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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Dec 2025
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राँची में पाँच राष्ट्रीय विद्यालय खेलों का आयोजन

चर्चा में क्यों?

राँची 69वीं राष्ट्रीय विद्यालय खेल चैंपियनशिप 2025-26 के अंतर्गत पाँच राष्ट्रीय स्तर की विद्यालय खेल प्रतियोगिताओं की मेज़बानी करेगा।

मुख्य बिंदु 

  • आयोजित खेल: राँची में फुटबॉल, तीरंदाज़ी, शतरंज, साइकिलिंग और हॉकी की राष्ट्रीय विद्यालय प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी।
  • आयोजक संस्था: ये सभी आयोजन भारतीय स्कूल खेल महासंघ (SGFI) द्वारा संचालित 69वीं राष्ट्रीय विद्यालय खेल चैंपियनशिप 2025-26 का अभिन्न अंग हैं।
  • JEPC की भूमिका: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, टीम प्रबंधकों और अभिभावकों के लिये आवास, भोजन, सुरक्षा, चिकित्सा सुविधाएँ एवं खेल अवसंरचना उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेगी।
  • अवधि और स्थल: प्रतियोगिताएँ दिसंबर–जनवरी अवधि में राँची शहर के विभिन्न स्थलों पर आयोजित होंगी।
  • महत्त्व: इन आयोजनों की मेजबानी से राँची की पहचान एक उभरते खेल केंद्र के रूप में सुदृढ़ होगी तथा क्षेत्रीय स्तर पर युवा खेल प्रतिभाओं के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

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आंध्र प्रदेश में व्हाइट स्पॉट डिसीज़

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ने आंध्र प्रदेश में मत्स्यपालन क्षेत्र में व्हाइट स्पॉट डिज़ीज और अन्य जलीय पशु रोगों की निगरानी एवं नियंत्रण के लिये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत उठाए गए उपायों के बारे में जानकारी दी।

मुख्य बिंदु 

  • व्हाइट स्पॉट डिज़ीज (WSSV) पुष्टि: आंध्र प्रदेश में फील्ड टीमों ने मत्स्य पालन के नमूने एकत्र किये; निष्क्रिय निगरानी में 4 और सक्रिय निगरानी में 23 नमूनों में व्हाइट स्पॉट सिंड्रोम वायरस (WSSV) की पुष्टि हुई।
  • रोग निगरानी कार्यक्रम: PMMSY के तहत 33.78 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय जलीय पशु रोग निगरानी कार्यक्रम (NSPAAD) को देशव्यापी स्तर पर जलीय रोगों का पता लगाने और प्रबंधन के लिये कार्यान्वित किया गया है।
  • नमूना विश्लेषण: नमूनों का विश्लेषण काकीनाडा स्थित राज्य मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान (SIFT) में किया जाता है।
  • बीमा सहायता: मत्स्यपालन फसल बीमा योजना के तहत आंध्र प्रदेश के 85 मत्स्यपालकों को कवर किया गया; वर्ष 2025 में 5.21 लाख रुपये के दावों का वितरण किया गया।
  • दिशानिर्देश: तटीय मत्स्य पालन प्राधिकरण ने WSSV के प्रकोप को रोकने हेतु SPF झींगा/प्रजनन केंद्रों, हैचरी, फार्म, स्वास्थ्य निगरानी और SPF प्रमाणन के दिशानिर्देश जारी किये।
  • जैव सुरक्षा उपाय: रोगों के प्रसार को सीमित करने के लिये आयातित झींगा प्रजनन स्टॉक का अनिवार्य संगरोध और तटीय मत्स्य पालन प्राधिकरण के साथ झींगा हैचरी एवं फार्मों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया।
  • प्रयोगशाला निगरानी: झींगा और पानी के नमूनों की PCR-आधारित रोग निगरानी रोग का शीघ्र पता लगाने एवं नियंत्रण में सहायक है।
  • वैकल्पिक कृषि प्रणालियाँ: सरकार रोग जोखिम कम करने और जैव सुरक्षा एवं स्थिरता बढ़ाने के लिये बायोफ्लॉक प्रौद्योगिकी (BFT) एवं पुनर्चक्रण मत्स्य पालन प्रणाली (RAS) को बढ़ावा देती है।

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नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट, 2025

चर्चा में क्यों?

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER) ने राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 के उद्देश्यों और मुख्य क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।

मुख्य बिंदु 

  • आयोजन: राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का आयोजन पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER) द्वारा भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये किया गया।
  • प्रमुख लक्षित क्षेत्र: इस समिट के मुख्य लक्षित क्षेत्र पर्यटन और आतिथ्य, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित क्षेत्र, वस्त्र, हथकरघा तथा हस्तशिल्प, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कौशल विकास, IT/ITeS, मनोरंजन व खेल, अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स तथा ऊर्जा थे।
  • निवेश रुचि: शिखर सम्मेलन और इसके रोडशो के माध्यम से निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा 4.48 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों, आशय पत्रों एवं निवेश प्रस्तावों की सामूहिक रुचि व्यक्त की गई।
  • निवेशक मंच: यह समिट पूर्वोत्तर भारत को निवेश, व्यापार और औद्योगिक विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करने तथा निवेशकों को साझेदारी तथा सहयोग के अवसर प्रदान करने के लिये एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ: क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा पहलें जैसे PM सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना, PM कुसुम, सौर पार्क परियोजनाएँ, ऑफ-ग्रिड विद्युतीकरण ((PM JANMAN), धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) और पूरे पूर्वोत्तर में बायो-गैस संयंत्र स्थापना शामिल हैं।

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प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार 2025

चर्चा में क्यों?

संस्कृति मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (NCSM) को संचार और जन सहभागिता में उत्कृष्ट योगदान के लिये पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI) द्वारा दो प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार, 2025 से सम्मानित किया गया।

मुख्य बिंदु

  • प्राप्त पुरस्कार: NCSM को PRSI राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 में दो श्रेणियों में सम्मानित किया गया- "एक “हर घर म्यूजियम” पहल के लिये, जो कॉर्पोरेट अभियान में सोशल मीडिया के श्रेष्ठ उपयोग श्रेणी में था और दूसरा विशेष/प्रतिष्ठित प्रकाशन श्रेणी में “वेस्ट टू आर्ट” प्रकाशन के लिये।
  • हर घर म्यूजियम अभियान: यह राष्ट्रव्यापी पहल नागरिकों को अपनी रोजमर्रा की विरासत का डिजिटल संग्रह बनाने और साझा करने के लिये प्रेरित करती है, जिसमें व्यक्तिगत संग्रह की तस्वीरें, वीडियो तथा कहानियाँ शामिल हैं।
  • वेस्ट टू आर्ट प्रकाशन: NCSM में 1,250 किलोग्राम कचरे को कला स्थापनाओं में बदलने की प्रक्रिया को प्रदर्शित करता है, जिससे सर्कुलर इकोनॉमी और सतत रचनात्मकता में जन सहभागिता को प्रोत्साहित किया गया।
  • जनभागीदारी: हर घर म्यूजियम अभियान ने सोशल मीडिया पर 1 करोड़ से अधिक व्यूज प्राप्त किये, 10 लाख से अधिक व्यक्तिगत सहभागिता हुई और 150+ क्यूरेटेड प्रविष्टियाँ दर्ज की गईं, जो राष्ट्रीय स्तर पर मज़बूत भागीदारी को दर्शाती हैं।
  • पुरस्कार समारोह: ये पुरस्कार 13-15 दिसंबर, 2025 को उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित 47वें अखिल भारतीय जनसंपर्क सम्मेलन में प्रदान किये गए।

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