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राजस्थान

धोखाधड़ी के मामलों में जयपुर अग्रणी

  • 01 Oct 2025
  • 17 min read

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या, चोरी, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित प्रमुख अपराधों के मामलों में जयपुर देश में तीसरे स्थान पर है।

  • हालाँकि, शहर की पुलिस के लिये सबसे बड़ी चिंता धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि है, जिसमें जयपुर देशभर में पहले स्थान पर है।

मुख्य बिंदु

जयपुर में अपराध की स्थिति (NCRB 2023)

  • धोखाधड़ी:
    • NCRB के अनुसार, वर्ष 2023 में जयपुर में धोखाधड़ी के 3,331 मामले दर्ज किये गए, जो देश में सबसे अधिक हैं। इसके बाद बंगलूरू में 3,109, नई दिल्ली में 2,766 और मुंबई में 2,445 मामले दर्ज हुए।
      • इनमें से बड़ी संख्या वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित है, जैसे कि नकली डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग। 
      • पुलिस का मानना है कि यह गंभीर चुनौती है क्योंकि इसमें बैंक और वित्तीय सेवा कंपनियों जैसे कई पक्षकार शामिल होते हैं।
  • चोरी:
    • चोरी के मामले में जयपुर तीसरे स्थान पर है, जिसमें 10,003 मामले दर्ज हुए। इसके बाद बंगलूरू 10,438 मामलों के साथ और नई दिल्ली 2,28,173 मामलों के साथ पहले तथा दूसरे स्थान पर हैं।
  • अपहरण: 
    • अपहरण के मामलों में भी समान प्रवृत्ति देखी गई, जहाँ जयपुर में 939 मामले दर्ज हुए, जो बंगलूरू (1,203 मामले) और नई दिल्ली (5,867 मामले) के बाद तीसरे स्थान पर है।
  • हत्या: 
    • हत्याओं के मामले में जयपुर 131 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि बंगलूरू में 215 और नई दिल्ली में वर्ष 2023 में 521 मामले दर्ज किये गए।
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध: 
    • महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी जयपुर प्रमुखता से शामिल है, विशेषकर महिलाओं की गरिमा भंग करने से संबंधित मामलों में। वर्ष 2023 में जयपुर में 408 मामले दर्ज हुए, जबकि बंगलूरू में 736, मुंबई में 781 और नई दिल्ली में 800 मामले दर्ज हुए।

राजस्थान में कानून और व्यवस्था संबंधी पहल:

  • 'राजस्थान नागरिक सुरक्षा अधिनियम' के अंतर्गत निगरानी एवं सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना
  • सरदार पटेल साइबर कंट्रोल सेंटर और वार रूम की स्थापना पर 350 करोड़ रुपये का प्रावधान।
  • विचाराधीन कैदियों की पेशी के लिये 400 वीडियो कॉन्फ्रेंस (VC) नोड्स की स्थापना।
  • सात  केंद्रीय जेलों में अवैध मोबाइल सिग्नल को ब्लॉक करने के लिये T-HCBS सिस्टम की स्थापना।
  • आठ नए साइबर पुलिस स्टेशनों की स्थापना का प्रावधान।

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