जो लोग साक्षरता को मताधिकार हेतु परीक्षण के रूप में देखते हैं और इसे एक शर्त के रूप में लागू करने पर ज़ोर देते हैं, मेरी राय में वे दो गलतियाँ करते हैं। पहली गलती, उनका यह विश्वास कि एक अनपढ़ व्यक्ति आवश्यक रूप से मूर्ख होता है। उनकी दूसरी गलती यह मानने में है कि साक्षरता किसी व्यक्ति को आवश्यक रूप से निरक्षर व्यक्ति की तुलना में उच्च स्तर का बुद्धिमान या ज्ञानी बनाती है।”
  • किसी अच्छे राजनेता की परिभाषा अत्यधिक व्यक्तिपरक होती है और किसी व्यक्ति से अपेक्षित गुण भी बहुत अस्पष्ट होते हैं।
  • यदि विभिन्न लोगों से राजनेताओं के अंदर अपेक्षित गुणों के बारे में पूछा जाए तो विभिन्न उत्तर प्राप्त होते हैं। इन उत्तरों में से ईमानदारी, विश्वसनीयता, आम लोगों के साथ जुड़ने की क्षमता और संकटों से निपटने की ताकत सबसे अधिक अपेक्षित उत्तर हैं। हालाँकि, क्या यह मानने का कोई कारण है कि आधुनिक, शिक्षित राजनेता बेहतर नेता होंगे, खासकर स्थानीय स्तर पर?

आगे की राह


एक तरफ कई लोगों का यह मानना कि हालिया निर्णय कई मायनों में स्वागत योग्य निर्णय है। जबकि वहीं दूसरी तरफ, कई लोग पंचायत चुनावों हेतु न्यूनतम शैक्षिक मानदंड जैसे नियमों के साथ खड़े होते दिखाई देते हैं। किसी भी देश के राजनेता उस देश के समाज के प्रतिबिंब होते हैं। जैसा कि ‘व्हेन क्राइम पे: मनी एंड मसल इन इंडियन पॉलिटिक्स’ (When Crime Pays: Money And Muscle In Indian Politics by Milan Vaishnav) नामक पुस्तक कहती है, “किसी ऐसे देश में जहाँ आपराधिकता को एक चुनावी संपत्ति के रूप में देखा जाता हो, वहाँ लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों का खंडन करने की बजाय अपराधियों द्वारा शासित होने से इनकार किया जाना चाहिये।

स्रोत- लाइव मिंट


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (2 जनवरी)

