राजस्थान Switch to English
राजस्थान वरिष्ठ नागरिक अनुकूल राज्य बनेगा
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस (1 अक्तूबर) पर अपने संबोधन में राजस्थान को “वरिष्ठ नागरिक-अनुकूल राज्य” बनाने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्य बिंदु
राजस्थान सरकार की पहल:
- योगदान का सम्मान:
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित हैं। 1 अक्तूबर को वरिष्ठ नागरिक के कल्याण में योगदान देने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को ज़िला स्तर पर सम्मानित किया गया।
- राजस्थान में वर्तमान में 63 वृद्धाश्रम संचालित हैं, जो निराश्रित नागरिकों को भोजन, स्वास्थ्य सेवा और आश्रय प्रदान करते हैं।
- श्रवण कुमार कल्याण आश्रम जैसी सुविधाएँ वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा सहायता, वयस्क शिक्षा, धार्मिक गतिविधियाँ और मनोरंजन उपलब्ध कराती हैं।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित हैं। 1 अक्तूबर को वरिष्ठ नागरिक के कल्याण में योगदान देने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को ज़िला स्तर पर सम्मानित किया गया।
- समावेशी कल्याण परियोजनाएँ:
- सभी नई कल्याण और अवसंरचना (infrastructure) परियोजनाओं में वरिष्ठ नागरिकों के लिये विशेष प्रावधान शामिल किये जाएंगे।
- आवास योजनाएँ:
- नई आवासीय परियोजनाओं में रैंप, सहायक सीढ़ियाँ, पार्क और चिकित्सा सुविधाएँ शामिल होंगी ताकि वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम, 2007:
- इस अधिनियम (Act) को सख्ती से लागू किया जा रहा है और वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिये उपखंड तथा ज़िला स्तर पर न्यायाधिकरण (tribunals) स्थापित किये गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस (International Day of Older Persons):
- यह दिवस वरिष्ठ नागरिकों द्वारा किये गए योगदान को मान्यता देने और समावेशी तथा वरिष्ठ नागरिक-अनुकूल समाज की आवश्यकता को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है।
- इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्तूबर, 1990 को नामित किया था। यह वृद्धावस्था पर वियना अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजना (1982) और वृद्ध व्यक्तियों के लिये संयुक्त राष्ट्र सिद्धांतों पर आधारित है।
- विषय:
- वर्ष 2025 का विषय, "स्थानीय और वैश्विक कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ नागरिक: हमारी आकांक्षाएँ, हमारा कल्याण तथा हमारे अधिकार" है।
- यह विषय लचीले (resilient) और समानतापूर्ण (equitable) समाज के निर्माण में वरिष्ठ नागरिकों की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डालता है।
- प्रतिबद्धताएँ एवं वैश्विक ढाँचा:
- यह पहल संयुक्त राष्ट्र का स्वस्थ आयु दशक (2021-2030) अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण पर सतत् विकास लक्ष्य 3 के अनुरूप है।
- भारत ने राष्ट्रीय वृद्धजन नीति (National Policy on Older Persons — NPOP), 1999 तैयार की।
- भारत मैड्रिड अंतर्राष्ट्रीय वृद्धावस्था कार्य योजना ( 2002) का हस्ताक्षरकर्त्ता है।
- दिसंबर 2023 तक भारत में 15.3 करोड़ वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष और उससे ऊपर) थे।
- अनुमान है कि वर्ष 2050 तक यह संख्या बढ़कर 34.7 करोड़ हो जाएगी, जो कुल जनसंख्या का लगभग 20.8% होगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में भावांतर योजना पुनः प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश सरकार ने बाज़ार में नुकसान और फसल क्षति का सामना कर रहे सोयाबीन किसानों को उचित मूल्य तथा किसान कल्याण सुनिश्चित करने के लिये मूल्य मुआवजा प्रदान करने के लिये भावांतर योजना (मूल्य न्यूनता भुगतान योजना) को पुनः प्रारंभ किया है।
मुख्य बिंदु
- योजना के बारे में:
- इस योजना का उद्देश्य बाज़ार मूल्यों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बीच के अंतर को पाटना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को वित्तीय क्षति का सामना न करना पड़े।
