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स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Jan 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रदेश में 572 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

चर्चा में क्यों

6 जनवरी, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश के कौशांबी, अयोध्या और बस्ती में 12981 करोड़ रुपए की लागत वाली 572 किमी. लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु 

  • राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कौशांबी में 2659 करोड़ रुपए की लागत वाली 6 एनएच परियोजनाओं और बस्ती में 1,624 करोड़ रुपए की लागत वाली 3 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। 
  • उन्होंने अयोध्या में 8,698 करोड़ रुपए की लागत वाली 6 एनएच परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
  • अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग बन जाने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या रिंग रोड बनने से ट्रैफिक जाम की समस्या दूर हो जाएगी।
  • एनएच-233 के निर्माण से लुम्बिनी स्थित भगवान बुद्ध की जन्मस्थली वाराणसी और सारनाथ से जुड़ जाएगी
  • इससे एक दिन पहले 5 जनवरी को नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश में 26778 करोड़ रुपए की लागत वाली 821 किमी. के राष्ट्रीय राजमार्गों का उद्घाटन और शिलान्यास किया था।
  • उन्होंने कानपुर में 14199 करोड़ रुपए की 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, लखनऊ में 7409 करोड़ रुपए की 16 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम में 5169 करोड़ रुपए की 4 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया था।
  • इन परियोजनाओं से प्रयागराज, चित्रकूट और श्रृंगवेरपुर धाम जैसे महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थलों को श्री राम वन गमन मार्ग की निर्माण योजना से जोड़ा जाएगा।
  • इन परियोजनाओं से कानपुर और आस-पास के क्षेत्रों में चमड़ा, काँच तथा चूड़ी उद्योग के विकास में भी सहायता प्राप्त होगी, साथ ही प्रदेश में निवेश बढ़ाने और औद्योगिक विकास में मदद मिलेगी।

राजस्थान Switch to English

जल जीवन मिशन के तहत राज्य के लिये 6872.28 करोड़ रुपए की पेयजल आपूर्ति योजनाओं को मंजूरी मिली

चर्चा में क्यों 

5 जनवरी, 2022 को राज्य-स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान के लिये 6,872.28 करोड़ रुपए लागत की पेयजल आपूर्ति योजनाओं को मंजूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु 

  • इन योजनाओं से 27 जिलों में स्थित 3,213 गाँवों में 6.56 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इन योजनाओं में से 5 बहु ग्राम प्रमुख परियोजनाएँ और शेष एकल ग्राम योजनाएँ हैं।
  • हर ग्रामीण परिवार को पीने का स्वच्छ पानी सुनिश्चित करने और महिलाओं और लड़कियों को दूर से पीने का पानी लाने के कष्ट से मुक्ति दिलाने के विजन को मूर्त रूप देने के लिये जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2021-22 में राजस्थान को 2,345.08 करोड़ रुपए की केंद्रीय अनुदान सहायता जारी की गई थी।
  • इस वर्ष केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जल जीवन मिशन को लागू करने के लिये राज्य को 10,180.50 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं। यह राशि पिछले साल के आवंटन से चार गुणा अधिक है। 
  • 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय राज्य में केवल 11.74 लाख (11.57 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल से पानी की आपूर्ति हो रही थी। वर्तमान में राज्य के 1.01 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 22.23 लाख (21.92 प्रतिशत) परिवारों को नल से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • राजस्थान में 58,363 स्कूलों (67 प्रतिशत) और 28,959 आंगनबाड़ी केंद्रों (54 प्रतिशत) को उनके परिसरों में नल से पानी की आपूर्ति उपलब्ध कराई गई है।
  • एसएलएसएससी की 31वीं बैठक में 2,885 स्कूलों और 418 आंगनबाड़ी केंद्रों को नल से जल उपलब्ध कराने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। 
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में इस मिशन की शुरुआत में देश के कुल 19.2 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) को ही नल से जल की आपूर्ति हो रही थी। वर्तमान में पूरे देश में 8.77 करोड़ (45.57 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों में नल से जल की आपूर्ति हो रही है।
  • गोवा, तेलंगाना, हरियाणा राज्यों एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुदुच्चेरी, दादर नगर हवेली तथा दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेशों के शत-प्रतिशत घरों में नल से जल के कनेक्शन सुनिश्चित किये गए हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

