उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश युक्तधारा पोर्टल के साथ एकीकृत
चर्चा में क्यों?
1 अप्रैल 2026 से उत्तर प्रदेश GIS-आधारित भू-स्थानिक योजना प्रणाली युक्तधारा पोर्टल के साथ एकीकृत हो जाएगा, ताकि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MNREGS) के अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों की वास्तविक समय में निगरानी और योजना बनाई जा सके।
मुख्य बिंदु
- युक्तधारा पोर्टल के बारे में:
- भू-स्थानिक नियोजन तंत्र: पूरे भारत में मनरेगा गतिविधियों की ग्राम पंचायत स्तर पर नियोजन की सुविधा प्रदान करता है।
- GIS एकीकरण: समग्र ग्रामीण नियोजन को सुगम बनाने करने के लिये ओपन-सोर्स भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) उपकरणों का उपयोग करता है।
- व्यापक अभिलेख: प्रत्येक कार्य की कार्य योजना, स्थान, लागत और प्रगति को दर्ज किया जाता है और उसका मानचित्रण किया जाता है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: यह भुगतान प्रक्रियाओं में विसंगतियों को रोकने और अनियमितताओं को न्यूनतम करने के लिये विकसित किया गया है।
- ग्रामीणों को लाभ
- समय पर रोज़गार और विकास कार्यों के रूप में प्रत्यक्ष लाभ।
- सभी ग्राम-स्तरीय कार्यों पर पारदर्शी एवं सुलभ जानकारी।
- बढ़ी हुई पारदर्शिता के कारण भ्रष्टाचार या अनियमितताओं की संभावना न्यूनतम।
- क्षमता निर्माण पहल:
- राज्य सरकार ने ज़िला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर बैचवार प्रशिक्षण सत्र शुरू किये हैं।
- प्रशिक्षण से यह सुनिश्चित होता है कि अधिकारी और स्थानीय योजनाकार पोर्टल का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में सक्षम हों।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना
- मनरेगा के बारे में:
- यह एक केंद्र प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार की गारंटी प्रदान करना है।
- इसे वर्ष 2005 में अधिनियमित किया गया तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय को नोडल मंत्रालय नियुक्त किया गया।
- विस्तार:
- यह योजना पूरे देश में लागू है, केवल 100% शहरी आबादी वाले ज़िले को छोड़कर।
- वित्तीय साझेदारी:
- केंद्र सरकार अकुशल श्रम लागत का 100% तथा सामग्री लागत का 75% वहन करती है, जबकि राज्य सरकारें सामग्री लागत का 25% योगदान करती हैं।
- इस प्रकार, इसके क्रियान्वयन में सहकारी संघवाद की भावना सुनिश्चित होती है।