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स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Sep 2025
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राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025

चर्चा में क्यों?

चैंपियन नीरज चोपड़ा को विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता के फाइनल में वे आठवें स्थान पर रहे। जबकि उनके सहकर्मी सचिन यादव ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान प्राप्त किया।

मुख्य बिंदु

  • पदक और परिणाम: स्वर्ण पदक त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वाल्कोट (88.16 मीटर) ने जीता, जबकि ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने रजत (87.38 मीटर) तथा अमेरिका के कर्टिस थॉम्पसन ने कांस्य (86.67 मीटर) जीता।
  • नीरज चोपड़ा का संघर्ष: वर्षों से अपनी निरंतरता के बावजूद, वह 85 मीटर का आँकड़ा पार करने में असफल रहे और 84.03 मीटर के थ्रो के साथ वे आठवें स्थान पर रहे।
  • यह वर्ष 2018 के बाद से उनकी पहली प्रतियोगिता है, जहाँ वह शीर्ष तीन से बाहर रहे। जबकि टोक्यो ओलंपिक 2021 में ऐतिहासिक जीत के बाद उनका लगातार पोडियम प्रदर्शन रहा है।
  • सचिन यादव का प्रदर्शन: उत्तर प्रदेश के खेकड़ा गाँव के रहने वाले सचिन यादव ने 86.27 मीटर की व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंककर न केवल नीरज चोपड़ा को पीछे छोड़ा, बल्कि जूलियन वेबर और अरशद नदीम जैसे उल्लेखनीय प्रतियोगियों को भी पीछे छोड़ दिया।
  • सचिन का यह प्रदर्शन उनकी क्षमता और स्थिर खेल शैली को दर्शाता है, जो उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप 2023 में रजत पदक जीतने के बाद से लगातार प्रदर्शित की है।

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025

  • स्थान: विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 13 से 21 सितंबर, 2025 तक टोक्यो, जापान में आयोजित की जा रही है, जिसमें नौ दिनों तक प्रतिस्पर्द्धा होंगी।
  • आयोजन अवलोकन: यह विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का 20वाँ संस्करण है, जिसमें लगभग 200 देशों के 2,000 से अधिक एथलीट भाग ले रहे हैं।
  • कुल 49 प्रतियोगिताएँ होंगी, जिनमें 147 पदक हैं। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिये 24  प्रतियोगिताएँ होंगी, साथ ही एक मिश्रित प्रतियोगिता भी शामिल है


बिहार Switch to English

बेरोज़गार स्नातकों के लिये स्वयं सहायता भत्ता योजना

चर्चा में क्यों?

18 सितंबर 2025 को , बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के प्रमुख सात निश्चय कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना के विस्तार की घोषणा की।

मुख्य बिंदु

  • योजना का विस्तार
    • यह योजना पहले इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बेरोज़गार युवाओं के लिये उपलब्ध थी।
    • किंतु यह योजना अब उन स्नातक युवाओं को अधिकतम दो वर्षों तक 1,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जो
      • 20-25 आयु वर्ग के हैं,
      • पढ़ाई नहीं कर रहे हैं और रोज़गार के अवसर तलाश रहे हैं,
      • स्व-नियोजित नहीं हैं तथा 
      • किसी भी सरकारी, निजी या गैर-सरकारी क्षेत्र में कार्यरत नहीं हैं।
  • उद्देश्य
    • इस योजना का उद्देश्य युवाओं को कौशल विकास और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिये संसाधन उपलब्ध कराना है, जिससे अंततः उनकी आत्मनिर्भरता तथा भविष्य में करियर की संभावनाओं में योगदान मिलेगा।
  • रोज़गार रणनीति
    • राज्य सरकार का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में एक करोड़ रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना है, जिससे सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर सृजित होंगे।
  • आवेदन प्रक्रिया

सात निश्चय कार्यक्रम

  • मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना बिहार सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसमें युवाओं और समग्र राज्य विकास के उद्देश्य से 7 प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं।
  • सात निश्चयों को इस प्रकार से विकसित किया गया है कि उनके अंतर्गत बनाई गई योजनाएँ बिना किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के समाज के प्रत्येक वर्ग तक समान रूप से पहुँच सकें।
  • विकसित बिहार के लिये 7 निश्चय, जो गुड गवर्नेंस प्रोग्राम 2015-2020 के मिशन मोड के अनुसार निर्धारित किये गए हैं, उनकी निगरानी बिहार विकास मिशन के अंतर्गत 7 उप-मिशनों के माध्यम से की जाती है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश महाभारत सर्किट में बागपत शामिल

चर्चा में क्यों?

