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बहुविवाह और हरियाणा परिवार पहचान-पत्र
चर्चा में क्यों?
हरियाणा परिवार पहचान-पत्र (PPP) के नवीनतम आँकड़ों से पता चला है कि राज्य में अनेक व्यक्तियों की दो या दो से अधिक पत्नियाँ हैं।
- यह डाटा इन व्यक्तियों द्वारा स्वेच्छा से साझा किया गया है, जिसमें उनकी पत्नियों और बच्चों की संख्या जैसे व्यक्तिगत विवरण शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
- PPP डाटा विवरण:
- हरियाणा में 2779 व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी दो या दो से अधिक पत्नियाँ हैं।
- इनमें से 2761 व्यक्तियों की दो पत्नियाँ हैं, जबकि 15 व्यक्तियों की तीन पत्नियाँ हैं तथा 3 व्यक्तियों ने बताया कि उनकी तीन से अधिक पत्नियाँ हैं।
- क्षेत्रीय आँकड़े:
- दो पत्नियों वाले लोगों की सबसे अधिक संख्या नूह ज़िले में पाई गई है, जहाँ 353 व्यक्तियों की दो पत्नियाँ हैं।
- अन्य ज़िलों में अंबाला (87), भिवानी (69) और फरीदाबाद (267) शामिल हैं।
परिवार पहचान-पत्र (PPP) योजना
- पृष्ठभूमि:
- PPP योजना को औपचारिक रूप से जुलाई 2019 में हरियाणा सरकार की ‘पेपरलेस’ एवं ‘फेसलेस’ सेवा वितरण व्यवस्था की दृष्टि से प्रारंभ किया गया था।
- इसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को एक इकाई माना गया है तथा उसे 8 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या (Family ID) दी जाती है।
- यह फैमिली ID विभिन्न योजनाओं जैसे छात्रवृत्तियाँ, सब्सिडी और पेंशन आदि से भी जुड़ी होती है ताकि संगतता व विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।
- इससे राज्य की विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी एवं पेंशन के स्वचालित लाभार्थी चयन में भी सहायता मिलती है।
- उद्देश्य:
- परिवार पहचान-पत्र (PPP) का प्राथमिक उद्देश्य हरियाणा के सभी परिवारों का प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डाटा तैयार करना है।
- लाभ:
- परिवार एक इकाई के रूप में:
- केंद्र सरकार के आधार कार्ड में एक व्यक्ति का विवरण होता है और यह पूरे परिवार को एक इकाई के रूप में नहीं दर्शाता है।
- यद्यपि राशन कार्ड प्रणाली मौजूद है, लेकिन यह अद्यतन नहीं है और इसमें पर्याप्त पारिवारिक रिकॉर्ड नहीं हैं।
- सुचारू सेवा वितरण:
- हरियाणा सरकार की विभिन्न सेवाएँ एवं योजनाएँ जैसे सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राशन कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, जाति व आय प्रमाण-पत्र आदि PPP के माध्यम से प्रदान की जा रही हैं।
- प्रवासी श्रमिकों के लिये लाभकारी:
- पंजीकरण ID उन लोगों को प्रदान की जाती है, जो हरियाणा में रहते हैं, लेकिन निवास संबंधी आवश्यकताएँ पूरी नहीं कर पाए हैं।
- इससे राज्य सरकार को उचित मूल्य की दुकानों से राशन, श्रम योजनाओं का लाभ, स्ट्रीट वेंडर्स सहायता योजनाएँ आदि जैसे लाभ प्रदान करने में सहायता मिलती है।

