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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Sep 2021
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उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना

चर्चा में क्यों?

15 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहभागी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने के उद्देश्य से, एक अनूठी ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ शुरू करने की घोषणा की, जो आम आदमी को राज्य के विकास कार्यों में प्रत्यक्ष भागीदार बनाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने यह घोषणा लखनऊ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं ज़िला पंचायतों के तहत विभिन्न सड़कों का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए की।
  • मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभागों को इस अभिनव योजना के औपचारिक शुभारंभ के लिये एक कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा।
  • इस योजना के तहत, प्रत्येक व्यक्ति को गाँवों में बुनियादी ढाँचे के विकास के विभिन्न कार्यों में सीधे भाग लेने का मौका मिलेगा। 
  • राज्य सरकार परियोजना की कुल लागत का 50 प्रतिशत वहन करेगी, जबकि शेष राशि इच्छुक लोगों द्वारा दी जाएगी। बदले में, परियोजना का नाम सहयोगियों के रिश्तेदारों के नाम पर उनकी इच्छा के अनुसार रखा जा सकता है।
  • उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना गाँवों में स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी, पुस्तकालय, स्टेडियम, व्यायामशाला, ओपन जिम, पशु नस्ल सुधार केंद्र, अग्निशमन सेवा स्टेशन आदि की स्थापना के लिये एक अच्छा प्रयास हो सकता है।
  • मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ और जौनपुर ज़िला पंचायतों में एफडीआर पद्धति से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सड़कों के निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक का उपयोग करने वाला पहला राज्य है।

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मथुरा में पेप्सिको फूड्स प्लांट

चर्चा में क्यों?

15 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में पेप्सिको इंडिया कोसी कलां मथुरा प्लांट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश सरकार के सहयोग से पेप्सिको द्वारा कोसी कलां में दो वर्ष से भी कम समय में खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की गई है।
  • इस प्लांट की स्थापना से 1500 लोगों को प्रत्यक्ष तथा बड़ी संख्या में लोगों को परोक्ष रूप से रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। 
  • यह पेप्सिको इंडिया का भारत में स्थापित सबसे बड़ा खाद्य प्रसंस्करण प्लांट है।
  • कार्यक्रम के दौरान पेप्सिको द्वारा निर्मित एक लघु फिल्म ‘उन्नति की साझेदारी’ भी प्रदर्शित की गई।
  • कोसी कलां में 800 करोड़ रुपए से अधिक लागत से स्थापित इस फूड्स प्लांट यूनिट के माध्यम से डेढ़ लाख मीट्रिक टन आलू का प्रति वर्ष प्रसंस्करण किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक राज्य है।
  • ब्रज क्षेत्र में आगरा एवं अलीगढ़ मंडलों के 8 जनपदों में बड़े पैमाने पर आलू उत्पादन होता है। इस यूनिट की स्थापना इस क्षेत्र के आलू उत्पादक किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ाने में सहायक होगी।

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उत्तर प्रदेश में किन्नर कल्याण बोर्ड गठित

चर्चा में क्यों?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए एक निर्णय के आलोक में हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया है, जिसके द्वारा किन्नरों की आवश्यकताओं एवं समस्याओं पर काम करते हुए नीतिगत एवं संस्थागत सुधारों के लिये सरकार को सुझाव दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड कुल 23 सदस्यीय संस्था है। इसकी संरचना निम्न प्रकार है-
    • अध्यक्ष            : समाज कल्याण मंत्री
    • उपाध्यक्ष          : मुख्यमंत्री द्वारा नामित किन्नर समुदाय का सदस्य
    • सदस्य सचिव     : निदेशक, समाज कल्याण विभाग
    • संयोजक          : अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव
    • सदस्य            : 5 किन्नर समुदाय के प्रतिनिधि एवं 2 किन्नर समुदाय के लिये कार्य करने वाले गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के प्रतिनिधि
    • पदेन सदस्य      : विभिन्न विभागों के सचिव एवं लखनऊ पुलिस आयुक्त
  • बोर्ड के गैर-आधिकारिक सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा तथा बोर्ड को तीन महीने में एक बैठक करना ज़रूरी होगा।
  • इसके अतिरिक्त निदेशक, सामाज कल्याण की अध्यक्षता में एक किन्नर सहयोग इकाई गठित की जाएगी, जो किन्नरों का डाटाबेस तैयार करने के साथ-साथ किन्नरों की समस्याओं को हल करने एवं नीतियों के क्रियान्वयन की समय-सीमा संबंधी रिपोर्ट शासन को सौंपने का कार्य करेगी।
  • साथ ही प्रत्येक ज़िले में ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय ज़िला स्तरीय किन्नर सहायता इकाई का गठन होगा, जिसकी बैठक प्रत्येक महीने आयोजित की जाएगी।

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