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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Jul 2025
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बहुविवाह और हरियाणा परिवार पहचान-पत्र

चर्चा में क्यों?

हरियाणा परिवार पहचान-पत्र (PPP) के नवीनतम आँकड़ों से पता चला है कि राज्य में अनेक व्यक्तियों की दो या दो से अधिक पत्नियाँ हैं।

  • यह डाटा इन व्यक्तियों द्वारा स्वेच्छा से साझा किया गया है, जिसमें उनकी पत्नियों और बच्चों की संख्या जैसे व्यक्तिगत विवरण शामिल हैं।

मुख्य बिंदु

  • PPP डाटा विवरण:
    • हरियाणा में 2779 व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी दो या दो से अधिक पत्नियाँ हैं।
    • इनमें से 2761 व्यक्तियों की दो पत्नियाँ हैं, जबकि 15 व्यक्तियों की तीन पत्नियाँ हैं तथा 3 व्यक्तियों ने बताया कि उनकी तीन से अधिक पत्नियाँ हैं।
  • क्षेत्रीय आँकड़े:
    • दो पत्नियों वाले लोगों की सबसे अधिक संख्या नूह ज़िले में पाई गई है, जहाँ 353 व्यक्तियों की दो पत्नियाँ हैं।
    • अन्य ज़िलों में अंबाला (87), भिवानी (69) और फरीदाबाद (267) शामिल हैं।

परिवार पहचान-पत्र (PPP) योजना

  •  पृष्ठभूमि: 
    • PPP योजना को औपचारिक रूप से जुलाई 2019 में हरियाणा सरकार की ‘पेपरलेस’ एवं ‘फेसलेस’ सेवा वितरण व्यवस्था की दृष्टि से प्रारंभ किया गया था।
    • इसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को एक इकाई माना गया है तथा उसे 8 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या (Family ID) दी जाती है।
    • यह फैमिली ID विभिन्न योजनाओं जैसे छात्रवृत्तियाँ, सब्सिडी और पेंशन आदि से भी जुड़ी होती है ताकि संगतता व विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।
    • इससे राज्य की विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी एवं पेंशन के स्वचालित लाभार्थी चयन में भी सहायता मिलती है।
  • उद्देश्य: 
    • परिवार पहचान-पत्र (PPP) का प्राथमिक उद्देश्य हरियाणा के सभी परिवारों का प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डाटा तैयार करना है।
  • लाभ:
    • परिवार एक इकाई के रूप में: 
    • केंद्र सरकार के आधार कार्ड में एक व्यक्ति का विवरण होता है और यह पूरे परिवार को एक इकाई के रूप में नहीं दर्शाता है।
    • यद्यपि राशन कार्ड प्रणाली मौजूद है, लेकिन यह अद्यतन नहीं है और इसमें पर्याप्त पारिवारिक रिकॉर्ड नहीं हैं।
  • सुचारू सेवा वितरण: 
  • प्रवासी श्रमिकों के लिये लाभकारी: 
    • पंजीकरण ID उन लोगों को प्रदान की जाती है, जो हरियाणा में रहते हैं, लेकिन निवास संबंधी आवश्यकताएँ पूरी नहीं कर पाए हैं।
    • इससे राज्य सरकार को उचित मूल्य की दुकानों से राशन, श्रम योजनाओं का लाभ, स्ट्रीट वेंडर्स सहायता योजनाएँ आदि जैसे लाभ प्रदान करने में सहायता मिलती है।


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