दिल्ली-एनसीआर लिए ही पराली क्यों बन रही मुसीबत
08 Jan, 2024जिन दो फसलों से दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों का पेट भरता है, उनमें गेहूं और चावल शामिल हैं। लेकिन, चावल यानी धान की इसी फसल का डंढल दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के लोगों के...
जिन दो फसलों से दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों का पेट भरता है, उनमें गेहूं और चावल शामिल हैं। लेकिन, चावल यानी धान की इसी फसल का डंढल दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के लोगों के...
"यदि मैं स्त्री के रूप में पैदा होता तो पुरुषों द्वारा थोपे गए हर अन्याय का जमकर विरोध करता तथा उनके खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद करता" -महात्मा गांधी रेवा का घर जाने का...
संपूर्ण मानव समाज की बुनियादी ज़रूरतों की पूर्ति करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में ऊर्जा एक इंजन का कार्य करती है। हम जानते हैं कि जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ ऊर्जा की...
जिन आधुनिक मुसीबतों को हम इंसानों ने खुद जन्म दिया है, उनमें प्रदूषण भी एक है। आज से चार-पाँच सौ साल पहले शायद इस मुसीबत की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। लेकिन आज यह हमारे...
जगह बदलता रहता है, आँकड़े बदलते रहते हैं, वाहन बदलते रहते हैं, होने वाली मौतों की संख्या बदलती रहती है, लेकिन 'सड़क दुर्घटना' की खबर सबमें कॉमन ही रहती है। हम अपने आसपास हर रोज़...
"सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ,ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ।" ख़्वाजा मीर दर्द का ये शेर हर यात्री की कहानी है। दुनिया में कई लोग हैं जो चाहते हैं कि...
अमूमन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम अगर किसी बड़ी प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँचती है तो किसी भी तरह से और किसी भी हालत में जीत का वरण भी कर ही लेती है। भारत में हुई वर्ल्ड कप...
तिरे वादों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए,कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए। - फ़ना निज़ामी कानपुरी हर चुनाव के बाद जब वक़्त गुज़रता है और जनता से किए गए वादों को चुनाव में विजयी...
सितंबर की 21 तारीख जो अब इतिहास बन चुकी है। इस दिन देश की सर्वोच्च पंचायत में जो ऐतिहासिक पटकथा लिखी गई, वह सदन की सर्वसम्मति की भी कथा है। महिला आरक्षण बिल के लिये 128 वें...
भारत चुनावों का देश है। भौगोलिक विस्तार और बहुदलीय संसदीय प्रणाली के दृष्टिकोण से हम इतने विशाल हैं कि यहाँ चुनावों का मौसम हावी रहता है। चुनाव से लोकतंत्र मजबूत होता है।...