सनावद में एग्रो बेस्ड फूड क्लस्टर का हुआ भूमि-पूजन

चर्चा में क्यों 

6 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल और एमएसएमई मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा ने खरगोन जिले के सनावद में 9 करोड़ 68 लाख 83 हजार रुपए की लागत से बनने वाले एग्रो बेस्ड फूड क्लस्टर का भूमि-पूजन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस क्लस्टर के निर्माण में भारत सरकार के द्वारा 5 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की जा रही है, जबकि प्रदेश सरकार के द्वारा चार करोड़ 68 लाख रुपए प्रदान किये जा रहे हैं। 
  • भारत सरकार द्वारा देश में निर्मित किये जा रहे 13 नए क्लस्टरों में से सनावद का क्लस्टर भी शामिल है। इसके निर्मित हो जाने से क्षेत्र में कई उद्योगों के स्थापित होने की संभावनाएँ हैं। इससे क्षेत्र के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार प्राप्त होगा।
  • कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि खरगोन जिले के काटकूट क्षेत्र के 80 गाँवों के किसानों को लाभांवित करने के लिये शीघ्र ही 2 हजार 863 करोड़ रुपए की सिंचाई उद्वहन योजना का भूमि-पूजन किया जाएगा।
  • एमएसएमई मंत्री सकलेचा ने कहा कि खरगोन क्षेत्र में कपास का अत्यधिक मात्रा में उत्पादन होता है। यहाँ पर टेक्सटाइल पार्क विकसित किया जाएगा। इसके विकसित होने से क्षेत्र के हजारों युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। कपास के उत्पादन के बाद टेक्सटाइल मिलों में कपड़े का उत्पादन होगा।
  • राज्य सरकार द्वारा उद्योग लगाने के लिये करोड़ों रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध कराई जा रही है। एक करोड़ रुपए तक के उद्योग लगाने पर 40% और दस करोड़ रुपए के उद्योग के लिये 50% अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

हरियाणा Switch to English

राज्य में ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिये पाँच ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ खोले जाएंगे

चर्चा में क्यों 

6 जनवरी, 2022 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य में में ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिये पाँच ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ खोले जाएंगे। इनके अलावा, 20 आईटीआई या बहुतकनीकी संस्थानों में भी रिसर्च सेंटर आरंभ किये जाएंगे।

प्रमुख बिंदु

  • डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रत्येक ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ को 5 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसी प्रकार 20 आईटीआई या बहुतकनीकी संस्थानों को 25-25 लाख रुपए की वित्तीय मदद की जाएगी। 
  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोपहिया, तिपहिया तथा चारपहिया ई-व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने पर बल दे रही है। राज्य के सरकारी कर्मचारियों को ‘ई-व्हीकल’ खरीदने पर विशेष रियायत दी जाएगी।
  • राज्य सरकार द्वारा ई-व्हीकल निर्माता कंपनियों, प्रयोग करने वाले वाहन चालकों तथा चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने वाले लोगों को फोकस करके ‘हरियाणा इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी’ बनाई जा रही है जिसमें उनको विशेष छूट दी जाएंगी। 
  • प्रदेश सरकार की योजना है कि वर्ष 2022 में राज्य में ई-व्हीकलों की भारी तादाद हो। प्रदेश सरकार का यह भी प्रयास है कि ई-व्हीकल के लिये बनाई जा रही प्रदेश की ‘हरियाणा इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी’ पूरे देश में सर्वोत्कृष्ट हो।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्य के 2201 गौठान हुए स्वावलंबी

