उत्तराखंड Switch to English
बजरंग सेतु
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड सरकार ऋषिकेश में ऐतिहासिक लक्ष्मण झूला के स्थान पर एक नया पुल ‘बजरंग सेतु’ का निर्माण कर रही है, जिसे अधिक सुरक्षा, सुचारु यातायात प्रवाह और पर्यटन संवर्द्धन को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है।
मुख्य बिंदु
- बजरंग सेतु:
- यह भारत का पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज होगा, जिसमें नदी के ऊपर काँच के मार्ग बनाए जा रहे हैं।
- यह संरचना तीन लेन वाली है, जिसमें दोपहिया वाहनों हेतु केंद्रीय स्टील डेक तथा दोनों ओर पैदल यात्रियों के लिये चौड़े काँच के मार्ग होंगे।
- इसके प्रवेश द्वारों की रूपरेखा कथित रूप से केदारनाथ मंदिर से प्रेरित है।
- लक्ष्मण झूला:
- यह गंगा नदी पर बना एक प्रसिद्ध झूला पुल है, जो तपोवन (टिहरी गढ़वाल) को जोंक (पौड़ी गढ़वाल) से जोड़ता है।
- वर्ष 1929 में निर्मित इस पुल का नाम भगवान लक्ष्मण के नाम पर रखा गया था। माना जाता है कि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थल पर जूट की रस्सियों से बने एक अस्थायी पुल के माध्यम से गंगा नदी पार की थी।
- गंभीर संरचनात्मक क्षति और सुरक्षा जोखिमों के कारण, वर्ष 2019 में इस पुल को यातायात हेतु बंद कर दिया गया था।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
18वाँ शहरी गतिशीलता भारत (UMI) सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
18वाँ शहरी गतिशीलता भारत (UMI) सम्मेलन और प्रदर्शनी 2025 हरियाणा के गुरुग्राम में संपन्न हुआ, जिसमें सतत् शहरी परिवहन में नवाचारों पर प्रकाश डाला गया।
मुख्य बिंदु
- सम्मेलन के बारे में:
- यह राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति (NUTP), आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 2008 से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
- इसका उद्देश्य ज्ञान साझा करना, क्षमता निर्माण और नीति संवाद के माध्यम से सतत् शहरी गतिशीलता को बढ़ावा देना है।
- 18वें संस्करण का आयोजन:
- इसका ‘शहरी विकास और गतिशीलता संबंध’ थीम के साथ हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित किया गया, जिसमें स्वच्छ परिवहन, नवीन वित्तपोषण तथा सार्वजनिक परिवहन में समावेशिता पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- पुरस्कार विजेता:
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वर्ग |
विजेता |
संगठन |
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सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली |
चेन्नई |
मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (चेन्नई) लिमिटेड |
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सर्वश्रेष्ठ गैर-मोटर चालित परिवहन प्रणाली |
उदयपुर |
उदयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड |
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सबसे नवीन वित्तपोषण तंत्र |
पिंपरी चिंचवाड़ |
पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम |
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सर्वश्रेष्ठ हरित परिवहन पहल |
हैदराबाद |
तेलंगाना नवीकरणीय ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड |
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सर्वश्रेष्ठ मल्टीमॉडल एकीकरण (मेट्रो रेल) |
चेन्नई |
चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड |
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सर्वोत्तम यात्री सेवाएँ (मेट्रो रेल) |
दिल्ली |
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड |
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विशेष पुरस्कार – यातायात प्रबंधन प्रणाली |
आइज़ोल |
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, मिज़ोरम |
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2025
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया, जो स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री तथा देश की आधुनिक शिक्षा प्रणाली के प्रमुख वास्तुकार मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की 137वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस:
- यह दिवस प्रतिवर्ष 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (1888–1958) की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।
- इस दिवस की घोषणा सर्वप्रथम वर्ष 2008 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) द्वारा की गई थी।
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद:
- उनका जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का में हुआ था और बाद में वे कलकत्ता (कोलकाता) में बस गए, जहाँ वे एक प्रमुख विद्वान तथा राष्ट्रवादी के रूप में उभरे।
- उन्होंने स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री (1947–1958) के रूप में कार्य किया और वैज्ञानिक, तकनीकी तथा सांस्कृतिक शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिये महत्त्वपूर्ण सुधार किये।
- वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के साथ-साथ साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी तथा संगीत नाटक अकादमी जैसी सांस्कृतिक संस्थाओं की स्थापना में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे।
- उनके महान योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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