  • 1 जनवरी: DRDO दिवस; रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research & Development Organisation) है DRDO का पूरा नाम; 1958 में किया गया था DRDO का गठन; विश्वस्तरीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधार की स्थापना कर भारत को रक्षा क्षेत्र में मज़बूत बनाना है DRDO का प्रमुख लक्ष्य; लंबे समय से DRDO देश की रक्षा सेनाओं के लिये नई तकनीकों के विकास में लगा है; मिसाइल, रडार, सोनार और टॉरपीडो आदि के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है DRDO
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने लॉन्च किया विद्यार्थियों पर केंद्रित प्रोग्राम; ‘विद्यार्थियों से संवाद’ है इस प्रोग्राम का नाम; 'विद्यार्थियों से संवाद' के पहले कार्यक्रम में पहले से चुने गए स्कूलों के 40 छात्र और 10 टीचर शामिल हुए; इस प्रोग्राम के तहत विद्यार्थियों को ISRO की तिरुवनंतपुरम और बंगलुरु इकाई में ले जाने के साथ ही श्रीहरिकोटा के लॉन्च सेंटर भी ले जाया जाएगा; प्रोग्राम के तहत चयनित विद्यार्थियों को ISRO के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से संवाद करने का भी मौक़ा मिलेगा
  • हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में की अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र परिसर की शुरुआत; यह केंद्र दक्षिण एशिया में सहयोग को बढ़ावा देगा और चावल उगाने वाले देशों की अनुसंधान क्षमता को मज़बूत करेगा; इस केंद्र में परंपरागत चावल की किस्मों पर किया जाएगा फोकस; चावल उत्पादन के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश ; पहले स्थान पर चीन, लेकिन चावल निर्यात में भारत है अव्वल
  • टी.बी. राधाकृष्णन बने तेलंगाना हाई कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश; आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद 1 जनवरी, 2019 को अस्तित्व में आया देश का 25 हाई कोर्ट है तेलंगाना; 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद से लेकर अब तक आंध्र प्रदेश (हैदराबाद) हाई कोर्ट से ही चल रहा था दोनों राज्यों का काम; विजयवाड़ा में है आंध्र प्रदेश का नया हाई कोर्ट
  • भारतीय रेलवे की इलेक्ट्रिकल सर्विस के 1980 बैच के अधिकारी वी.के. यादव होंगे रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन; इससे पहले दक्षिण-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक पद पर कार्यरत थे वी.के. यादव; अश्विनी लोहानी हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद से रिटायर; ए.के. मित्तल के इस्तीफे के बाद अश्वनी लोहानी बने थे रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष; इससे पहले एयर इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर थे अश्वनी लोहानी; 1905 में हुई थी रेलवे बोर्ड की स्थापना
  • केरल के सबरीमाला मंदिर में 21 दिवसीय मकरविलक्कू महोत्सव की शुरुआत; मुख्य पुजारी ने मंदिर के गर्भगृह के साथ ही पवित्र 18 सोपान पर धार्मिक अनुष्ठान किये; इसके बाद लोगों को मिली दर्शन करने की इजाज़त; मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को होगा मकरविलक्कू; केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किमी. की दूरी पर पथनमथिट्टा ज़िले में स्थित है सबरीमाला मंदिर
  • पश्चिम बंगाल में किसानों के लिये शुरू हुई नई योजना; राज्य-प्रायोजित ‘कृषक बंधु’ योजना के तहत 18 से 60 वर्ष आयु के राज्य के हर किसान को मिलेगा दो लाख रुपए का जीवन बीमा; इसके अलावा किसानों को 5000 रुपये प्रति एकड़ वार्षिक आर्थिक सहायता भी दी जाएगी; इसमें किसान और खेतिहर मजदूर दोनों शामिल
  • केंद्र सरकार ने इलाहाबाद का नाम ‘प्रयागराज’ करने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को दी मंज़ूरी; लगभग दो महीने पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलने का फैसला कर केंद्र सरकार को मंज़ूरी के लिये भेजा था प्रस्ताव; उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद जिले का नाम ‘अयोध्या’ करने का प्रस्ताव अभी नहीं मिला केंद्र को; पश्चिम बंगाल का नाम ‘बांग्ला’ करने का प्रताव भी केंद्र के पास लंबित
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ संबंध मज़बूत करने वाले कानून पर किये दस्तखत; Asia Reassurance Initiative Act (ARIA) नाम दिया गया है इस कानून को; इस कानून के तहत अमेरिका ने इस क्षेत्र में भारत को बनाया अपना अहम साझेदार; दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंध और मज़बूत किये जाएंगे; ARIA कानून के तहत अगले 5 सालों के लिये 1.5 बिलियन डॉलर का बजट रखा है अमेरिका ने
  • भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची एक-दूसरे को सौंपी; दोनों देशों के बीच 1988 में हुआ था परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले पर प्रतिबंध संबंधी समझौता; इस समझौते के अनुच्छेद-2 के तहत हर साल दोनों देश करते हैं इस सूची की अदला-बदली; 27 जनवरी, 1991 से प्रभावी हुए इस समझौते के तहत रिश्तों में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत और पाकिस्तान 1992 से लगातार ऐसा कर रहे हैं
  • रूस देगा पाकिस्तान को 600 टी-90 टैंक; इनकी सहायता से पाकिस्तान की योजना मुख्य रूप से भारत से लगी सीमा पर अपनी युद्धक क्षमता को मज़बूत बनाना है; भारतीय थल सेना का मुख्य आधार है रूस निर्मित टी-90 टैंक; इन टैंकों के अलावा पाकिस्तानी सेना इटली से 150 mm की 245 SP माइक-10 तोपें भी खरीद रही है, जिनमें से 120 तोपें हासिल की जा चुकी हैं; गौरतलब है कि रूस भारत का सबसे विश्वसनीय मित्र देश है और सैन्य साजो-सामान का सबसे बड़ा सप्लायर भी
  • दक्षिण कोरिया ने अपने यहाँ की बड़ी सुपरमार्केट्स में एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिये जाने वाले प्लास्टिक पर लगाया बैन; वर्तमान कानून में संशोधन कर ऐसा किया गया; देश में प्लास्टिक की रिसाइक्लिंग और इसके इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिये ऐसा किया गया; इससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी; ऑस्ट्रेलिया, UK, फ्रांस, चीन, न्यूज़ीलैंड, नीदरलैंड्स और केन्या आदि कई देशों ने ऐसे प्लाटिक को प्रतिबंधित किया है; हाल ही में यूरोपीय संघ ने भी सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर लगाया था बैन
  • अबू धाबी में शुरू हुआ लीवा स्पोर्ट्स फेस्टिवल; लीवा रेगिस्तान में 9 दिन तक चलता है यह फेस्टिवल; इस फेस्टिवल की बहुचर्चित ऊँट रेस पहले रहती थी विवादों में; छोटे बच्चों को ऊँट की पीठ से बाँधकर उन्हें दौड़ाया जाता था इस रेस में; बच्चों के चिल्लाने की आवाज़ से और तेज़ भागते थे ऊँट; 2002 में अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद रुका यह सिलसिला; अब रोबोट ने लिया है बच्चों का स्थान; ऊँट को तेज़ दौड़ाने के लिये ज़रूरी सभी इंतज़ामों से लैस होते हैं ये रोबोट

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