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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Sep 2025
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उत्तर प्रदेश Switch to English

शोध प्रकाशनों को DOI से संबद्ध करना

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) की वैश्विक पहचान और शैक्षणिक स्तर को बढ़ावा देने के लिये राज्य की उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शैक्षणिक प्रकाशनों को डिजिटल ऑब्जेक्ट आइडेंटिफायर (DOI) से संबद्ध करने को अनिवार्य कर दिया है।

  • इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शोध-पत्र, शोध प्रबंध, सारांश, परियोजना कार्यवाही और अन्य शैक्षणिक उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दृश्यता प्राप्त करें।
  • वर्तमान में, समर्थ-CAS पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के शिक्षकों द्वारा प्रकाशित कुल 104,742 शोध प्रकाशनों में से केवल लगभग 8% (8,410 प्रकाशन) ही DOI से संबद्ध किये गए हैं।

मुख्य बिंदु

  • डिजिटल ऑब्जेक्ट आइडेंटिफायर (DOI): 
    • यह एक अद्वितीय अल्फान्यूमेरिक शृंखला (string) है, जो डिजिटल सामग्री, जैसे शोध-पत्र और शोध प्रबंध, को सौंपी जाती है।
    • यह शैक्षणिक कार्य के लिये स्थायी और स्थिर कड़ी के रूप में कार्य करता है तथा समय के साथ इसकी पहुँच, खोज तथा उद्धरण सुनिश्चित करता है।
    • DOI का उपयोग वैश्विक स्तर पर शोधकर्त्ता, प्रकाशक और शैक्षणिक डेटाबेस अपने शैक्षणिक कार्यों को कुशलतापूर्वक ट्रैक तथा संबद्ध करने के लिये करते हैं।
  • उद्देश्य: 
    • DOI संबद्धता की ओर यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में उल्लिखित दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो शैक्षणिक संस्थानों की वैश्विक मान्यता और शिक्षा में प्रौद्योगिकी के समावेश पर ज़ोर देता है।


उत्तराखंड Switch to English

अग्निवीर क्षैतिज आरक्षण नियमावली, 2025

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड सरकार ने विभिन्न वर्दीधारी सेवाओं में पूर्व अग्निवीरों के लिये 10% क्षैतिज आरक्षण की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्हें आयु सीमा में छूट तथा भर्ती हेतु शारीरिक दक्षता परीक्षा से भी छूट प्रदान की गई है।

मुख्य बिंदु 

  • आरक्षण के बारे में:
    • उत्तराखंड कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा अग्निवीर क्षैतिज आरक्षण नियमावली, 2025 अधिसूचित कर दी गई है।
    • यह कोटा राज्य के स्थायी निवासियों के लिये ग्रुप-सी वर्दीधारी सेवाओं के तहत सीधी भर्ती पर लागू होगा, जिसमें पुलिस, अग्निशमन, वन, जेल, आबकारी और सचिवालय सेवाओं के विभिन्न पद शामिल हैं।
  • अग्निपथ योजना
    • अग्निपथ योजना जून 2022 में सशस्त्र बलों के लिये अल्पकालिक भर्ती नीति के रूप में प्रारंभ की गई थी।
    • इसके अंतर्गत 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को 4 वर्षों के लिये अग्निवीर के रूप में भर्ती किया जाता है, जिनमें से अधिकतम 25% को स्थायी कैडर में सम्मिलित किया जाता है।
    • अग्निवीरों को बुनियादी और विशेष सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ कौशल उन्नयन पाठ्यक्रम भी प्रदान किया जाता है।
    • सेवा-समाप्ति पर उन्हें कर-मुक्त सेवा निधि पैकेज मिलता है, जो भविष्य के करियर हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है।
    • प्रत्येक अग्निवीर को सेवा अवधि के दौरान 48 लाख रुपये की जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है।

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