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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 13 Mar 2023
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उत्तराखंड में होंगे 38वें राष्ट्रीय खेल

चर्चा में क्यों?

12 मार्च, 2023 को उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डी.के. सिंह ने बताया कि प्रदेश के हल्द्वानी में पी.टी. ऊषा की अध्यक्षता में हुई भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की बैठक में तय किया गया है कि वर्ष 2024 में 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में होंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि छत्तीसगढ़ ने भी राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी की दावेदारी की थी, लेकिन आईओए ने उत्तराखंड को मेज़बानी दी है।
  • भारतीय ओलंपिक संघ की बैठक में देश में खेलों के विकास के अलावा अन्य प्रमुख बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। इस दौरान राष्ट्रीय खेलों पर भी चर्चा हुई, जिसमें तय हुआ कि इस वर्ष सितंबर-अक्तूबर में गोवा में 37वें राष्ट्रीय खेल आयोजित किये जाएंगे।
  • आईओए ने उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों की तैयारी परखने के लिये आईओए की संयुक्त सचिव अलकनंदा अशोक को तात्कालिक रूप से नामित किया है।
  • ज्ञातव्य है कि 2015 में केरल के बाद गोवा और उत्तराखंड को ये खेल कराने थे, लेकिन इन दोनों ही राज्यों में आधी-अधूरी तैयारी की वजह से ये खेल 2018 से टलते रहे। 36वें राष्ट्रीय खेल गोवा, 37वें छत्तीसगढ़, जबकि 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड को 2014 में ही आवंटित कर दिये गए थे, लेकिन गोवा ने 36वें खेल कराने से अपने हाथ पीछे खींचे और छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में भी तैयारी अधूरी रहने से राष्ट्रीय खेल लगातार खिसकते रहे।
  • विदित है कि राष्ट्रीय खेलों में लगातार हो रही देरी को देखते हुए आईओए के तत्कालीन अध्यक्ष हल्द्वानी निवासी राजीव मेहता ने भारत सरकार और गुजरात सरकार से बात करके बेहद कम समय में गुजरात में राष्ट्रीय खेल सितंबर 2022 में आयोजित करा दिये थे। 

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उत्तराखंड के वीर नारियाँ और वीरता पुरस्कार पाने वाले सैनिक रोडवेज बसों में कर सकेंगे मुफ्त में सफर

चर्चा में क्यों?

11 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश की 1130 वीर नारियाँ और वीरता पुरस्कार पाने वाले 1727 सैनिक एवं पूर्व सैनिक उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि वीरता पुरस्कार पाने वाले भारतीय सैनिकों और उनकी वीरांगनाओं के परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर करने से इस पर जो खर्च आएगा, नियमानुसार उसका भुगतान एवं प्रतिपूर्ति सैनिक कल्याण विभाग की ओर से परिवहन निगम को किया जाएगा।
  • प्रदेश के निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग को दिये आदेश में कहा गया है कि सैनिक कल्याण विभाग के आय-व्यय में नई मांग के माध्यम से बजट व्यवस्था कराने के लिये समय से प्रस्ताव तैयार कर इसे शासन को उपलब्ध कराया जाए।
  • गौरतलब है कि प्रदेश में सबसे अधिक 203 वीर नारियाँ (युद्ध विधवा) पिथौरागढ़ ज़िले में हैं। इसमें 185 वीर नारियाँ देश के लिये शहीद हुए सैनिकों, 17 जेसीओ और एक शहीद सैन्य अधिकारी की पत्नी हैं।
  • इसके अलावा अल्मोड़ा में 82, बागेश्वर में 97, चंपावत में 32, चमोली में 115, देहरादून में 143, हरिद्वार में 13, लैंसडाउन में 150, नैनीताल में 69, पौड़ी में 70, रुद्रप्रयाग में 43, टिहरी में 63, ऊधमसिंह नगर में 40, उत्तरकाशी में 10 वीर नारियाँ हैं।
  • प्रदेश में देश की सुरक्षा के लिये अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले वीर जवानों की कमी नहीं है। राज्य में 1727 सैनिकों और पूर्व सैनिकों को महावीर चक्र, वीर चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, सेना मेडल आदि विभिन्न वीरता पुरस्कार मिले हैं।

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आईआईटी रुड़की ने खोजा अनोखा एंटीबैक्टीरियल मॉलिक्यूल

चर्चा में क्यों?

11 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के रुड़की स्थित आईआईटी के शोधकर्त्ताओं ने एक ऐसा एंटीबैक्टीरियल मॉलिक्यूल खोज निकाला है, जो दवाओं के साथ इस्तेमाल किये जाने पर न केवल स्टैफिलोकोकस ऑरियस और स्यूडोमोनास एरुगिनोसा बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण को रोकेगा, बल्कि दवाओं के प्रतिरोध को भी खत्म करेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • संस्थान ने इस मॉलिक्यूल को आईआईटीआर 00693 नाम दिया है। आईआईटी रुड़की के इस शोध का निष्कर्ष प्रतिष्ठित अमेरिकन केमिकल सोसाइटी जर्नल एसीएस इंफेक्शियश डिजीजेज में प्रकाशित हुआ है।
  • शोध करने वाली टीम में ऋषिकेश एम्स के आशीष कोठारी और बलराम उमर के अलावा चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की वर्षा गुप्ता भी शामिल हैं। आईआईटी रुड़की के महक सैनी और अमित गौरव भी टीम का हिस्सा हैं।
  • शोध टीम का नेतृत्व करने वाली आईआईटी रुड़की के बायो साइंसेस और बायो इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर रंजना पठानिया ने बताया कि अब अणु को एक व्यवहार चिकित्सीय एजेंट के रूप में विकसित करने के लिये काम कर रहे हैं। जल्द ही इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जा सकता है।
  • आईआईटी के इस नए मॉलिक्यूल का ग्राम-पॉजिटिव और निगेटिव बैक्टीरिया पर भी प्रभावी असर होगा। फेफड़ों, आँतों, जोड़ों और त्वचा के संक्रमण के अलावा जलने की अवस्था में फैलने वाले संक्रमण में भी यह मॉलिक्यूल अन्य एंटीबैक्टीरियल दवाओं के साथ दिये जाने पर बेहतर परिणाम देगा।
  • इस नए मॉलिक्यूल से शरीर के नाजुक अंगों और त्वचा में होने वाले घातक संक्रमण के ईलाज़ के दौरान दवा के प्रतिरोध को जल्द ही खत्म किया जा सकेगा।

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