- किसानों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता के साथ, राज्य सरकार बाज़ार में उतार-चढ़ाव या पीले मोज़ेक रोग जैसी फसल बीमारियों के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई करने की योजना बना रही है।
- पात्रता और पंजीकरण:
- किसानों को MSP से कम किसी भी बिक्री मूल्य के लिये मुआवजा प्राप्त करने हेतु भावांतर योजना के तहत अपनी फसलों को पंजीकृत करना होगा, राज्य सरकार सीधे उनके खाते में मूल्य अंतर का भुगतान करेगी।
- सोयाबीन का MSP 5,328 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन कई किसान वर्तमान में इससे कम मूल्य पर इसे बेच रहे हैं।
- महत्त्व:
- मध्य प्रदेश, जो भारत के कुल सोयाबीन उत्पादन का लगभग 50% उत्पादन करता है, देश का अग्रणी सोयाबीन उत्पादक राज्य है, जिससे इसे भारत का सोयाबीन कटोरा कहा जाता है।
- चुनौतियाँ:
- महत्त्वपूर्ण योगदान के बावजूद, किसानों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे खराब बाज़ार लाभ, प्राकृतिक आपदाएँ और रोग उनकी आजीविका को प्रभावित करती हैं।
- भावांतर योजना के पहले कार्यान्वयन (2017) में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें भुगतान में देरी और फसलों की अधिक आपूर्ति शामिल थी, जिसके कारण कीमतों में भारी गिरावट आई तथा अंततः किसानों को नुकसान हुआ।
सोयाबीन की फसल
- सोयाबीन भारत में खरीफ की फसल है।
- सोयाबीन (Glycine max) विश्व की सबसे महत्त्वपूर्ण बीज फली है, जो वैश्विक खाद्य तेल में 25% का योगदान देती है, पशुओं के आहार के लिये विश्व के प्रोटीन सांद्रण का लगभग दो-तिहाई है तथा मुर्गी और मछली के लिये तैयार आहार में एक मूल्यवान घटक है।
- यह मुख्य रूप से वर्टिसोल और संबद्ध मिट्टी में वर्षा आधारित फसल के रूप में उगाया जाता है, जहाँ फसल के मौसम में औसत वर्षा 900 मिमी होती है।
- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक भारत में प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
उत्तर प्रदेश Switch to English
PMUY लाभार्थियों को मुफ्त LPG रिफिल मिलेगा
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत होली और दिवाली के दौरान 1.86 करोड़ लाभार्थी परिवारों को दो मुफ्त एलपीजी सिलेंडर वितरित करने की स्वीकृति दी है।
- यह पहल महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तीकरण के प्रति सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर करती है, जिसमें मुफ्त रिफिल प्रदान करने की अनुमानित लागत 1,385.34 करोड़ रुपये है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) ने 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' (PMUY) को एक प्रमुख योजना के रूप में शुरू किया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण एवं वंचित परिवारों को एलपीजी जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन उपलब्ध कराना है, जो अन्यथा लकड़ी, कोयला, गोबर के उपले आदि जैसे पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन का उपयोग कर रहे थे।
- उद्देश्य:
- महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा करना।
- अशुद्ध खाना पकाने वाले ईंधन के कारण भारत में होने वाली मृत्यु दर को कम करना।
- छोटे बच्चों को गंभीर श्वसन रोगों से बचाना, जो घरेलू हवा के प्रदूषण के कारण होते हैं।
- विशेषताएँ:
- इस योजना के तहत BPL परिवारों को प्रत्येक एलपीजी कनेक्शन के लिये 1,600 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन के साथ, उज्ज्वला 2.0 लाभार्थियों को पहला रिफिल और एक हॉटप्लेट निशुल्क प्रदान करेगी।
- लाभ:
- पात्र लाभार्थियों को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन मिलेगा।
- लाभार्थियों को 14.2 किलोग्राम के सिलेंडरों के पहले छह रिफिल या 5 किलोग्राम के सिलेंडरों के आठ रिफिल पर भी सब्सिडी मिलती है।
- लाभार्थी चूल्हे की लागत और पहली रिफिल के भुगतान के लिये EMI सुविधा का विकल्प चुन सकते हैं।
- लाभार्थी सीधे अपने बैंक खातों में सब्सिडी राशि प्राप्त करने के लिये पहल योजना में भी शामिल हो सकते हैं।
- PMUY के चरण:
- उज्ज्वला 1.0: 1 मई 2016 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य मार्च 2020 तक वंचित परिवारों को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना था।