महाभारत के पांडवों से संबंधित बागपत के बरनावा में स्थित ऐतिहासिक स्थल को उत्तर प्रदेश की महाभारत सर्किट परियोजना के तहत एक करोड़ रुपये की लागत से व्यापक स्तर पर विकसित किया जाएगा।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: बागपत से 35 किमी दूर स्थित इस स्थल में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित एक टीला और अवशेष हैं, जो इसके महत्त्व को उजागर करते हैं।
  • इतिहास: महाभारत में 'लाक्षागृह' अथवा लाख का महल की कथा प्रमुख है, जहाँ कौरवों ने पांडवों को जीवित जलाने का प्रयास किया था। 
    • यह ऐतिहासिक घटना सदियों से जनमानस के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। बरनावा आने वाले आगंतुक इस ऐतिहासिक स्थल के अवशेषों को देख सकते हैं।
  • महत्त्व: यह परियोजना भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन में बागपत की स्थिति को सुदृढ़ करेगी तथा पर्यटन के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
    • इस परियोजना में सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता, पेयजल, विश्राम क्षेत्र और आगंतुक सूचना केंद्र जैसी आवश्यक सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा।
  • महाभारत से संबंधित होने के अतिरिक्त, बागपत को हड़प्पा कालीन पुरातात्त्विक स्थल के रूप में भी मान्यता मिली हुई है। यहाँ हुए उत्खनन में धूसर मिट्टी के बर्तन जैसी कलाकृतियाँ प्राप्त हुई हैं और वर्ष 2018 में सनौली गाँव में लगभग 2000 ईसा पूर्व के कांस्य रथ के अवशेष मिलने पर इसे वैश्विक पहचान मिली।

उत्तर प्रदेश महाभारत सर्किट परियोजना

  • उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई महाभारत सर्किट परियोजना का उद्देश्य महाभारत काल से जुड़े स्थलों को राज्य के प्रमुख सांस्कृतिक, धार्मिक और धरोहर पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित तथा प्रोत्साहित करना है।
  • इस परियोजना का प्रमुख लक्ष्य अवसंरचना को सुदृढ़ कर तथा महाभारत से संबद्ध स्थलों का सौंदर्यीकरण करते हुए पर्यटन को प्रोत्साहित करना है, जिससे वे तीर्थयात्रियों, इतिहासकारों एवं पर्यटकों के लिये और अधिक आकर्षक बन सकें।
  • इस पहल का व्यापक उद्देश्य विरासत संरक्षण, पर्यटन अवसंरचना के विस्तार तथा आधुनिक सुविधाओं का ऐतिहासिक प्रामाणिकता के साथ समन्वय स्थापित करना है।
    • साथ ही, इसका ध्येय रोजगार सृजन, स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करना तथा भारत की महाकाव्य परंपराओं के साथ आगंतुकों के जुड़ाव को और अधिक सशक्त करना है।

                              उत्तर प्रदेश की महाभारत सर्किट परियोजना से जुड़े स्थल 

          स्थल 

                                महत्त्व 

हस्तिनापुर

कुरु साम्राज्य की राजधानी, पांडवों और कौरवों की जन्मस्थली तथा महाभारत की अनेक प्रमुख घटनाओं के लिये महत्त्वपूर्ण पृष्ठभूमि स्थल, जिनमें कुख्यात पासे का खेल भी शामिल है।

कीचक वध स्थल

वह स्थल जहाँ भीम ने विराट राज्य में वनवास के दौरान द्रौपदी की गरिमा का बदला लेने हेतु कीचक का वध किया था। यह न्याय और प्रतिशोध का प्रतीक है।

अहिच्छत्र

उत्तरी पांचाल साम्राज्य का एक प्रमुख राज्य, जिस पर द्रौपदी के पिता राजा द्रुपद का शासन था। महाभारत काल में यह एक रणनीतिक सैन्य अड्डे और राजनीतिक केंद्र के रूप में कार्य करता था।

गोंडा

पांडवों के वनवास से जुड़ा क्षेत्र। यद्यपि यह प्रत्यक्ष रूप से प्रमुख युद्धों में सम्मिलित नहीं था, लेकिन महाभारत के भौगोलिक विस्तार का द्योतक है।

