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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Aug 2025
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राष्ट्रीय मत्स्यपालक दिवस 2025

चर्चा में क्यों?

भारत की खाद्य सुरक्षा को मज़बूत करने, मछली-आधारित प्रोटीन की मांग को पूरा करने और ग्रामीण रोज़गार को बढ़ावा देने में मत्स्यपालकों के अथक प्रयास का सम्मान करने के लिये ICAR-केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान (CIFA) में 10 जुलाई, 2025 को राष्ट्रीय मत्स्यपालक दिवस मनाया गया।

प्रमुख बिंदु

  • विरासत का सम्मान: 
    • राष्ट्रीय मत्स्यपलक दिवस वर्ष 1957 में प्रोफेसर डॉ. हीरालाल चौधरी और डॉ. के.एच. अलीकुन्ही द्वारा किये गए कार्यों की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने हाइपोफिसेशन तकनीक के माध्यम से भारतीय मत्स्य पालन में क्रांतिकारी परिवर्तन किया। 
    • इस तकनीक ने भारतीय मेजर कार्प्स में कृत्रिम प्रजनन और प्रजनन को संभव बनाया। यह वैज्ञानिक उपलब्धि भारत में अंतर्देशीय जलीय कृषि (Inland Aquaculture) के विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाली सिद्ध हुई।
  • प्रमुख पहल और निवेश: 
    • वर्ष 2015 से अब तक भारत सरकार ने मत्स्य क्षेत्र में 38,572 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
    • मत्स्य उत्पादन वित्त वर्ष 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 195 लाख टन हो गया है।
    • भारत झींगा निर्यात में वैश्विक अग्रणी बन चुका है, जो 60,500 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है तथा पिछले एक दशक में झींगा उत्पादन में 270% की वृद्धि हुई है।

भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र की स्थिति

  • भारत, चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक तथा दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि देश है। 
  • भारत समुद्री उत्पादों का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है, जो वित्त वर्ष 2014-15 के आठवें स्थान से उल्लेखनीय सुधार दर्शाता है। 
    • अंतर्देशीय मत्स्य पालन कुल उत्पादन का 75% से अधिक है।
  • शीर्ष मछली उत्पादक राज्य: आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक।

केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान (CIFA)

  • स्थापना: 1949 में ओडिशा के कटक स्थित CIFRI के तालाब संस्कृति प्रभाग (Pond Culture Division) से उत्पत्ति।
  • यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अधीन कार्य करता है।
  • उद्देश्य:
    • यह सतत् एवं विविधीकृत मीठे पानी की जलीय कृषि प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • उत्पादकता, गुणवत्ता, जल उपयोग दक्षता और कृषि आय को बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य है।


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