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व्यक्तित्त्व : जिन्हें हम पसंद करते हैं

सी.वी. रमन : भारत में विज्ञान के नेतृत्वकर्ता

06 Nov, 2023

सी.वी. रमन कहते हैं - “हमेशा सही सवाल पूछें, फिर देखना प्रकृति अपने सभी रहस्यों के द्वार खोल देगी।” वे ये भी कहते हैं कि “शिक्षा का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्र रूप से...

मोटिवेशन

निबंध की बदलती प्रकृति को ध्यान में रखकर अच्छे निबंध लेखन की तैयारी कैसे करें

30 Oct, 2023

हम जानते हैं कि यूपीएससी यानी “संघ लोक सेवा आयोग” को देश की सबसे बड़ी परीक्षा (सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा) आयोजित कराने का गौरव हासिल है। यूपीएससी की परीक्षा न केवल...

मीडिया और रचनात्मकता

सिनेमा का साहित्य कैसा हो ?

16 Oct, 2023

सिनेमा सभी कलाओं का संगम है। इनमें गायन-वादन, नृत्य, दृश्य-पात्र संवाद और पटकथा लेखन इत्यादि शामिल हैं। साहित्य से सिनेमा का सूत्रपात हुआ है। साहित्य और सिनेमा दोनों का...

मोटिवेशन

नए पैटर्न्स और सिलेबस: UPSC परीक्षा के नवीनतम बदलावों का सामना कैसे करें?

06 Oct, 2023

हर युवा कम से कम उम्र में एक ऐसा स्थायी करियर बनाना चाहता है, जिसमें बेहतर ज़िंदगी जीने हेतु न सिर्फ संतोषजनक सैलरी हो, बल्कि अपने कार्यक्षेत्र के माध्यम से वह समाज के लिए...

कानून और समाज

कॅरियर के विविध विकल्प : कानून, सिविल सेवाएँ और आगे की राह

14 Sep, 2023

भारत में आज युवाओं के लिये उपलब्ध व्यवसायों की व्यापकता और गहनता प्रेरणादायक व अभिभूत करने वाली है। चाहे वह कानूनी गलियारों का आकर्षण हो, सिविल सेवाओं की चुनौती हो,...

विमर्श

लघु उद्योग, वृहद संभावनाएँ

30 Aug, 2023

यदि कहा जाए कि व्यक्ति और राष्ट्र की आत्मनिर्भरता का सही मायने में तर्कसंगत संबंध लघु उद्योगों से है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति न होगी! गौरतलब है कि अर्थव्यवस्था के चार पहिये...

विमर्श

‘खेल महाशक्ति’ बन सकता है भारत

28 Aug, 2023

“अगले 10 सालों में भारत ‘खेल महाशक्ति” होगा।” वर्ष 2022 में आई बुक ‘बिज़नेस ऑफ स्पोर्ट्स-द विनिंग फ़ॉर्मूला ऑफ सक्सेस’ के लेखक और ग्रुप साउथ एशिया के स्पोर्ट्स,...

कानून और समाज

युवाओं में विवाह के प्रति बढ़ती अरुचि?

06 Sep, 2023

विवाह को परिवार का स्तंभ माना जाता है लेकिन धीरे-धीरे यह स्तंभ दरकने लगा है। पहले संयुक्त परिवार एकल परिवारों में बदले, फिर महिलाओं और पुरुषों ने अकेले ही बच्चों की...

व्यक्तित्त्व : जिन्हें हम पसंद करते हैं

21वीं सदी में भी गांधी प्रासंगिक क्यों हैं

09 Aug, 2023

भारतीय सभ्यता की श्रेष्ठता को संपूर्णता के रूप में प्रस्तुत करने वाले महात्मा गांधी के विचारों ने दुनिया भर के लोगों को न सिर्फ प्रेरित किया बल्कि करुणा और शांति के...

कानून और समाज

कुपोषण स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में बाधक क्यों है

17 Aug, 2023

श्वानों को मिलता दूध–वस्त्र, भूखे बालक अकुलाते हैं,मां की हड्डी से चिपक–ठिठुर, जाड़ों की रात बिताते हैं। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की यह पंक्तियां भारत में गरीबी तथा...


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