प्रयागराज

एक पवित्र स्थल जहाँ पांडवों ने कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद अनुष्ठान किये थे। यह आध्यात्मिक घटनाओं और महाभारत में व्यास के मार्गदर्शन से निकटता से संबंधित है।

लाक्षाग्रह

वह स्थल जहाँ कौरवों ने पांडवों को आग लगाकर मारने का षड्यंत्र रचा। यह उनके 13 वर्ष के वनवास की शुरुआत का प्रतीक है।

कंपिल्य

पांचाल राज्य की राजधानी, द्रौपदी की जन्मभूमि और उनका स्वयंवर स्थल, जहाँ अर्जुन ने द्रौपदी का वरण किया। यह राजनीतिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र था।

बरनावा

कुख्यात लाक्षागृह कांड का स्थल, जहाँ से पांडवों ने बचकर प्राणरक्षा की। यह साहस और अस्तित्व रक्षा का प्रतीक है।

कौशांबी

महाभारत में उल्लिखित एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य नगर, विशेषकर पांडवों के राज्य पुनः प्राप्ति प्रयासों से संबंधित है।

विदुर कुटी

कुरु वंश के धर्मनिष्ठ मंत्री विदुर का आश्रय स्थल, जहाँ उन्होंने अपने अंतिम वर्ष बिताए। यह धर्म और नीति का प्रतीक है।

मथुरा

भगवान कृष्ण की जन्मभूमि, जो हिंदू धर्म में एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र है। यह महाभारत में उनकी रणनीतिक भूमिका और दिव्य मार्गदर्शन का प्रतीक है।


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सरदार वल्लभभाई पटेल का AI संचालित होलोबॉक्स

चर्चा में क्यों?

दिल्ली में स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय, जो अपनी तरह का विश्व का एकमात्र संग्रहालय है, ने 17 सितम्बर, 2025 को सरदार वल्लभभाई पटेल के AI संचालित होलोबॉक्स का अनावरण किया।

मुख्य बिंदु

  • परिचय:
    • दर्शकों ने AI-संचालित होलोबॉक्स 3D अवतार के साथ संवाद किया, जिसमें उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन और भारत के इतिहास में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान से संबंधित प्रश्न पूछ।
    • यह अवतार उनके स्वर में उत्तर देता है, जो उनके भाषणों, पुस्तकों और अभिलेखीय स्रोतों पर आधारित होते हैं, जिससे एक प्रामाणिक शैक्षिक अनुभव प्राप्त होता है।
    • अवतार द्वारा दिये गए उत्तर उनकी विचारधारा और जीवन की प्रमुख घटनाओं को प्रतिबिंबित करते हैं।
  • उद्देश्य:
    • इस पहल का उद्देश्य ऐतिहासिक जुड़ाव में प्रौद्योगिकी का एकीकरण कर वैश्विक मानक स्थापित करना है। इसका विशेष लक्ष्य युवा पीढ़ी को आकर्षित करना और इतिहास को अधिक सुगम व रोचक बनाना है।
  • भविष्य की योजनाएँ:
    • पटेल के AI अवतार की सफलता के पश्चात, प्रधानमंत्री संग्रहालय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के लिये एक पूर्णाकृति होलोबॉक्स शुरू करने की योजना बना रहा है। 
    • इससे भारत के महान नेताओं के ज्ञान को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता और भी सशक्त होगी।
  • ऐतिहासिक महत्त्व
    • 17 सितंबर का दोहरा महत्त्व है; एक ओर यह 1948 में ऑपरेशन पोलो की सफलता का प्रतीक है, जब सरदार पटेल के नेतृत्व में हैदराबाद का भारत में विलय हुआ। दूसरी ओर, यही दिन वर्ष 1950 में जन्मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म दिवस भी है, जिनकी एक भारत, श्रेष्ठ भारत की दृष्टि, पटेल की राष्ट्रीय एकता की विरासत को साकार करती है।

नोट:

  • AI-संचालित होलोबॉक्स एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को होलोग्राफिक डिस्प्ले के साथ एकीकृत करती है। 
  • यह इंटरैक्टिव और सजीव 3D छवियाँ व अवतार तैयार करती है, जिनसे दर्शक स्वाभाविक रूप से वॉयस कमांड, हावभाव और भावनात्मक संकेतों के माध्यम से संवाद कर सकते हैं।


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