- उज्ज्वला 2.0: शेष गरीब परिवारों को कवर करने के लिये, सरकार ने अगस्त 2021 में उज्ज्वला 2.0 लॉन्च की।
- उज्ज्वला 2.0 के तहत प्रवासी परिवारों के लिये एक विशेष प्रावधान किया गया था, जिससे उन्हें पते के प्रमाण और राशन कार्ड की आवश्यकता के बजाए स्व-घोषणा के माध्यम से एक नया एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने की अनुमति मिली।
- उपभोग प्रवृत्ति:
- वैश्विक स्तर पर, PMUY इस प्रकार की सबसे बड़ी योजना है, जो 10.33 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को घरेलू एलपीजी प्रदान करती है और इसका प्रभावी मूल्य लगभग 35 रुपये/किलोग्राम है।
- शीर्ष राज्य:
- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान वे प्रमुख राज्य हैं, जो PMUY के कार्यान्वयन में अग्रणी हैं।
बिहार Switch to English
बिहार में 3.7 लाख अयोग्य मतदाता
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2025 को प्रकाशित अंतिम बिहार मतदाता सूची में 7.42 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जो 24 जून, 2025 को दर्ज 7.89 करोड़ की तुलना में लगभग 6% कम है। यह अंतर उस अवधि के पश्चात् सामने आया है, जब भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में तीन माह के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा की थी।
मुख्य बिंदु
- विलोपन और परिवर्द्धन:
- मसौदा सूची से 65 लाख नाम हटा दिये गए, जिनमें प्रमुख श्रेणियाँ मृत्यु, प्रवासन और डुप्लीकेशन थीं। दावों तथा आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम चरण में 3.66 लाख अतिरिक्त नाम हटा दिये गए।
- हटाए गए गैर-नागरिकों या विदेशियों की संख्या नगण्य थी।
- अंतिम सूची में 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए। 1 अगस्त, 2025 को जारी मसौदा सूची (7.2 करोड़) की तुलना में मतदाताओं की संख्या में 17.9 लाख की वृद्धि हुई।
- लिंग प्रतिनिधित्व:
- महिला मतदाताओं का प्रतिशत जनवरी में 47.75% था, जो SIR के पूरा होने के बाद थोड़ा घटकर 47.15% हो गया।
- वैधानिक पहलू:
- सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय: न्यायालय ने निर्णय दिया कि आधार को पहचान के 12वें दस्तावेज़ के रूप में शामिल किया जाएगा, जिससे बहिष्करण की संभावना बढ़ सकती है।
- अपील प्रक्रिया: नाम हटाए जाने से असंतुष्ट मतदाता ज़िला मजिस्ट्रेट और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं।
मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)
- मतदाता सूची:
- मतदाता सूची (जिसे वोटर लिस्ट या इलेक्टोरल रजिस्टर भी कहा जाता है) किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र में सभी योग्य और पंजीकृत मतदाताओं की आधिकारिक सूची है।
- इसका उपयोग मतदाताओं की पहचान सत्यापित करने तथा चुनावों के दौरान निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिये किया जाता है।
- मतदाता सूचियाँ भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत तैयार की जाती हैं। इसमें गैर-नागरिक शामिल नहीं होते (धारा 16) तथा 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिक जो सामान्यतः निर्वाचन क्षेत्र में निवास करते हैं, उन्हें शामिल किया जाता है (धारा 19)।
- विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR):
- SIR एक केंद्रित, समयबद्ध, घर-घर मतदाता सत्यापन प्रक्रिया है, जो प्रमुख चुनावों से पहले मतदाता सूचियों को अद्यतन और सही करने के लिये बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLOs) द्वारा संचालित की जाती है।
- यह नए पंजीकरण , विलोपन और संशोधन की अनुमति देकर यह सुनिश्चित करता है कि मतदाता सूची सटीक, समावेशी तथा विसंगतियों से मुक्त हो।
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 भारत निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची तैयार करने और संशोधित करने का अधिकार देती है, जिसमें दर्ज कारणों के साथ किसी भी समय विशेष संशोधन करना भी शामिल है।
- SIR का संवैधानिक आधार:
- अनुच्छेद 324 भारत के निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची तैयार करने और चुनाव कराने का पर्यवेक्षण तथा नियंत्रण करने की शक्ति प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 326 सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार की गारंटी देता है, जिसके तहत 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों को मतदान का अधिकार है, जब तक कि उन्हें आपराधिक दोषसिद्धि, विकृत मस्तिष्क या भ्रष्टाचार के कारण कानून द्वारा अयोग्य घोषित न कर दिया जाए।
- अनुच्छेद 327 विधानमंडलों के चुनावों के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति से संबंधित है ।
- अनुच्छेद 328 राज्य की विधानमंडल को उसके अपने चुनावों के संबंध में प्रावधान करने का अधिकार देता है।
- न्यायिक स्थिति:
- मोहिंदर सिंह गिल बनाम मुख्य चुनाव आयुक्त मामले, 1977 में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिये अनुच्छेद 324 के तहत ECI की व्यापक शक्तियों को बरकरार रखा, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर पुनर्मतदान का आदेश देना भी शामिल है, और इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 329(b) के अनुसार चुनावों के दौरान न्यायिक समीक्षा प्रतिबंधित है।
- इसमें स्पष्ट किया गया कि यदि अनुच्छेद 327 और 328 के तहत कानून किसी भी पहलू पर मौन हैं तो भारत निर्वाचन आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकता है ।
- साथ ही यह भी उल्लेख किया गया कि यद्यपि प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत महत्त्वपूर्ण है, फिर भी असाधारण परिस्थितियों में ECI त्वरित और व्यावहारिक निर्णय ले सकता है।
- मोहिंदर सिंह गिल बनाम मुख्य चुनाव आयुक्त मामले, 1977 में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिये अनुच्छेद 324 के तहत ECI की व्यापक शक्तियों को बरकरार रखा, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर पुनर्मतदान का आदेश देना भी शामिल है, और इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 329(b) के अनुसार चुनावों के दौरान न्यायिक समीक्षा प्रतिबंधित है।
- पूर्ववर्ती मतदाता सूची पुनरीक्षण: देश के विभिन्न भागों में वर्ष 1952–56, 1957, 1961, 1965, 1966, 1983–84, 1987–89, 1992, 1993, 1995, 2002, 2003 और 2004 में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) आयोजित किये गए थे। बिहार में अंतिम SIR वर्ष 2003 में आयोजित किया गया था।
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धोखाधड़ी के मामलों में जयपुर अग्रणी
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या, चोरी, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित प्रमुख अपराधों के मामलों में जयपुर देश में तीसरे स्थान पर है।
- हालाँकि, शहर की पुलिस के लिये सबसे बड़ी चिंता धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि है, जिसमें जयपुर देशभर में पहले स्थान पर है।
मुख्य बिंदु
जयपुर में अपराध की स्थिति (NCRB 2023)
- धोखाधड़ी:
- NCRB के अनुसार, वर्ष 2023 में जयपुर में धोखाधड़ी के 3,331 मामले दर्ज किये गए, जो देश में सबसे अधिक हैं। इसके बाद बंगलूरू में 3,109, नई दिल्ली में 2,766 और मुंबई में 2,445 मामले दर्ज हुए।
- इनमें से बड़ी संख्या वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित है, जैसे कि नकली डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग।
- पुलिस का मानना है कि यह गंभीर चुनौती है क्योंकि इसमें बैंक और वित्तीय सेवा कंपनियों जैसे कई पक्षकार शामिल होते हैं।
- NCRB के अनुसार, वर्ष 2023 में जयपुर में धोखाधड़ी के 3,331 मामले दर्ज किये गए, जो देश में सबसे अधिक हैं। इसके बाद बंगलूरू में 3,109, नई दिल्ली में 2,766 और मुंबई में 2,445 मामले दर्ज हुए।
- चोरी:
- चोरी के मामले में जयपुर तीसरे स्थान पर है, जिसमें 10,003 मामले दर्ज हुए। इसके बाद बंगलूरू 10,438 मामलों के साथ और नई दिल्ली 2,28,173 मामलों के साथ पहले तथा दूसरे स्थान पर हैं।
- अपहरण:
- अपहरण के मामलों में भी समान प्रवृत्ति देखी गई, जहाँ जयपुर में 939 मामले दर्ज हुए, जो बंगलूरू (1,203 मामले) और नई दिल्ली (5,867 मामले) के बाद तीसरे स्थान पर है।
- हत्या:
