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झज्जर में भूकंप
चर्चा में क्यों?
10 जुलाई, 2025 को हरियाणा के झज्जर के निकट केंद्रित 4.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों सहित दिल्ली-एनसीआर में तीव्र झटके महसूस किये गए।
प्रमुख बिंदु
- भूकंप के बारे में: साधारण शब्दों में भूकंप का अर्थ पृथ्वी की कंपन से होता है। यह एक प्राकृतिक घटना है, जिसमें पृथ्वी के अंदर से ऊर्जा के निकलने के कारण तरंगें उत्पन्न होती हैं जो सभी दिशाओं में फैलकर पृथ्वी को कंपित करती हैं।
- भूकंप का कारण: भूकंप तब आते हैं जब पृथ्वी की भूपर्पटी में टेक्टोनिक प्लेटों के कारण जमा हुआ तनाव घर्षण से अधिक हो जाता है, जिसके कारण चट्टानें अचानक टूटकर खिसक जाती हैं और भूकंपीय तरंगों के रूप में ऊर्जा मुक्त होती है।
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वह भूमिगत बिंदु है जहाँ भूकंप की ऊर्जा सबसे पहले मुक्त होती है, और उपरिकेंद्र (या एपिकेंटर) पृथ्वी की सतह पर ठीक उसके ऊपर स्थित बिंदु है जहाँ कंपन सबसे अधिक महसूस होता है और अक्सर सबसे अधिक क्षति होती है।
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भूकंप तरंगों के प्रकार: भूकंपीय तरंगें मूल रूप से दो प्रकार की होती हैं: शारीरिक तरंगें (Body Waves) और सतही तरंगें (Surface Waves)
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भूगर्भीय तरंगें पृथ्वी के आंतरिक भाग से होकर गुजरती हैं और इनमें शामिल हैं:
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P-तरंगें: सबसे तेज़, ठोस, तरल और गैसों के माध्यम से आगे-पीछे गति के साथ यात्रा करती हैं।
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S-तरंगें: धीमी, केवल ठोस पदार्थों के माध्यम से ऊपर-नीचे गति के साथ चलती हैं।
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सतही तरंगें पृथ्वी की सतह पर चलती हैं और सबसे विनाशकारी होती हैं, जिससे बड़ी क्षति होती है।
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भूकंपीय छाया क्षेत्र: छाया क्षेत्र पृथ्वी की सतह पर ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ भूकंपीय तरंगों का पता नहीं चलता है।
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P-तरंग छाया क्षेत्र: भूकंप के केंद्र से 105° और 145° के बीच।
- S-तरंग छाया क्षेत्र: 105° से परे, क्योंकि S-तरंगें तरल पदार्थों के माध्यम से यात्रा नहीं कर सकती हैं।
- ये क्षेत्र पृथ्वी की स्तरित संरचना को प्रकट करते हैं, जिसमें इसका तरल बाहरी क्रोड भी शामिल है ।
- भूकंप के प्रकार:
- विवर्तनिक: सबसे आम, भ्रंशों के साथ प्लेट गति के कारण।
- ज्वालामुखीय: सक्रिय क्षेत्रों में ज्वालामुखीय गतिविधि से जुड़ा हुआ।
- पतन: गुफा या खदान की छत के ढहने के कारण।
- विस्फोट: परमाणु या रासायनिक विस्फोट का परिणाम।
- जलाशय-प्रेरित: पानी के दबाव के कारण बड़े बाँधों के पास होते हैं।
- भूकंप मापन:
- रिक्टर स्केल: परिमाण (मुक्त ऊर्जा) को मापता है, जो 0 से 10 तक होता है।
- मर्काली स्केल: तीव्रता (दृश्य क्षति) को मापता है, I से XII तक होता है।

