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उत्तर प्रदेश

शुभांशु शुक्ला को लखनऊ में सम्मानित किया गया

  • 26 Aug 2025
  • 19 min read

चर्चा में क्यों? 

अंतर्राष्टीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अपने गृह नगर लखनऊ लौटने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने लोकभवन में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभांशु शुक्ला और उनके परिवार को सम्मानित किया। 

मुख्य बिंदु 

  • छात्रवृत्ति: मुख्यमंत्री ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का अध्ययन करने वाले छात्रों के लिये शुभांशु के नाम पर छात्रवृत्ति की स्थापना की घोषणा की तथा इस बात पर प्रकाश डाला कि चार दशक बाद किसी भारतीय को अंतरिक्ष की यात्रा करने का अवसर मिला है।  
    • अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में राज्य की सक्रिय भागीदारी को भी रेखांकित किया गया जहाँ उत्तर प्रदेश में एक दर्जन से अधिक संस्थान अब इससे संबंधित पाठ्यक्रम चला रहे हैं। 
  • डाक टिकट: भारतीय डाक ने शुभांशु के अंतरिक्ष मिशन के सम्मान में एक डाक आवरण और टिकट भी जारी किया। 
  • मोबाइल इनोवेशन प्रोग्राम: सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS), लखनऊ ने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) के सहयोग से शुभांशु शुक्ला इनोवेशन एक्सप्रेस नामक एक मोबाइल इनोवेशन प्रोग्राम की शुरुआत की। 
  • आपदा प्रबंधन में भूमिका: मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन में सुधार लाने में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर भी ज़ोर दिया।

शुभांशु शुक्ला

  • भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला वर्ष 2025 में निजी मिशन पर अंतर्राष्टीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। 
    • इसका नेतृत्व NASA की अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन ने किया और शुभांशु शुक्ला ने मिशन पायलट के रूप में कार्य किया। 
    • वे भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम ‘गगनयान’ के लिये भी अंतरिक्ष यात्री-नामांकित (astronaut-designate) हैं।  
  • वे NASA और ISRO के बीच एक संयुक्त उद्यम एक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के हिस्से के रूप में फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान में सवार हुए। 
  • Ax-4 मिशन में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल थे तथा यह चार दशक बाद इस प्रकार का पहला बहु-देशीय सहयोग बना।  
    • अंतरिक्ष यात्री दल ने ISS पर 14 दिन व्यतीत किये और इस दौरान NASA तथा ISRO के साथ मिलकर वैज्ञानिक प्रयोगों, शैक्षिक गतिविधियों तथा वाणिज्यिक कार्यों का संचालन किया। 
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 1984 में राकेश शर्मा सोवियत संघ के सोयूज T-11 मिशन (इंटरकोस्मोस कार्यक्रम) के तहत अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे। 
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