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प्रश्न :
प्रश्न. मौर्य साम्राज्य का उदय केवल एक राजनीतिक सुदृढ़ीकरण ही नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और बौद्धिक परिवर्तन भी था। चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
25 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहासउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- मौर्य साम्राज्य का प्रथम अखिल भारतीय साम्राज्य के रूप में संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- उपयुक्त उदाहरणों सहित चर्चा कीजिये कि मौर्य साम्राज्य केवल एक राजनीतिक एकीकरण ही नहीं था, बल्कि एक सांस्कृतिक और बौद्धिक परिवर्तन भी था।
- साम्राज्य की विरासत और वर्तमान प्रासंगिकता के साथ उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
कौटिल्य के मार्गदर्शन में चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित मौर्य साम्राज्य (321 ईसा पूर्व), प्रथम अखिल भारतीय राजनीतिक एकीकरण था। इस साम्राज्य का विस्तार हिमालय से लेकर प्रायद्वीपीय भारत तक था और इसने एक सुदृढ़ केंद्रीकृत प्रशासन की स्थापना की। हालाँकि, इसका वास्तविक महत्त्व भारतीय इतिहास में एक सांस्कृतिक और बौद्धिक परिवर्तन के युग के रूप में निहित है।
मुख्य भाग :
राजनीतिक एकीकरण:
- चंद्रगुप्त ने नंदों को पराजित किया और सिकंदर की सेनाओं द्वारा छोड़े गये क्षेत्रों में अपने राज्य का विस्तार किया।
- बिंदुसार और अशोक के शासनकाल के दौरान यह साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था।
- मेगस्थनीज़ की ‘इंडिका’ और कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ में इस साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था, कर प्रणाली एवं गुप्तचर तंत्र का वर्णन है।
- फिर भी, मौर्यों की उपलब्धियाँ राजनीतिक नियंत्रण से परे थीं।
सांस्कृतिक और बौद्धिक परिवर्तन
- दार्शनिक और नैतिक नवाचार:
- अर्थशास्त्र: शासन कला, अर्थशास्त्र और कूटनीति को संहिताबद्ध किया।
- अशोक का धम्म: कलिंग युद्ध के बाद अशोक ने अहिंसा, सहिष्णुता और जनकल्याण पर बल दिया। इस प्रकार नैतिक अधिकार पर आधारित एक नये राजसत्तात्मक आदर्श का निर्माण हुआ।
बौद्ध धर्म और जैन धर्म का प्रचार:
- अशोक के शासनकाल में बौद्ध धर्म एक विश्व धर्म में परिवर्तित हो गया।
- तृतीय बौद्ध संगीति (पाटलिपुत्र) में सिद्धांतों को संहिताबद्ध किया गया।
- श्रीलंका, मध्य एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया में भेजे गये धर्मप्रचार ने भारतीय दर्शन का प्रसार किया।
- शिलालेखों के माध्यम से सांस्कृतिक एकीकरण
- अशोक के अभिलेख प्राकृत, यूनानी और अरामी भाषाओं में लिखे गये थे, जो भाषाई समावेशन का उदाहरण हैं।
- यह नैतिक मूल्यों पर आधारित राज्य संचार का पहला उदाहरण था।
- कला और स्थापत्य कला
- स्तंभ शिलालेख, सारनाथ सिंह शीर्ष → फारसी और भारतीय शैलियों का मिश्रण है।
- स्तूप (साँची, भरहुत) → बौद्ध स्थापत्यकला के उत्कर्ष का प्रतीक है।
- बराबर पहाड़ियों की शैलकृत गुफाएँ → मौर्य काल में तपस्वियों को दिये गए राजकीय संरक्षण को दर्शाता है।
- नैतिक शासन-व्यवस्था और कल्याण
- अस्पतालों और धर्मशालाओं की स्थापना, पशु बलि पर प्रतिबंध।
- ‘चक्रवर्ती’(धर्म द्वारा निर्देशित सार्वभौमिक शासक) की संकल्पना।
निष्कर्ष:
मौर्य साम्राज्य ने शासन, सांस्कृतिक एकता और नैतिक राजनीति का एक ऐसा आदर्श स्थापित किया जिसने आगे चलकर गुप्त एवं मुगल जैसे साम्राज्यों को प्रभावित किया। बौद्ध धर्म के माध्यम से इसके वैश्विक प्रसार ने एशियाई सभ्यताओं को आकार दिया। समकालीन समय में, अशोक का सिंह स्तंभ भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में मौर्य आदर्शों की स्थायी विरासत का प्रतीक है।
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