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राजस्थान में घूमर महोत्सव का आयोजन
चर्चा में क्यों?
राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री, दिया कुमारी, ने घोषणा की है कि राज्य सरकार नवंबर में राजस्थान के पारंपरिक शाही नृत्य रूप को मनाने और प्रचारित करने के लिये सातों संभागीय मुख्यालयों में घूमर उत्सव का आयोजन करेगी।
मुख्य बिंदु
- आयोजन:
- पर्यटन विभाग 19 नवंबर 2025 को सातों संभागीय मुख्यालयों- जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर और कोटा में एक साथ घूमर उत्सव का आयोजन करेगा।
- उद्देश्य:
- राजस्थान के पारंपरिक घूमर नृत्य को पुनर्जीवित और संरक्षित करना।
- सांस्कृतिक एवं पर्यटन गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- राजस्थान को एक जीवंत सांस्कृतिक पर्यटन गंतव्य के रूप में प्रचारित करना।
- भागीदारी:
- 12 वर्ष और उससे अधिक आयु की लड़कियाँ तथा महिलाएँ व्यक्तिगत या समूह में पंजीकरण कर भाग ले सकती हैं, जबकि प्रतियोगिता खंड के लिये केवल 20 से 25 सदस्यों की समूह प्रविष्टियों की अनुमति होगी।
- पुरस्कार:
- इस महोत्सव में विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे और विजेता समूहों को राज्य के प्रमुख पर्यटन कार्यक्रमों में प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा।
- घूमर नृत्य के बारे में:
- घूमर राजस्थान का एक पारंपरिक लोक नृत्य है, जो ऐतिहासिक रूप से विशेष अवसरों पर शाही महिलाओं द्वारा किया जाता है।
- इस नृत्य की विशेषता सुंदर गोलाकार चाल, रंग-बिरंगे परिधान और लयबद्ध ताली तथा घुमाना है।
- इसे राजस्थान में नारीत्व, सुंदरता और सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
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राजस्थान में स्वर्ण भंडार की खोज
चर्चा में क्यों?
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा ज़िले में नवीन स्वर्ण भंडार की खोज की गई है।
मुख्य बिंदु
- स्वर्ण भंडार के बारे में:
- घाटोल तहसील के कांकरियागढ़ा ब्लॉक में नवीनतम खोज में अनुमानित 1.20 टन स्वर्ण, साथ ही ताँबा, निकल और कोबाल्ट के अंश भी शामिल हैं ।
- यह इस क्षेत्र में स्वर्ण की लगातार तीसरी खोज है, जिससे कर्नाटक के बाद बांसवाड़ा के प्रमुख स्वर्ण खनन केंद्र बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
- सरकार ने खनिज सामग्री, गुणवत्ता, मात्रा और गहराई की पुष्टि के लिये G-2 स्तर की विस्तृत जाँच को स्वीकृत दे दी है, जिसके आधार पर खनन निविदाएँ जारी की जाएंगी तथा वाणिज्यिक निष्कर्षण शुरू किया जाएगा।
- संबद्ध खनिज:
- स्वर्ण के साथ-साथ, इस क्षेत्र में ताँबा (लगभग 1,000 टन), निकल और कोबाल्ट के भंडार भी हैं, जो बैटरी तथा नवीकरणीय ऊर्जा उद्योगों के लिये रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण हैं।
- भूवैज्ञानिक संदर्भ:
- बांसवाड़ा अरावली पर्वतमाला के साथ स्थित है, जहाँ की चट्टानों की आयु अनुमानित रूप से 5,000 वर्ष से अधिक है।
- समय के साथ भूवैज्ञानिक गतिविधियों ने खनिज-समृद्ध चट्टानों को पृथ्वी की सतह के निकट ला दिया है, जिससे इस क्षेत्र में स्वर्ण, ताँबा, निकल, कोबाल्ट और अन्य खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
- आर्थिक संभावना:
- निष्कर्षण शुरू हो जाने के बाद, राजस्थान के कर्नाटक के बाद स्वर्ण का निष्कर्षण करने वाला दूसरा राज्य बनने की संभावना है, जो संभवतः भारत के कुल स्वर्ण उत्पादन में 25% से अधिक का योगदान देगा।
- इस विकास से स्थानीय रोज़गार में वृद्धि, नई अवसंरचना का निर्माण और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ होने की संभावना है।
- पूर्व की खोजें:
- इससे पहले, GSI ने घाटोल तहसील के भुकिया और जगपुरा क्षेत्रों में 11.48 करोड़ टन स्वर्ण अयस्क की पहचान की थी। इन स्थलों में 13,739 टन कोबाल्ट तथा 11,146 टन निकल भी पाए गए थे।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
DFC पर यात्री ट्रेनों का परिचालन
चर्चा में क्यों?
भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है।
मुख्य बिंदु
- पारंपरिक रूप से, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFCs) विशेष रूप से माल परिवहन के लिये विकसित किये गए थे, जिनका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की दक्षता बढ़ाना को बढ़ाना और मौजूदा रेलवे लाइनों पर भीड़ को कम करना था।
- हालाँकि, छठ पूजा (25-28 अक्तूबर 2025) के दौरान भारी भीड़ के कारण, रेलवे ने पहली बार खाली पैसेंजर कोचिंग रैक और विशेष ट्रेनों को DFC पर चलाने की अनुमति दी।
- इस कदम से त्योहार के समय अधिक संख्या में पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित करना संभव हुआ।
DFC का स्वरूप:
- ईस्टर्न DFC (EDFC): ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना (पंजाब) से शुरू होकर उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए दनकुनी (पश्चिम बंगाल) तक लगभग 1,839 किमी की लंबाई में विस्तृत है। EDFC का अधिकांश वित्तपोषण विश्व बैंक द्वारा किया जा रहा है।
- वेस्टर्न DFC (WDFC): यह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (JNPT), मुंबई से दादरी तक लगभग 1,506 किमी लंबा है।। WDFC का वित्तपोषण जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) द्वारा किया जा रहा है।
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