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प्रश्न :
प्रश्न. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में शासन-संबंधी कमियों को दूर करने या डिजिटल असमानताओं को और बढ़ाने, दोनों की संभावना निहित होती है। IndiaAI Mission भारत के विभिन्न क्षेत्रों और सेक्टरों में AI के लाभों तक समान अभिगम्यता को किस प्रकार प्रोत्साहित कर सकता है, विवेचना कीजिये। (250 शब्द)
15 Oct, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकीउत्तर :
परिचय:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एक रूपांतरणकारी प्रौद्योगिकी है जो शासन में विद्यमान अंतरालों को समाप्त कर सकती है, सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है तथा निर्णय-निर्माण को अधिक प्रभावी बना सकती है। साथ ही, असमान अभिगम्यता के कारण यह आशंका भी बनी रहती है कि विभिन्न क्षेत्रों, वर्गों और सामाजिक-आर्थिक समूहों के बीच डिजिटल विषमताएँ और गहन हो सकती हैं। इस चुनौती से निपटने के लिये भारत सरकार ने इंडिया एआई मिशन (IndiaAI Mission) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य है — “मेकिंग AI इन इंडिया एंड मेकिंग AI वर्क फॉर इंडिया” अर्थात् भारत में AI का निर्माण और AI को भारत के लिये उपयोगी बनाना। ₹10,300 करोड़ से अधिक के निवेश और 38,000 GPU के प्रावधान के साथ यह मिशन देशभर में समावेशी एवं उत्तरदायी AI अंगीकरण को प्रोत्साहित करता है।
मुख्य भाग
AI के लाभों तक समान अभिगम्यता सुनिश्चित करने में IndiaAI Mission की भूमिका
- AI अवसंरचना का लोकतंत्रीकरण: IndiaAI कंप्यूट पिलर स्टार्टअप्स, शिक्षाविदों और नवप्रवर्तकों के लिये उच्च-स्तरीय GPU तक किफायती अभिगम्यता सुनिश्चित करता है।
- टियर 2 और टियर 3 शहरों में विस्तार शहरी-ग्रामीण डिजिटल विभाजन को कम करता है तथा विभिन्न क्षेत्रों को स्थानीयकृत AI समाधान विकसित करने की अनुमति देता है, जैसे: किसानों के लिये फसल सलाह या ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के लिये टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म।
- भारत-विशिष्ट AI अनुप्रयोगों का विकास: अनुप्रयोग विकास पहल स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शासन, जलवायु एवं शिक्षा के लिये AI समाधानों को बढ़ावा देती है।
- CyberGuard AI जैसे कार्यक्रम साइबर सुरक्षा अनुप्रयोगों को बढ़ावा देते हैं, जबकि कृषि-केंद्रित AI उपकरण किसानों को फसल नियोजन में सहायता करते हैं। यह क्षेत्रीय समावेशिता सुनिश्चित करता है तथा क्षेत्र-विशिष्ट विकासात्मक चुनौतियों का समाधान करता है।
- AI कौशल और क्षमता निर्माण: IndiaAI फ्यूचरस्किल्स कार्यक्रम जनसंख्या-स्तरीय कौशल विकास, छात्रों, ITI प्रशिक्षुओं, शिक्षकों एवं महिला उद्यमियों के प्रशिक्षण पर बल देता है।
- छोटे शहरों में AI लैब स्थापित करने से भौगोलिक समावेशिता को बढ़ावा मिलता है। उद्योग और शिक्षा जगत के साथ साझेदारी मानव पूंजी का निर्माण करती है, जिससे AI-संचालित अर्थव्यवस्था में समान भागीदारी संभव होती है।
- डेटा एक्सेसिबिलिटी और स्वदेशी AI मॉडल: एआईकोश जैसे प्लेटफॉर्म 3,000 से अधिक डेटासेट और 243 AI मॉडल प्रदान करते हैं, जिससे आधारभूत डेटा विकसित करने की बाधा कम होती है। बहुभाषी बड़े मल्टीमॉडल AI मॉडल भाषाई समावेशिता सुनिश्चित करते हैं और विविध क्षेत्रों के नवप्रवर्तकों का समर्थन करते हैं।
- स्टार्टअप, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता: स्टार्टअप वित्तपोषण स्तंभ और वैश्विक त्वरण कार्यक्रम के माध्यम से, IndiaAI राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नवीन समाधानों के विस्तार का समर्थन करता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि AI के लाभ केवल शहरी या उच्च आय वाले क्षेत्रों तक ही नहीं, बल्कि विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के नवप्रवर्तकों तक पहुँचें।
- सुरक्षित, ज़िम्मेदार और नैतिक AI: सुरक्षित और विश्वसनीय AI स्तंभ, पूर्वाग्रह निवारण, गोपनीयता संरक्षण और व्याख्यात्मकता सहित नैतिक AI परिनियोजन को बढ़ावा देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि AI के लाभ न्यायसंगत एवं समावेशी हों।
चुनौतियाँ
- डिजिटल विभाजन: ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित इंटरनेट एक्सेस और डिजिटल साक्षरता AI की अभिगम्यता को सीमित कर सकती है।
- अखिल भारतीय स्तर पर मोबाइल फोन स्वामित्व 73.4% है, जिसमें ग्रामीण स्वामित्व 69.3% है, जो शहरी स्वामित्व 82% से लगभग 13 प्रतिशत अंक पीछे है और महिला स्वामित्व 63% है, जो पुरुष स्वामित्व 83.3% से 20 प्रतिशत अंक पीछे है।
- डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा: संवेदनशील नागरिक डेटा के प्रबंधन से दुरुपयोग या साइबर खतरों का जोखिम बढ़ जाता है।
- अवसंरचना की कमी: कई टियर 2/3 शहरों और सार्वजनिक संस्थानों में AI-तैयार बुनियादी अवसंरचना का अभाव है।
- कौशल सीमाएँ: AI का तेज़ी से विकास, निरंतर पुनः-कौशलीकरण को एक चुनौती बना देता है, खासकर सीमांत समूहों के लिये।
- वित्त पोषण और अंगीकरण में बाधाएँ: सार्वजनिक क्षेत्र एवं SME में उच्च लागत और धीमी गति से अंगीकरण से प्रभाव सीमित हो सकता है।
निष्कर्ष:
IndiaAI मिशन AI तक अभिगम्यता को लोकतांत्रिक बनाने, क्षेत्रीय नवाचार को बढ़ावा देने, कुशल मानव पूंजी का निर्माण करने और नैतिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिये एक समग्र कार्यढाँचा प्रदान करता है। यद्यपि डिजिटल विषमताएँ, अवसंरचनात्मक सीमाएँ और गोपनीयता से जुड़ी चिंताएँ जैसी चुनौतियाँ विद्यमान हैं, फिर भी नीति समर्थन, वित्तीय सहयोग एवं क्षमता निर्माण के माध्यम से IndiaAI मिशन की रणनीतिक पहल इस दिशा में मार्ग प्रशस्त करती हैं कि AI एक समावेशी विकास का साधन बने, शासन को अधिक प्रभावी बनाए तथा भारत में समान आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करे।
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