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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    “शुद्ध कार्बन के रूप में ग्राफीन को आने वाले समय का करिश्माई पदार्थ माना जा रहा है, यह आज वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का पसंदीदा अतिसूक्ष्म (नैनो) पदार्थ बन चुका है।” इस कथन के आलोक में ग्राफीन के लाभों की चर्चा कीजिये।

    03 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा
    • प्रभावी भूमिका में ग्राफीन का परिचय दें।
    • तार्किक तथा संतुलित विषय-वस्तु में प्रश्नगत कथन को स्पष्ट करते हुए इसके लाभों की चर्चा करें।

    कार्बन के एक रूप ग्रेफाइट से बने ग्राफीन एक अणु की मोटाई वाली सामान्य कार्बन की एक पतली परत है।  यह सबसे पतला पदार्थ है, जो बंधित कार्बन परमाणुओं की एक परमाणु के बराबर पतली झिल्ली (शीट) होती है। इसमें कार्बन परमाणु हनीकांब क्रिस्टल लैटिस में अत्यन्त सघन रूप में पैक होते हैं। इसका नाम ‘ग्रेफाइट’ के ‘ग्रेफ’ में ‘ईन’ जोड़कर बना है।

    आज ग्राफीन वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का पसंदीदा अति सूक्ष्म (नैनो) मैटीरियल बन चुका है। स्वाभाविक सवाल है कि इस ग्राफीन में ऐसा क्या है जो इसका महत्त्व इतना बढ़ रहा है, इसके पीछे ग्राफीन के लाभ हैं जो कि निम्नलिखित हैं-

    • ग्राफीन का इस्तेमाल कंप्यूटर चिप्स के रूप में हो सकता है। मौजूदा चिप्स सिलिकॉन पर आधारित हैं, लेकिन अब हम सिलिकॉन चिप्स की क्षमता की चरम सीमा के नज़दीक पहुँच चुके हैं। कंप्यूटरों की क्षमता बढ़ाने के लिये सिलिकॉन चिप्स से आगे चलना होगा। ग्राफीन में इलेक्ट्रॉन, सिलिकॉन की तुलना में 100 से 1000 गुना ज़्यादा तेज़ रफ्तार से दौड़ते हैं। इसलिये ग्राफीन पर आधारित कंप्यूटरों को कम बिजली की ज़रूरत पड़ेगी। ग्राफीन में इलेक्ट्रॉन की ज़्यादा स्पीड की बदौलत इससे ऐसे छोटे कंप्यूटर बन सकते हैं जो कि वर्तमान समय के कंप्यूटरों से तेज़ चलेंगे।
    • ग्राफीन सामान्य तापमान पर दूसरे पदार्थों की तुलना में इलेक्ट्रॉन का संचार बेहतर ढंग से कर सकता है। वैज्ञानिकों को ग्राफीन का इस्तेमाल कर तेज़ रफ्तार वाले ट्रांज़िस्टर बनाने में कामयाबी मिल चुकी है। ऐसा एक ट्रांज़िस्टर वायरलेस कम्युनिकेशन में एक साथ तीन अलग-अलग ट्रांज़िस्टरों का काम कर सकता है। इससे स्मार्ट फोन जैसे उपकरणों की क्षमता बढ़ जाएगी। ग्राफीन की एक विशेषता यह है कि वह किसी केमिकल रिएक्शन को इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदल सकता है।
    • वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि ग्राफीन दुनिया का सबसे मज़बूत पदार्थ है। प्लास्टिक की पन्नी जितनी मोटी ग्राफीन की झिल्ली, कार जितना वज़न (करीब 1500 कि.ग्रा.) उठा सकती है। ग्राफीन की बेजोड़ मज़बूती का इस्तेमाल मिश्रित पदार्थ (कंपोज़िट) बनाने के लिये भी किया जा सकता है। ग्राफीन मिलाए जाने के बाद बने कंपोज़िट मैटीरियल का इस्तेमाल मज़बूत और हल्के उत्पाद तैयार करने में किया जा सकता है। इनमें विमान से लेकर टेनिस के रैकेट तक शामिल हैं।
    • आज बोइंग-787 का 50 फीसदी ढाँचा कार्बन फाइबर मिले कंपोज़िट से बनाया जाता है। इससे विमान ज़्यादा हल्का होने के साथ-साथ ईंधन को ज़्यादा किफायत के साथ इस्तेमाल करता है। अब ग्राफीन के इस्तेमाल से और भी ज़्यादा हल्के तथा मज़बूत कार्बन फाइबर वाले कंपोज़िट बनाए जा सकते हैं। इससे और हल्के व मज़बूत विमान बन सकेंगे जिनमें ईंधन कम जलेगा तो वायुमंडल में कार्बन का उत्सर्जन भी कम होगा।
    • ग्राफीन हीरे से भी ज़्यादा मज़बूत है, बिजली और ताप का तांबे से भी बेहतर संवाहक है और रबड़ से भी ज़्यादा लचीला है। इससे ऐसी स्क्रीन बनाई जा सकती है जिसे आप मोड़कर रख सकेंगे और साथ ही ऐसी बैटरी भी बनाई जा सकेगी जो आज की बैटरी के मुकाबले कहीं ज़्यादा टिकाऊ होगी। 
    • ग्राफीन की एक बड़ी खूबी है कि यह बिजली का अच्छा संवाहक है। यह मज़बूत, लचीली और लाइट-सेंसिटिव ग्राफीन सोलर सेलों व एलईडी (लाइट एमिटिंग डायोड) की क्षमता को सुधारने के साथ-साथ नई पीढ़ी के लचीले टच-स्क्रीन, फोटो डिटेक्टर और अल्ट्राफास्ट लेज़र के निर्माण में मदद कर सकता है। यह प्लेटिनम और इरेडियम जैसे महँगे एवं दुर्लभ मैटीरियल की जगह ले सकता है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्राफीन डेटा स्टोरेज केपैसिटी में सुधार ला सकता है।

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