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डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती
चर्चा में क्यों?
15 अक्तूबर, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर राष्ट्रपति भवन में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
- परिचय: डॉ. अवुल पाकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता प्राप्त की थी।
- अंतरिक्ष अनुसंधान:
वे भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-III) के परियोजना निदेशक रहे, जिसने जुलाई, 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया, जिससे भारत विशिष्ट "स्पेस क्लब" का सदस्य बना।- उन्होंने इसरो के प्रक्षेपण यान कार्यक्रम के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से PSLV कॉन्फिगरेशन के निर्माण में, जो भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमताओं की आधारशिला बन गया।
- रक्षा विकास: एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में, उन्होंने AGNI और PRITHVI जैसी प्रमुख मिसाइल प्रणालियों के विकास तथा संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- जुलाई, 1992 से दिसंबर, 1999 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DRDO) के सचिव के रूप में, डॉ. कलाम ने भारत के मिसाइल प्रणालियों के सशस्त्रीकरण का नेतृत्व किया तथा सफल पोखरण-II परमाणु परीक्षणों की देख-रेख की, जिससे भारत एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बना।
- उनका योगदान रक्षा प्रणालियों में आत्मनिर्भरता तक विस्तृत था, जिसमें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के विकास में उनकी अहम भूमिका शामिल है।
- विकसित भारत का दृष्टिकोण: उनका नेतृत्व टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन, फोरकास्टिंग एंड असेसमेंट काउंसिल (TIFAC) तक विस्तृत था, जहाँ उन्होंने अध्यक्ष के रूप में टेक्नोलॉजी विज़न 2020 परियोजना का नेतृत्व किया।
- पुस्तकें: उनकी रचनाएँ जैसे- “विंग्स ऑफ फायर”, “इंडिया 2020 - ए विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम”, “माय जर्नी” और “इग्नाइटेड माइंड्स - अनलीशिंग द पावर विदिन इंडिया”- अनेक भाषाओं में अनुदित की गई हैं, जो आज भी विश्वभर में लोकप्रिय हैं।
- सम्मान और पुरस्कार: उन्हें 30 मानद डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त हुईं तथा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों जैसे- पद्म भूषण (1981), पद्म विभूषण (1990) और भारत रत्न (1997) से सम्मानित किया गया।
- भारत के राष्ट्रपति: 25 जुलाई, 2002 को डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने, जहाँ उन्होंने विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया। उनकी राष्ट्रपति अवधि का प्रमुख लक्ष्य था- भारत को वर्ष 2020 तक एक वैश्विक नेता के रूप में परिवर्तित करना। उन्होंने वैज्ञानिक उत्कृष्टता, राष्ट्रीय गौरव और युवा सशक्तीकरण की एक अमिट विरासत स्थापित की।