- हत्याओं के मामले में जयपुर 131 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि बंगलूरू में 215 और नई दिल्ली में वर्ष 2023 में 521 मामले दर्ज किये गए।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध:
- महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी जयपुर प्रमुखता से शामिल है, विशेषकर महिलाओं की गरिमा भंग करने से संबंधित मामलों में। वर्ष 2023 में जयपुर में 408 मामले दर्ज हुए, जबकि बंगलूरू में 736, मुंबई में 781 और नई दिल्ली में 800 मामले दर्ज हुए।
राजस्थान में कानून और व्यवस्था संबंधी पहल:
- 'राजस्थान नागरिक सुरक्षा अधिनियम' के अंतर्गत निगरानी एवं सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना
- सरदार पटेल साइबर कंट्रोल सेंटर और वार रूम की स्थापना पर 350 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- विचाराधीन कैदियों की पेशी के लिये 400 वीडियो कॉन्फ्रेंस (VC) नोड्स की स्थापना।
- सात केंद्रीय जेलों में अवैध मोबाइल सिग्नल को ब्लॉक करने के लिये T-HCBS सिस्टम की स्थापना।
- आठ नए साइबर पुलिस स्टेशनों की स्थापना का प्रावधान।
उत्तर प्रदेश Switch to English
ज़िला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट नियमों का प्रख्यापन
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने खनन मंत्रालय द्वारा जनवरी 2024 में जारी प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुरूप उत्तर प्रदेश ज़िला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (तृतीय संशोधन) नियम, 2025 के प्रख्यापन को स्वीकृति दी।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य: संशोधन का उद्देश्य सामुदायिक विकास और कल्याणकारी गतिविधियों के लिये ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) निधियों का उपयोग करके खनन कार्यों से सीधे प्रभावित क्षेत्रों के व्यक्तियों को लाभान्वित करना है।
- निधि आवंटन: DMF निधि का 70% विशेष रूप से खनन प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और कौशल विकास के लिये आवंटित किया जाएगा।
- शेष 30% धनराशि का उपयोग भौतिक अवसंरचना, सिंचाई, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों आदि के लिये किया जा सकता है।
- वित्तीय प्रभाव: संशोधित नियमों के लागू होने से राज्य सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
- निगरानी प्रणाली: PMKKKY के अंतर्गत कार्यों के कार्यान्वयन की निगरानी करने तथा DMF निधियों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय निगरानी समिति गठित की जाएगी।
ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF)
- खान एवं खनिज विकास विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2015 के अनुसार,खनन संबंधी कार्यों से प्रभावित प्रत्येक ज़िले में राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा एक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में एक ट्रस्ट की स्थापना करेगी जिसे ज़िला खनिज फाउंडेशन कहा जाएगा।
- DMF निधि: प्रत्येक खनन पट्टाधारक, केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार, DMF को रॉयल्टी का एक हिस्सा, जो कुल रॉयल्टी के एक तिहाई से अधिक नहीं होगा, का भुगतान करेगा।
- कार्यप्रणाली: DMF ट्रस्टों की कार्यप्रणाली और निधियों का उपयोग, संबंधित राज्यों के DMF नियमों द्वारा शासित होता है तथा इसमें केंद्रीय दिशानिर्देश, PMKKKY के अधिदेश शामिल होते हैं।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY)
- नोडल मंत्रालय: वर्ष 2025 में शुरू की गई PMKKKY खनन मंत्रालय द्वारा ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) के तहत अर्जित धन का उपयोग करके लोगों और प्रभावित क्षेत्रों के कल्याण के लिये एक योजना है।
- उद्देश्य: सरकारी योजनाओं के पूरक के रूप में खनन क्षेत्रों में कल्याणकारी परियोजनाओं को लागू करना, प्रतिकूल प्रभावों को कम करना तथा स्थायी आजीविका सुनिश्चित करना।
- PMKKKY 2024 दिशानिर्देश: PMKKKY 2024 में यह अनिवार्य किया गया है कि DMF निधि का कम-से-कम 70% उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर खर्च किया जाना चाहिये,जो खनन प्रभावित समुदायों के कल्याण को सीधे प्रभावित करते हैं।
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