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गुरुग्राम में नौसैनिक अड्डा प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
12 सितंबर, 2025 को भारतीय नौसेना प्रमुख (CNS) एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने गुरुग्राम में नए नौसैनिक अड्डे, INS अरावली का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- भूमिका: अरावली शृंखला के नाम पर रखे गए इस नए अड्डे का मुख्य कार्य होगा:
- भारतीय नौसेना के सूचना एवं संचार केंद्रों को सहायता प्रदान करना।
- भारत के कमान, नियंत्रण, संचार और मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस (MDA) ढाँचे को सशक्त बनाना।
- नौसेना इकाइयों, MDA केंद्रों और संबद्ध हितधारकों के बीच निर्बाध समन्वय को बढ़ाना।
- आदर्श वाक्य:
- अड्डा अपने आदर्श वाक्य से संचालित होगा: 'सामुद्रिक सुरक्षायाः सहयोगं' (सहयोग के माध्यम से समुद्री सुरक्षा)।
- क्रेस्ट का प्रतीकात्मक स्वरूप: INS अरावली का क्रेस्ट (Crest) इसके आदर्श और मिशन को दर्शाता है:
- केंद्रीय पर्वत छवि: अरावली शृंखला की दृढ़ता का प्रतीक।
- उगता सूरज: सतर्कता, अनुकूलनशीलता और तकनीकी क्षमताओं के उदय का प्रतिनिधित्व करता है।
- सामुद्रिक आदर्श: भारत के सागरीय हितों की रक्षा में सदैव सतर्कता।
- संपूर्ण क्रेस्ट अड्डे की दृढ़ता, तकनीक और सहयोगी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- महत्त्व:
- प्रौद्योगिकी और सहयोग के केंद्र के रूप में कार्य करना, महासागरों के विभिन्न प्लेटफार्मों तथा भागीदारों को जोड़ना।
- प्रधानमंत्री के 'महासागर' (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिये पारस्परिक तथा समग्र उन्नति) के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देना।
- हिंद महासागर क्षेत्र में प्राथमिक सुरक्षा साझेदार के रूप में भारत की स्थिति को सुदृढ़ करना।