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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Dec 2025
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दूसरा अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण

चर्चा में क्यों?

भारत ने अपनी दूसरी अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण पहल के तहत मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिज़र्व से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में एक बाघिन का स्थानांतरण किया।

मुख्य बिंदु

  • अंतरराज्यीय पुनर्वास: तीन वर्षीय टीग्रेस PN‑224 बाघिन को मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिज़र्व से वायु मार्ग द्वारा राजस्थान भेजी गया।
  • महत्त्व: यह पहल आनुवंशिक विविधता को सुदृढ़ करने, बाघ संख्या की स्थिरता में सुधार करने और राजस्थान में बाघ आवास को सुदृश करने के वन्यजीव संरक्षण उपायों का हिस्सा है।
  • अंतरराज्यीय सहयोग: भारत में यह बाघों का दूसरा अंतरराज्यीय स्थानांतरण है, जो राज्य वन विभाग और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के बीच प्रभावी समन्वय को दर्शाता है।
  • पहला स्थानांतरण: भारत में पहला अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण वर्ष 2018 में किया गया था, जब दो बाघों (महावीर और सुंदरी) को मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिज़र्व से ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिज़र्व में स्थानांतरित किया गया।
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA): यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत वर्ष 2005 में स्थापित भारत का सर्वोच्च बाघ संरक्षण निकाय है।
  • रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व: यह राजस्थान के बूंदी ज़िले में स्थित है और वर्ष 2021 में बाघ रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया। यह रंथंभौर तथा मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व के मध्य स्थित है।

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