चर्चा में क्यों 

6 जनवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से महत्त्वपूर्ण ‘सुराजी गाँव योजना’ के ‘गरूवा’ घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 7889 गौठानों में से 2201 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • स्वावलंबी गौठान गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिये स्वयं के पास उपलब्ध राशि का उपयोग करने लगे हैं। 
  • रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 249 गौठान स्वावलंबी हुए हैं। दूसरे नंबर पर महासमुंद एवं कोरबा जिले हैं जिनके 170-170 गौठान तथा तीसरे क्रम पर कबीरधाम जिले में 141 गौठान स्वावलंबी हुए हैं।
  • जांजगीर-चांपा में 105, कांकेर में 104, राजनांदगाँव जिले में 101, दुर्ग में 86, बलौबाजार में 84, धमतरी में 80, बिलासपुर में 76, रायपुर में 75, कोरिया में 73, जशपुर में 70, बालोद में 67, बेमेतरा में 66, सरगुजा में 65, मुंगेली में 62, सूरजपुर में 56, बलरामपुर में 55, सुकमा जिले में 52, कोंडागाँव में 46, दंतेवाड़ा व बस्तर में 35-35, गरियाबंद व गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 25-25, बीजापुर में 22 तथा नारायणपुर में 6 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं।
  • गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा अब तक 10591 गाँवों में गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। इसमें से 7889 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहाँ पर गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं। 
  • गौठानों में पशुधन के देखरेख, चारे-पानी एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर पशुधन के चारे के लिए किसानों द्वारा पैरा दान किया जा रहा है। 
  • अब तक 7 लाख 32 हजार 886 क्विंटल से अधिक पैरा गौठानों में दान के माध्यम से संग्रहीत किया गया है। इसके अलावा गौठानों में पशुओं के लिये हरे चारे के इंतजाम के लिये हाईब्रिड नेपियर ग्रास का रोपण एवं अन्य चारे की बुआई भी की गई है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में प्रदेश चौथे क्रम पर

चर्चा में क्यों 

हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) संगठन द्वारा जारी किये गए बेरोजगारी के आँकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2.1 प्रतिशत के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में चौथे क्रम पर है।

प्रमुख बिंदु 

  • दिसंबर 2021 की स्थिति के अध्ययन के बाद सीएमआईई द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक में 1.4 प्रतिशत और सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 34.1 प्रतिशत बताई गई है। 
  • आँकड़ों के मुताबिक गुजरात 1.6 प्रतिशत के साथ कम बेरोजगारी वाला दूसरा राज्य है, जबकि पड़ोसी ओडिशा 1.6 प्रतिशत के साथ तीसरे क्रम पर एवं मध्य प्रदेश 3.4 प्रतिशत के साथ 07 वें क्रम पर है। 
  • उत्तर प्रदेश में 4.9 प्रतिशत की बेराजगारी दर है। असम 5.8 प्रतिशत के साथ 12वें क्रम पर है। राजस्थान में 27.1 प्रतिशत, झारखंड में 17.3 और बिहार में 16 प्रतिशत बेरोजगारी की दर है।
  • रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जनवरी 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी, जिसमें शहरी बेरोजगारी 8.9 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 5.81 प्रतिशत थी, वहीं दिसंबर 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी की दर 7.7 प्रतिशत रही जिसमें शहरी बेरोजगारी 9.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत रही।
  • छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था, जिसके तहत गाँवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। 
  • इसी मॉडल के अंतर्गत गाँवों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिये सुराजी गाँव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। 
  • कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही। 
  • गौरतलब है कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन 45 वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा, कृषि, उद्योग आदि क्षेत्रों में सतत् अध्ययन करके डेटाबेस का निर्माण करता आया है और इसके द्वारा जारी आँकड़ों को प्रामाणिक माना जाता है।

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