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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 Oct 2025
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NSG का 41वाँ स्थापना दिवस समारोह

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुग्राम के मानेसर स्थित राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 41वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया।

  • इस अवसर पर NSG परिसर में विशेष अभियान प्रशिक्षण केंद्र (Special Operations Training Centre - S.O.T.C.) की आधारशिला भी रखी गई।

मुख्य बिंदु

  • परिचय:
    • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की स्थापना वर्ष 1984 में एक संघीय आकस्मिक बल (Federal Contingency Force) के रूप में आतंकवाद से निपटने के उद्देश्य से की गई थी।
    • इसका मिशन विशेष बल को प्रशिक्षित, सुसज्जित और तत्पर रखना है जो आतंकवादी गतिविधियों का त्वरित और प्रभावी ढंग से सामना कर सके, इसके आदर्श वाक्य “सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा” के अनुरूप।
  • संरचना:
    • यह यूनाइटेड किंगडम की स्पेशल एयर सर्विस (SAS) और जर्मनी की GSG-9 के मॉडल पर आधारित है, जिसमें दो पूरक इकाइयाँ हैं- स्पेशल एक्शन ग्रुप (SAG), जिसमें सेना के कर्मी शामिल हैं तथा स्पेशल रेंजर ग्रुप्स (SRG), जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों एवं राज्य पुलिस बलों के कर्मी शामिल हैं।
  • NSG की भूमिका: गृह मंत्री ने आतंकवाद के विरुद्ध चार दशकों से चली आ रही NSG की लड़ाई की सराहना की, इसके मूल सिद्धांतों "सर्वत्र, सर्वोत्कृष्ट, सुरक्षा"  तथा "समर्पण, साहस और राष्ट्रभक्ति" जैसे गुणों पर प्रकाश डाला।
  • NSG की विरासत: वर्ष 1984 में स्थापना के बाद से NSG ने कई महत्त्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया है, जैसे- ऑपरेशन अश्वमेध, ऑपरेशन वज्र शक्ति और अक्षरधाम तथा मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान निभाई गई इसकी अहम भूमिका।
    • गृह मंत्री ने घोषणा की कि सरकार NSG के लिये महत्त्वपूर्ण परिचालन सुधारों की योजना बना रही है, जिसके तहत मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, अहमदाबाद और जम्मू में छह NSG हब स्थापित किये जाएंगे, साथ ही अयोध्या में एक नया हब भी बनाया जाएगा, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को और सशक्त किया जा सके।
  • स्पेशल ऑपरेशंस ट्रेनिंग सेंटर (S.O.T.C.): उन्होंने S.O.T.C. की आधारशिला रखे जाने की घोषणा की, जिसे ₹141 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। यह केंद्र NSG कमांडो और देशभर की पुलिस बलों की आतंकवाद-रोधी इकाइयों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जिससे उन्हें आतंकवाद से निपटने के लिये उन्नत तकनीकी कौशल प्राप्त होंगे।

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समुद्र शक्ति का पाँचवाँ संस्करण

चर्चा में क्यों?

भारतीय नौसेना 14 से 17 अक्तूबर तक आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में इंडोनेशियाई नौसेना के साथ द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ के पाँचवें संस्करण की मेज़बानी कर रही है।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य समुद्र और तट दोनों पर पेशेवर तथा परिचालनिक गतिविधियों की एक शृंखला के माध्यम से दोनों देशों के बीच अंतरसंचालन क्षमता (interoperability) को बढ़ाना तथा समुद्री सहयोग को सुदृढ़ करना है।
  • भाग लेने वाली इकाइयाँ:
    • INS कवरत्ती: भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े की एक पनडुब्बी-रोधी युद्धक (Anti-Submarine Warfare) कॉर्वेट।
    • KRI जॉन ली: इंडोनेशियाई नौसेना की एक कॉर्वेट, जो एक एकीकृत हेलीकॉप्टर से सुसज्जित है।
  • हार्बर फेज़: हार्बर चरण में गतिविधियाँ शामिल हैं जैसे- क्रॉस-डेक दौरे, संयुक्त योग सत्र, मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन और सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट एक्सचेंज (SMEE) कार्यक्रम के तहत पेशेवर आदान-प्रदान, जो दोनों देशों के नौसैनिक कर्मियों के बीच पेशेवर संवाद तथा सौहार्द बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की जाती हैं।
  • सी चरण: सी चरण में जटिल और उच्च-गतिशीलता वाले समुद्री अभियान होंगे, जिनका उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच टैक्टिकल समन्वय (tactical coordination) में सुधार करना है। इन अभियानों में हेलीकॉप्टर युद्धाभ्यास, हवाई रक्षा अभ्यास (Air Defence Exercises), हथियार फायरिंग ड्रिल्स और विजिट, बोर्ड, सर्च एंड सिज़र (VBSS) ऑपरेशन्स शामिल होंगे।
  • महत्त्व: यह अभ्यास इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
  • भारत और इंडोनेशिया के बीच अन्य सैन्य अभ्यास: गरुड़ शक्ति, IND-INDO CORPAT

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